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Gold Investment: धनतेरस हो या दिवाली भारत में सोना यानी गोल्ड खरीदने की परंपरा रही है. बहुत से लोग जहां इन दिनों सोना खरीदना शुभ मानते हैं. (reuters)
Gold Buying Strategy in Festive Season/Dhanteras and Diwali: धनतेरस हो या दिवाली भारत में सोना यानी गोल्ड खरीदने की परंपरा रही है. बहुत से लोग जहां इन दिनों सोना खरीदना शुभ मानते हैं, वहीं अब बहुत से लोग फेस्टिव सीजन में सोने में पैसा निवेश के उद्देश्य से लगाते हैं. सोना लंबी अवधि में स्टेबल रिटर्न देने वाला विकल्प है, इसलिए निवेशकों का रूझान अब सोने और चांदी की ओर बढ़ रहा है. वैसे भी मौजूदा समय में जियो पॉलिटिकल टेंशन के चलते बाजारों में अनिश्चितता है, जिससे गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा भी कुछ फैक्टर हैं, जिनसे गोल्ड को सपोर्ट मिलेगा. क्या हैं वे फैक्टर, गोल्ड में निवेया की क्या स्ट्रैटेजी होनी चाहिए, इसमें कितना रिटर्न मिल सकता हे, इन सभी मुद्दों पर हमने एचडीएफसी सिक्योरिटीज में हेड- कमोडिटी एंड करंसी, अनुज गुप्ता से बात की है.
सवाल: अक्टूबर महीने ने बुलियन मार्केट को एक नया मोमेंटम दिया है, खासकर इजराइल-हमास संघर्ष के बाद. आप गोल्ड और सिल्वर में रैली को कहां तक जाते हुए देख रहे हैं?
जवाब: जियो-पॉलिटिकल टेंशन ने गोल्ड की कीमतों को 5 महीने के हाई पर पहुंचा दिया है. हमारा मानना है कि जियो-पॉलिटिकल टेंशन, ग्लोबल ग्रोथ में स्लोडाउन, फेड पॉलिसी और केंद्रीय बैंक की खरीदारी जैसे फैक्टर के चलते ग्लोबल फंड फ्लो सोने की कीमतों में मौजूदा तेजी को सपोर्ट दे रहे हैं. इसके अलावा, ईटीएफ की मांग में पॉजिटिव बदलाव आना शुरू हो गया है और हमें उम्मीद है कि यह निकट भविष्य में भी जारी रहेगा.
सवाल: क्या ऐसे अन्य ट्रिगर हैं जो बुलियन को अपनी मौजूदा रैली को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं?
जवाब: इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के अलावा फेड पॉलिसी, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी और हायर बॉरोइंग कास्ट और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के चलते गलोबल ग्रोथ पर दबाव रहेगा, जिससे गोल्ड में तेजी आने की उम्मीद है.
सवाल: त्योहारी सीजन की मांग कैसी रही है और शहरों/जियोग्रॉफी के संदर्भ में कहां डिमांड मजबूत है और कहां कमजोर है?
जवाब: त्योहारी सीजन और वेडिंग सीजन नजदीक आने के कारण कैलेंडर ईयर 2023 की आखिरी तिमाही में घरेलू बाजार में सोने के आभूषणों की मांग में सुधार होने की संभावना है. हालांकि, पिछले साल की तुलना में कुल मांग कम रही है, क्योंकि कमजोर नॉर्थ-वेस्ट मानसून और ऊंची कीमतों ने ग्रामीण एरिया से आने वाली डिमांड को कम कर दिया है.
सवाल: क्या चांदी में निवेश करना सुरक्षित होगा, क्योंकि इस साल इसमें काफी उतार-चढ़ाव रहा है. निवेश और इंडस्ट्रियल डिमांड के नजरिए से क्या राय है?
जवाब: हाल के दिनों में, कॉमेक्स सिल्वर ने कॉमेक्स गोल्ड की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है, जो बेस मेटल्स में मॉडरेट मंदी के रुझान का संकेत देता है. इस साल अब तक सोने ने लगभग 8% का रिटर्न दिया है, जबकि चांदी ने निगेटिव 2% का रिटर्न दिया है. निवेश की बात करें तो ईटीएफ की मांग में गिरावट जारी है और इस साल अब तक ईटीएफ निवेश में 7% से अधिक की गिरावट आई है. शॉर्ट टर्म में, पॉलिटिकल और इकोनॉमिक अनिश्चितता के प्रति संवेदनशीलता के कारण, चांदी को एक सस्टेनेबल फ्यूचर में परिवर्तन करने में कठिनाई हो रही है.
सवाल: बुलियन की चाल डॉलर इंडेक्स की संभावनाओं से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है. भारतीय रुपये की तुलना में इसका आउटलुक और ग्रीनबैक क्या है?
जवाब: बुलियन का डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड के साथ नकारात्मक संबंध है. हमने पिछली तिमाही में डॉलर इंडेक्स में 3% से अधिक की ग्रोथ देखी है, जबकि इसी अवधि के लिए, कॉमेक्स स्पॉट गोल्ड में 3.70% की गिरावट आई है. हमारा मानना है कि डॉलर इंडेक्स 107 के लेवल के आसपास पहुंचने और $103 से $104 की रेंज में कंसोलिडेट होने की संभावना है.
सवाल: निवेशकों या ट्रेडर्स को दिवाली या धनतेरस के पहले गोल्ड में निवेश के लिए क्या स्ट्रैटेजी रखनी चाहिए?
जवाब: पिछले दो हफ्ते में कीमत में तेज उछाल के बाद गोल्ड प्राइस का शॉर्ट टर्म ट्रेंड तेजी का हो गया है. वर्तमान में, कॉमेक्स पर गोल्ड की कीमत 200 DEAM ($1932) से काफी ऊपर कारोबार कर रही है. हमारा अनुमान है कि सोने की कीमतों में तेजी जारी रहेगी और मिड अर्म में कीमतें $2035/$2080 के स्तर तक बढ़ सकती हैं. निवेशकों को गोल्ड में गिरावट आने पर खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए. घरेलू बाजार की बात करें तो गोल्ड शॉर्ट टर्म यानी 1 महीने में करीब 62000 रुपये प्रति 10 ग्राम का लेवल टच कर सकता है. वहीं 6 महीने से ज्यादा समय के लिए इसका टारगेट 63000 रुपये है.