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Digital Gold: अगले महीने से स्टॉक ब्रोकर बंद करेंगे डिजिटल गोल्ड की बिक्री, जानिए कहां जारी रहेगी खरीदारी और क्या करें अपने पुराने निवेश का

Digital Gold: अगले महीने स्टॉक ब्रोकर के जरिए डिजिटल गोल्ड की खरीद-बिक्री बंद हो जाएगी. ऐसे में जिनका निवेश है, उनके लिए एक्सपर्ट ने कुछ सुझाव दिए हैं और नए निवेशकों के लिए सलाह दी है.

Digital Gold: अगले महीने स्टॉक ब्रोकर के जरिए डिजिटल गोल्ड की खरीद-बिक्री बंद हो जाएगी. ऐसे में जिनका निवेश है, उनके लिए एक्सपर्ट ने कुछ सुझाव दिए हैं और नए निवेशकों के लिए सलाह दी है.

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FE Online
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Golden rule Do not buy digital gold from stock brokers where to purchase digital gold

जिन निवेशकों ने डिजिटल गोल्ड खरीदे हैं, वे ब्रोकर्स के जरिए इसकी बिक्री कर सकते हैं या फिजिकल डिलीवरी ले सकते हैं.

Digital Gold: गोल्ड में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड का विकल्प तेजी से निवेशकों को आकर्षित कर रहा है. हालांकि अगले महीने 10 सितंबर से स्टॉक ब्रोकर के जरिए इसे नहीं खरीद सकेंगे. ऐसा मार्केट रेगुलेटर सेबी के एक निर्देश के चलते होगा. सेबी ने एक्सचेंजों को निर्देश दिए हैं कि ब्रोकर अब डिजिटल गोल्ड की बिक्री न कर सकें. विशेषज्ञों ने इसे लेकर सावधान किया है लेकिन आप अब भी आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक नॉन-बैंकिंग प्लेटफॉर्म या वॉलेट्स से डिजिटल गोल्ड की खरीदारी कर सकते हैं. सेबी ने डिजिटल गोल्ड की बिक्री को सिक्योरिटीज कांट्रैक्टस (रेगुलेशन) रूल्स, 1957 के रूल 8(3) का उल्लंघन बताया है. सिक्योरिटीज कांट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स, 1957 के हत डिजिटल गोल्ड को सिक्योरिटी नहीं माना जाता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने अपने सभी सदस्यों, स्टॉकहोल्डर्स और वेल्थ मैनेजर्स को 10 सितंबर से अपने प्लेटफॉर्म पर इसकी बिक्री रोकने का निर्देश दिया है.

डिजिटल गोल्ड का युवाओं के बीच तेजी से आकर्षण बढ़ रहा है क्योंकि इसमें मोबाइल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म व वॉलेट्स द्वारा ऑफर किए जा रहे कैशबैक रिवार्ड्स के जरिए निवेश कर सकते हैं. कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान इसकी बिक्री में तेजी से इजाफा हुआ क्योंकि उस दौरान ज्वैलरी स्टोर्स पर जाना संभव नहीं था. इसके अलावा स्टोरेज कॉस्ट नहीं होने के कारण गोल्ड के इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में निवेश का चलन तेजी से बढ़ा.

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क्या है Digital Gold?

निवेशक गोल्ड को फिजिकल फॉर्म में होल्ड किए बिना डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं. तीन मेटल ट्रेडिंग कंपनियां- ऑगमोंट गोल्ड, एमएमटीसी-पीएएमपी इंडिया (सरकारी कंपनी एमएमटीसी और स्विस कंपनी एमकीएस पैंप का ज्वाइंट वेंचर) और सेफगोल्ड ब्रांड के जरिए डिजिटल गोल्ड इंडिया इसकी बिक्री करती है. ये कंपनियां फिजिकल गोल्डज खरीदती हैं और फिर इसे सुरक्षित वॉल्ट में रखकर स्टॉक ब्रोकिंग, नॉन-ब्रोकिंग व मेटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर डिजिटल गोल्ड की बिक्री करती है. निवेशक चाहे तो क्वाइन या बूलियन के रूप में इसकी फिजिकल डिलीवरी ले सकता है या खरीदे गए गोल्ड की डिजिटली बिक्री कर सकता है.

