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SBI होम लोन धारकों के लिए अच्छी खबर, अब जल्दी मिलेगा ब्याज दर में कटौती का फायदा

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के होम लोन धारकों के लिए अच्छी खबर है.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के होम लोन धारकों के लिए अच्छी खबर है.

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FE Online
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SBI होम लोन धारकों के लिए अच्छी खबर, अब जल्दी मिलेगा ब्याज दर में कटौती का फायदा

The new fund offering opens on Tuesday and will close on September 22.

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के होम लोन धारकों के लिए अच्छी खबर है. बैंक ने कर्ज की MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट) रिसेट फ्रिक्वेंसी को एक साल से घटाकर छह महीना कर दिया गया है. इससे कर्जधारकों को MCLR में कटौती का फायदा पहले के मुकाबले तेजी से उठाने में मदद मिलेगी जब रिसेट फ्रिक्वेंसी एक साल की थी. बैंक ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए दी है.

बैंक ने अपने ट्वीट में कहा कि ब्याज में कटौती का फायदा एक साल तक इंतजार किए बिना उठाइए. एसबीआई ने MCLR रिसेट फ्रिक्वेंसी को 1 साल से घटाकर छह महीने कर दिया है. कर्जधारकों को गिरते ब्याज दर का फायदा लेने के लिए एक साल तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है.

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MCLR लिंक्ड लोन कैसे काम करते हैं ?

अगर कोई होम लोन MCLR बेस्ड ब्याज दर से लिंक्ड है, तो इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (EMI) की राशि केवल होम लोन की रिसेट डेट पर ही बदलती है जो बैंक के MCLR को संशोधित करने के तुरंत बाद आती है. उदाहरण के लिए, अगर आपकी होम लोन की रिसेट डेट जनवरी में है और बैंक ने उस साल जुलाई में अपने MCLR में बदलाव किया है, तो उसका आपकी ईएमआई पर असर अगले साल जनवरी में ही होगा.

आम तौर पर बैंक MCLR लिंक्ड लोन को एक साल की रिसेट फ्रिक्वेंसी के साथ ऑफर करते हैं. इसका मतलब है कि लोन लेने वालों को बैंक की MCLR में कटौती का फायदा EMI में कटौती का फायदा मिलने में ज्यादा समय लगता है. इससे कर्जधारकों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा (RBI) द्वारा एलान किए पॉलिसी रेट में कटौती का फायदा जल्दी मिलने में मुश्किल होती है.

एक कर्जधारक को याद रखना चाहिए कि तुलना में, एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड लोन को रिव्यू करना अनिवार्य होता है और हर तीन महीने में इसे रिसेट किया जाता है.

वर्तमान में, SBI का एक साल का MCLR 7 फीसदी और छह महीने का MCLR 6.95 फीसदी है.

Sbi State Bank Of India