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गोल्ड, सिल्वर या बिटकॉइन, कहां होगा ज्यादा फायदा? जानिए बफेट और रॉबर्ट कियोसाकी की राय

पिछले एक साल में सोना, चांदी और बिटकॉइन ने जबरदस्त रिटर्न दिए हैं. रॉबर्ट कियोसाकी इन्हें 'असली पैसा' और महंगाई से बचाने वाला शील्ड मानते हैं, जबकि वॉरेन बफेट सोना और बिटकॉइन को फालतू और लाभ न देने वाली संपत्ति कहते हैं.

पिछले एक साल में सोना, चांदी और बिटकॉइन ने जबरदस्त रिटर्न दिए हैं. रॉबर्ट कियोसाकी इन्हें 'असली पैसा' और महंगाई से बचाने वाला शील्ड मानते हैं, जबकि वॉरेन बफेट सोना और बिटकॉइन को फालतू और लाभ न देने वाली संपत्ति कहते हैं.

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FE Hindi Desk
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Buffett Vs Kiyosaki

“सोना, चांदी या बिटकॉइन? अभी किसमें निवेश करना सबसे फायदेमंद रहेगा, जानिए दो दिग्गज निवेशक Robert Kiyosaki और Warren Buffett की राय. Photograph: (AI Image)

पिछले एक साल में सोना, चांदी और बिटकॉइन, तीनों ने शानदार रिटर्न दिए हैं. आंकड़ें बताते हैं कि 99.9 प्यूरीटी वाला गोल्ड करीब 40 फीसदी बढ़कर अब 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर ट्रेड कर रहा है. चांदी भी करीब 44 फीसदी बढ़ी है और यह 1,16,000 रुपये प्रति किलो के आसपास है. बिटकॉइन ने तो कमाल कर दिया, एक साल में 111 फीसदी से ज्यादा की छलांग लगाई और 17 अगस्त 2025 को इसकी कीमत 1,17,293 डॉलर है.

ऐसे वक्त में जब इक्विटी मार्केट्स ट्रेड वॉर, जिओपॉलिटिकल टेंशन और सेंट्रल बैंकों की नीतिगत अनिश्चितताओं जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं, निवेशक सुरक्षित और वैकल्पिक एसेट्स की ओर रुख कर रहे हैं. लेकिन असली सवाल यह है कि इनमें से किसे चुना जाए? अगर रॉबर्ट कियोसाकी और वॉरेन बफेट की समझ से सीखें, तो जवाब आपको चौंकाने वाला मिल सकता है.

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रॉबर्ट कियोसाकी के हिसाब से असली पैसा हैं सोना, चांदी और बिटकॉइन

मशहूर किताब रिच डैड पुअर डैड (Rich Dad Poor Dad) के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी मानते हैं कि असली पैसा सोना, चांदी और बिटकॉइन है. उनका कहना है कि कैश यानी सरकार द्वारा छापी गई करेंसी सबसे बड़ी भूल है, क्योंकि मुद्रास्फीति (inflation) उसकी असली कीमत को धीरे-धीरे खत्म कर देती है. इसी वजह से वो डॉलर जैसी करेंसी को “फेक मनी” कहते हैं.

कियोसाकी का तर्क है कि जब सरकारें लगातार नोट छापती रहती हैं, तो पैसों की खरीदने की ताकत घटती जाती है. इसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और मध्यम वर्ग को होता है क्योंकि उनकी बचत ज्यादातर कैश या बैंक अकाउंट में रहती है. वहीं अमीर लोग, जिनका पैसा रियल एसेट्स जैसे जमीन, सोना, ऑयल या शेयरों में लगा होता है, वे और ज्यादा अमीर हो जाते हैं.

इसीलिए कियोसाकी बार-बार सलाह देते हैं कि अपनी बचत सिर्फ कैश में रखने के बजाय असली एसेट्स में लगाइए ताकि महंगाई से बचाव हो सके और संपत्ति की असली कीमत बनी रहे.

आज का बाजार भी उनकी सोच को सही ठहराता है—सोना और चांदी ने एक साल में 40% से ज्यादा रिटर्न दिया है, बिटकॉइन 100% से ऊपर चढ़ा है और कैश की खरीदने की ताकत कमजोर हुई है. कियोसाकी के मुताबिक, बिटकॉइन आज का डिजिटल गोल्ड है, जबकि सोना और चांदी सदियों से भरोसेमंद साबित हुए हैं. उनकी मानें तो अगर आपको दौलत की सुरक्षा और महंगाई से बचाव चाहिए, तो इन तीनों एसेट्स में निवेश सबसे सही रास्ता है.