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इन प्लेटफॉर्म पर जारी रहेगी डिजिटल गोल्ड की बिक्री

डिजिटल गोल्ड को कोई नियामक रेगुलेट नहीं करता है और इसके चलते यह चिंता जाहिर की जाती है कि निवेश सर्टिफिकेट को फिजिकल गोल्ड का सहारा मिला हुआ है या नहीं. हालांकि निवेशकों का मानना है कि मेटल ट्रेडिंग फर्म अपने वॉल्ट में डिजिटल गोल्ड के मूल्य के बराबर गोल्ड रखती है और इसे आईडीबीआई ट्रस्टी सुनिश्चित करता है. अगले महीने से स्टॉक ब्रोकर डिजिटल गोल्ड की बिक्री बंद कर देंगे लेकिन वॉलेट्स व प्लेटफॉर्म इसकी बिक्री जारी रखेंगे. फोन-पे और गूगल पे जैसे नॉन-ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म पर सेबी के नए निर्देशों का प्रभाव नहीं पड़ेगा और ये अपने ग्राहकों को डिजिटल गोल्ड ऑफर करते रहेंगे. ऑगमोंट गोल्ड ग्राहकों को सीधे अपने प्लेटउफॉर्म के जरिए डिजिटल गोल्ड ऑफर करता है.

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

  • जिन निवेशकों ने डिजिटल गोल्ड खरीदे हैं, वे ब्रोकर्स के जरिए इसकी बिक्री कर सकते हैं या फिजिकल डिलीवरी ले सकते हैं. 10 सितंबर के बाद से निवेशकों को सीधे मेटल ट्रेडिंग कंपनियों के जरिए डील करनी होगी.
  • निवेश व रिसर्च फर्म पेनीवाइज के को-फाउंडर व प्रमुख गौतम कुमार के मुताबिक जिन लोगों ने डिजिटल गोल्ड खरीदा है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसकी खरीदारी के बाद वे अपने आप गोल्ड प्रोवाइडर/मैन्यूफैक्चरर के सदस्य बन जाते हैं. गौतम कुमार के मुताबिक अगर आप अपने निवेश को बनाए रखने चाहते हैं तो 10 सितंबर के बाद आपको सीधे प्रॉडक्ट के मैन्यूफैक्चरर के संपर्क में रहना होगा या तो आप चाहें तो ब्रोकर के जरिए अपने निवेश से एग्जिट कर सकते हैं.
  • क्वांटम म्यूचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर (अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट) चिराग मेहता के मुताबिक निवेशकों को भविष्य में किसी समस्या से बचने के लिए सुरक्षित और रेगुलेटेड तरीके देखने चाहिए. मेहता के मुताबिक गोल्ड ईटीएफ व गोल्ड फंड-ऑफ-फंड्स निवेश के लिए बेहतर विकल्प हैं. ये रेगुलेटेड हैं और इन्हें 24 कैरट फिजिकल गोल्ड का सपोर्ट मिला हुआ है. इसके अलावा ये कम गुणक यानी कम वजन में उपलब्ध हैं और लिक्विड हैं. इसके अलावा इनमें निवेश प्राइस और टैक्स एफिशिएंट है.
  • निवेशक सोवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प भी देख सकते हैं क्योंकि इनमें सालाना ब्याज मिलता है और ये टैक्स एफिशिएंट है लेकिन इनकी सेकंडरी मार्केट में लिक्विडिटी कम है जिसके चलते प्राइस इनएफिशिएंसी है.

    (Article: Saikat Neogi)