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इंस्टेंट मैसेजिंग सॉल्यूशन 'संदेश' ऐप के लिए भी आधार को वैकल्पिक बना दिया है.
Aadhaar Authentication Norms: आधार से जुड़ी अनिवार्यता संबंधी नियमों में सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं. इसके प्रभावी होने के बाद अब बिना आधार संख्या (Aadhaar Number) के भी कुछ कार्य कराए जा सकते हैं. सरकार की ओर से नोटिफाई किए गए नए नियमों के अनुसार, अब पेंशन लेने वाले बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (Digital Life Certificate) जीवन प्रमाण के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा. पेंशन लेने के लिए जीवन प्रमाण सर्टिफिकेट पेंशनर्स को जमा कराना होता है. अब डिजिटल तौर पर जीवन प्रमाण पत्र लेने के लिए आधार स्वैच्छिक है. इसके अलावा, सरकार ने बेहतर प्रशासन संचालन (सामाजिक कल्याण, इनोवेशन, ज्ञान) नियम 2020 के तहत अपनी त्वरित संदेश समाधान वाली ऐप ‘संदेश’ और सरकारी दफ्तरों में हाजिरी लगाने के लिए आधार प्रमाणीकरण को स्वैच्छिक कर दिया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय की ओर से 18 मार्च को जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘जीवन प्रमाण के लिए आधार की प्रामाणिकता स्वैच्छिक आधार पर होगी और इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए वैकल्पिक तरीके निकालने चाहिए. इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन और यूआईडीएआई द्वारा समय-समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा.’’
पेंशनर्स को हुई आसानी
पेंशनर्स की सहूलियत के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की शुरुआत की गई. कई बुजुर्गों को पेंशन लेने के लिए अपनी जीवित होने की सत्यता के लिए लंबी यात्रा कर पेंशन वितरित करने वाली एजेंसी के समक्ष उपस्थित होना पड़ता था. या फिर वह जहां नौकरी करते रहे हैं वहां से उन्हें जीवन प्रमाणपत्र लाना होता था और उसे पेंशन वितरण एजेंसी के पास जमा कराना होता था. डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनर्स को खुद लंबी यात्रा कर संबंधित संगठन अथवा एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की अनिवार्यता से निजात मिल गई.
हालांकि, कई पेंशनर्स की यह शिकायत थी कि आधार कार्ड नहीं होने या फिंगर प्रिंट स्पष्ट नहीं अंकित होने से पेंशन लेने में दिक्कत हो रही है. इस बीच कुछ सरकारी संगठनों ने 2018 में पेंशन जारी करने का विकल्प उपलब्ध कराया था. अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए आधार को स्वैच्छिक बनने का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है.
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संदेश ऐप के लिए हुआ वैकल्पिक
इलेक्ट्रॉनिक एंड आईटी मिनिस्ट्री ने इसके साथ ही इंस्टेंट मैसेजिंग सॉल्यूशन 'संदेश' ऐप के लिए भी आधार को वैकल्पिक बना दिया है. संदेश ऐप को नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर ने विकसित किया है.
18 मार्च को ही जारी एक अन्य नोटिफिकेशन में कहा गया, ''संदेश के लिए आधार प्रमाणन स्वैच्छिक है और यूजर आर्गनाइजेशन वेरिफिकेशन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराएंगे. इस मामले में एनआईसी को आधार कानून 2016, आधार नियमन 2016 और कार्यालय ज्ञापन और यूआईडीएआई की ओर से समय-समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा.''
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