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टैक्सपेयर्स द्वारा फाइल किए गए रिटर्न को जब आयकर विभाग प्रोसेस करता है तो इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 143(1) के तहत टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे जाते हैं.
Income Tax Notice: अगर पास टैक्सपेयर हैं तो रिटर्न भी फाइल करते होंगे. टैक्सपेयर्स द्वारा फाइल किए गए रिटर्न को जब आयकर विभाग प्रोसेस करता है तो इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 143(1) के तहत टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे जाते हैं. इसे कानूनी भाषा में इंटिमेशन नोटिस कहते हैं. टैक्स डिपार्टमेंट इस नोटिस को टैक्सपेयर्स की रजिस्टर्ड ई-मेल आईडी पर भेजाता है. इसके अलावा टैक्सपेयर्स के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी एक एसएमएस भेजा जाता है जिसमें यह सूचना दी जाती है कि रजिस्टर्ड मेल आईडी पर इंटिमेशन नोटिस भेजा गया है.
इस नोटिस के जरिए टैक्सपेयर्स को सूचना दी जाती है कि उनके द्वारा आईटीआर में आयकर की गणना आयकर विभाग के कैलकुलेशन से मैच कर रही है या नहीं. आईटीआर को प्रोसेस करते समय टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स व ब्याज के कैलकुलेशन में किसी गलती के अलावा अन्य किसी प्रकार के एरर्स की जांच करता है. इसके अलावा डिपार्टमेंट टैक्स पेमेंट मोड को भी वेरीफाई करता है. जब टैक्सपेयर्स द्वारा भेजी गई सभी जानकारियों की जांच पूरी हो जाती है तो टैक्सपेयर्स को सेक्शन 143(1) के तहत इंटीमेशन नोटिस भेजा जाता है.
नोटिस में देखें ये चीजें
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस नोटिस को ध्यानपूर्वक पढ़ा जाना चाहिए. टैक्स2विनडॉटइन के सीईओ और को-फाउंडर अभिषेक सोनी के मुताबिक जब टैक्सपेयर्स को ऐसा नोटिस मिले तो इसमें ये चीजें देखनी चाहिए-
- सबसे पहले यह देखना चाहिए कि इसमें नाम, एड्रेस, पैन जैसी व्यक्तिगत जानकारियां सही भरी गई है या नहीं.
- इसके बाद यह देखा जाना चाहिए कि नोटिस किस प्रकार का है. यह नोटिस आईटीआर की प्रोसेसिंग के लिए सेक्शन 143(1) के तहत इंटिमेशन नोटिस है या सेक्शन 139(9) के तहत डिफेक्टिव नोटिस है या सेक्शन 143(2) के तहत स्क्रूटनी एसेसमेंट का नोटिस है.
- सोनी के मुताबिक टैक्सपेयर्स का अगला कदम आईटीआर को मैच करना होना चाहिए जो फाइल किया हुआ है. इसके अलावा फिर नोटिस के कारणों की जांच करनी चाहिए.
- नोटिस की प्रकृति के मुताबिक देखना चाहिए कि टैक्सपेयर्स को क्या कदम उठाने हैं जैसे कि संशोधित आईटीआर फाइल करना है या रेक्टिफिकेशन रिक्वेस्ट सबमिट करना है या कुछ राशि का पेमेंट करना है.
आयकर विभाग को 9 माह के अंदर भेजना होता है नोटिस
आयकर कानून के मुताबिक टैक्सपेयर्स जिस वित्त वर्ष में आईटीआर फाइल करता है, उससे नौ महीने के भीतर आयकर विभाग को इंटिमेशन नोटिस भेजना होता है. यह नियम 1 अप्रैल 2021 से प्रभावी है. इस नियम को ऐसे समझ सकते हैं कि अगर कोई शख्स आज एसेसमेंट इयर 2020-21 के लिए आईटीआर फाइल करता है तो उसे 31 दिसंबर 2022 तक इंटीमेशन नोटिस मिल जाएगा. यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि सेक्शन 143(1) के तहत भेजा गया नोटिस आखिरी नहीं होता है. आयकर विभाग भविष्य में अन्य जानकारियों के लिए टैक्सपेयर्स को नोटिस भेज सकता है. वित्त वर्ष 2021 के लिए आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2021 है.
(आर्टिकल: राजीव कुमार)