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Gold Rates Today : सोना 93,000 के नीचे खरीदना अच्छी डील है? या 90,000 रुपये तक गिरने का करें इंतजार

Gold Outlook 2025 : एक्सपर्ट का मानना है कि सोना में अभी गिरावट बनी रह सकती है. इसे 90,000 रुपये के लेवल के पास सपोर्ट है. इस भाव पर सोना आए तो निवेशकों को खरीदारी करनी चाहिए. 

Gold Outlook 2025 : एक्सपर्ट का मानना है कि सोना में अभी गिरावट बनी रह सकती है. इसे 90,000 रुपये के लेवल के पास सपोर्ट है. इस भाव पर सोना आए तो निवेशकों को खरीदारी करनी चाहिए. 

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Sushil Tripathi
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Gold : अभी सोने के लिए 94,000 से 95,000 की रेंज में मजबूत रेसिस्टेंस है, जबकि अगला प्रमुख सपोर्ट लेवल 90,000 पर है. (Pixabay)

Gold prices at heavy discount : सोने के भाव में आज कुछ तेजी दिख रही है, हालांकि इंट्राडे में यह एक बार फिर 93,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold Rates Today) के नीचे चला गया. इसके पहले 12 मई 2025 को वायदा बाजार यानी एमसीएक्‍स पर जून डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव 4,000 रुपये 4 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ 92,389 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गया. अभी यह 92,710 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गया था. सोने में इतनी बड़ी गिरावट भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर, रूस व यूक्रेन में शांति के आसार और डॉलर के मजबूत होने के चलते आई है. 

तो क्‍या इस भारी डिस्‍काउंट पर सोना खरीदना मुनाफे की डील साबित होगा. या इसमें और गिरावट का इंतजार करें. एक्सपर्ट का मानना है कि सोना में अभी गिरावट बनी रह सकती है. इसे 90,000 रुपये के लेवल के पास सपोर्ट है. इस भाव पर सोना आए तो निवेशकों को खरीदारी करनी चाहिए. 

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क्‍या 90,000 रुपये तक कमजोर होगा सोना

एलकेपी सिक्‍योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्‍ट, कमोडिटी एंड करेंसी, जतीन त्रिवेदी का कहना है कि 12 मई को सोनें की कीमतों में  4,000 रुपये से ज्‍यादा की भारी गिरावट आई थी, जो 23 जुलाई 2024 के बाद सबसे बड़ी गिरावट रही. अमेरिका-चीन के टैरिफ में कटौती और भारत-पाकिस्तान व रूस-यूक्रेन के बीच शांति की संभावनाएं बढ़ने के चलते सोने की कीमतों में गिरावट आई. अमेरिका और चीन ने टैरिफ में कमी का समझौता किया है.

अमेरिका के उत्पादों पर 10% और चीन के उत्पादों पर 30% की कटौती अगले 90 दिनों के लिए लागू होगी. इससे डॉलर इंडेक्स में तेजी आई, जो 101.50 के लवेल से ऊपर चला गया. इससे सोने का आकर्षण कम हो गया क्योंकि इसे सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है. 

इसके अलावा, रूस-यूक्रेन के बीच शांति और भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की खबरों से भी सोने की डिमांड कम हुई. बता दें कि इससे पहले, ग्‍लोबल अनिश्चितता के कारण सोने की कीमतें तेजी से बढ़ी थीं और पिछले महीने यह पहली बार 1,00,000 रुपये के पार निकल गया था.

उनका कहना है कि अभी सोने को 94,000 से 95,000 की रेंज में मजबूत रेसिस्टेंस का सामना करना पड़ सकता है, जबकि अगला प्रमुख सपोर्ट लेवल 90,000 पर है. अगर वैश्विक स्थिति स्थिर रहती है और सुरक्षित निवेश की मांग घटती है, तो सोने की कीमतों में और गिरावट हो सकती है. 

कीमतों में कंसोलिडेशन का संकेत

जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट, ईबीजी - कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च, प्रनव मेर का कहना है कि लॉन्‍ग्‍ लिक्विडेशन, प्रॉफिट बुकिंग  और जियो-पॉजिटिकल टेंशन में कमी के साथ-साथ डॉलर के अन्य प्रमुख करेंसी के मुकाबले मजबूत होने के कारण सोने की कीमतों में गिरावट आई. हालांकि, मुख्य ध्यान अमेरिका-चीन ट्रेड वार्ता पर रहा. टेक्निकल चार्ट कीमतों में कंसोलिडेशन का संकेत दे रहे हैं.

गोल्‍ड के लिए अभी सपोर्ट लेवल 93,350 / 92,000 रुपये पर है, जबकि ऊपर की ओर रेसिस्टेंस 95,850 / 97,000 रुपये पर है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें 3,190 डॉलर प्रति औंस के आसपास सपोर्ट बनाए हुए हैं, जबकि ऊपर की ओर 3,400 / 3,505 डॉलर पर रेजिस्‍टेंस है. 

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