Gold Silver and Bitcoin: तीनों एसेट्स को लेकर वॉरेन बफेट की राय

वहीं दुनिया का सबसे सफल निवेशक वॉरेन बफेट सोना, चांदी और बिटकॉइन पर रॉबर्ट कियोसाकी से बिल्कुल अलग राय रखते हैं. सोने को लेकर ओमाहा के संत (Sage of Omaha) बफेट का मानना है कि यह पूरी तरह बेकार है. यह न कोई प्रोडक्ट बनाता है, न सर्विस देता है और न ही बिज़नेस से कैश फ्लो उत्पन्न करता है. बफेट के शब्दों में, “सोना तो बस पड़ा रहता है और आपको देखता है.” उनके अनुसार, सोने में निवेश असल में डर पर दांव लगाने जैसा है.

चांदी पर उनकी राय अलग है. बफेट इसमें निवेश कर चुके हैं क्योंकि इसका इंडस्ट्रियल इस्तेमाल होता है—इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल, मेडिकल उपकरणों से लेकर ज्वेलरी तक. यानी यह न सिर्फ कीमती धातु है बल्कि काम आने वाली धातु भी है.

बिटकॉइन को लेकर बफेट बेहद सख्त रुख रखते हैं. उनका मानना है कि इसका किसी भी प्रोडक्टिव गतिविधि से कोई लेना-देना नहीं है. यह न तो कोई प्रोडक्ट बनाता है, न सर्विस देता है और न ही बिज़नेस खड़ा करता है. बफेट के अनुसार, असली निवेश वही है जिसमें कंपनियों के प्रोडक्ट, ग्राहक और मज़बूत प्रबंधन हो. इसलिए बिटकॉइन उनकी निवेश फिलॉसफी के बिल्कुल विपरीत है.

Real estate and equity: इस पर दोनों दिग्गज निवेशकों की राय

रॉबर्ट कियोसाकी और वॉरेन बफेट, दोनों दिग्गज निवेशकों की सोच रियल एस्टेट और शेयर बाजार को लेकर बिल्कुल अलग है. कियोसाकी का मानना है कि रियल एस्टेट सबसे अच्छा निवेश है, क्योंकि इसमें आपको नियमित कैश फ्लो भी मिलता है और संपत्ति की कीमत भी बढ़ती है. वहीं शेयर बाजार को वह ज्यादा जोखिम भरा मानते हैं और इसमें उन्हें सीमित मौके दिखते हैं. दूसरी तरफ, बफेट का पूरा भरोसा शेयर बाजार पर है. उनकी निवेश फिलॉसफी वैल्यू इन्वेस्टिंग पर टिकी है — यानी अच्छी कंपनियों के शेयर सस्ते दामों पर खरीदना और लंबे समय तक धैर्य के साथ रखना.

आज की स्थिति देखें तो शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव और ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता के कारण निवेशक सतर्क हैं. दूसरी ओर, रियल एस्टेट कई जगहों पर महंगा जरूर हो गया है, लेकिन कियोसाकी जैसे निवेशकों के लिए यह अब भी “टिकाऊ संपत्ति” माना जाता है.

तो फिर निवेशकों को क्या करना चाहिए?

आज की स्थिति में निवेशकों के सामने दो बिल्कुल अलग रास्ते हैं. रॉबर्ट कियोसाकी का कहना है कि सोना, चांदी और बिटकॉइन खरीदिए, क्योंकि ये आपको महंगाई और सरकारी नीतियों से बचाते हैं. वहीं वॉरेन बफेट की राय है कि सोने और बिटकॉइन से दूर रहिए, और अपना पैसा या तो चांदी में लगाइए या फिर उन कंपनियों के शेयरों में, जो असल में प्रोडक्ट बनाती हैं, सेवाएं देती हैं और लंबे समय तक कैश फ्लो पैदा करती हैं.

असल रास्ता शायद बीच का है. अगर आप सुरक्षा और महंगाई से बचाव चाहते हैं तो पोर्टफोलियो में थोड़ा सोना-चांदी (और जोखिम उठा सकते हैं तो कुछ बिटकॉइन) रख सकते हैं. लेकिन अगर आप लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और लगातार कमाई चाहते हैं तो मजबूत कंपनियों के शेयर या इंडस्ट्रियल एसेट्स बेहतर विकल्प हो सकते हैं.

संक्षेप में, आज जब सोना, चांदी और बिटकॉइन रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं और शेयर बाजार उतार-चढ़ाव से भरा है, तो कियोसाकी कहेंगे कि "रियल एसेट्स ही असली सुरक्षा हैं", जबकि बफेट अब भी यही सलाह देंगे कि "ऐसी चीज़ें चुनो जो असली वैल्यू बनाती हों".

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