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Jan Aushadhi स्कीम में कुछ ठगी की भी घटनाएं आई हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार अलर्ट है.
Jan Aushadhi Kendra Alert!: सरकार की प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र योजना मौजूदा समय में बहुत से युवाओं के लिए गेमचेंजर साबित हो रही है. इस योजना के जरिए उन्हें अपने कस्बे, शर या घर पर रहकर ही बेहतर इनकम करने में मदद मिल रही है. यह योजना सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल है, जिसका उद्देश्य लोगों को रोजगार देने के अलावा घर घर तक क्वालिटी और सस्ती दवाएं पहुंचाना है. लेकिन अब योजना के जरिए कुछ ठगी की भी घ्झाटनाएं आई हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने लोगों को अलर्ट किया है.
ठगी के न हो जाएं शिकार
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर अलर्ट जारी किया है. जिसमें कहसा गया है कि कुछ ठग खुद को फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) के कर्मचारी, प्रतिनिधि या एजेंट बताकर लोगों को जन औषधि केंद्र खोलने के लिए कह रहे हैं. वे ऑनलाइन वेबसाइट, फेंसबुक या ईमेल के जरिए इसके लिए फॉर्म भी उपलब्ध करवा रहे हैं, साथ ही कुछ अमाउंट की भी डिमांड कर रहे हैं. सरकार का कहना है कि ऐसे प्रसताव से सावधान रहने की जरूरत है. इसके लिए आवेदन सिर्फ आधिकारिक वेबसाइट www.janaushadhi.gov.in के जरिए ही किया जा सकता है. 18001808080 इस बारे में पूछताछ के लिए टॉल फ्री नंबर है.
सरकार दे रही है प्रोत्साहन
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए सरकार किसी इनडिविजुअल को कई तरह के प्रोत्साहन भी दे रही है. सरकारी दवा की दुकान खोलने पर लोगों के मुनाफे का खास ध्यान रखा जा रहा है. यहां तक कि दुकान खोलने में आने वाला बड़ा खर्च भी सरकार इंसेंटिव के जरिए वापस कर दे रही है.
गाइडलाइंस में कहा गया है कि जनऔघधि केंद्र खोलने पर दवा की बिक्री पर 20 फीसदी मार्जिन दुकान चलाने वालों को दिया जाएगा.
नॉर्मल इंसेंटिव के रूप में सरकार दवा की दुकरान खोलने में आने वाले खर्च को धीरे धीरे वापस कर देती है. यह इंसेंटिव मंथली परचेज का 15 फीसदी या 15000 में जो अधिक हो, दिया जाता है.
स्पेशल इंसेंटिव महिला कारोबारी, दिव्यांग, SC, ST को या नॉर्थ ईस्ट या नक्सल प्रभावित इलाकों में जनऔषधि केंद्र खोलने पर दिया जाता है.
अबतक खुले 8900 जन औषधि केंद्र
सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश भर में अभी 8900 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं, जिनसे प्रतिदिन करीब 20 लाख लोग सस्ती दवाइयां खरीद रहे हैं. रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने यह जानकारी दी. मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों के मालिक 15000 रुपये प्रति माह की अधिकतम सीमा के अधीन 15 फीसदी मंथली खरीद की दर से प्रोत्साहन के पात्र होते हैं. मंत्रालय का लक्ष्य मार्च, 2024 तक देश में कुल 10,000 जन औषधि केंद्र खोलने का है.