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PMVVY: वरिष्ठ नागरिक अब मार्च 2023 तक ले सकेंगे इस स्कीम का फायदा, FY21 में 7.4% तक मिलेगा ब्याज

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में PMVVY को 3 साल का एक्सटेंशन दे दिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में PMVVY को 3 साल का एक्सटेंशन दे दिया गया है.

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Ritika Singh
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Government extends 'Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana' by 3 yrs till 31st Mar 2023, know what is PMVVY Image: PTI

वरिष्ठ नागरिकों के लिए लाई गई प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY) में अब 31 मार्च 2023 तक निवेश किया जा सकेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस स्कीम को 3 साल का एक्सटेंशन दे दिया गया है. इस स्कीम के तहत रजिस्ट्रेशन की अवधि मार्च 2020 को खत्म हो चुकी थी लेकिन अब फिर से यह स्कीम मार्च 2023 तक लागू रहेगी. कराया जा सकता है. PMVVY मे वित्त वर्ष 2020-21 के लिए निश्चित रिटर्न की दर 7.4 फीसदी सालाना रखी गई है. इस दर को हर साल बदला जाता है. पहले इस स्कीम में निश्चित रिटर्न 8 फीसदी था.

PMVVY

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PMVVY वर‍िष्‍ठ नागरिकों के लिए एक पेंशन स्‍कीम है. इसके क्रियान्‍वयन का जिम्‍मा LIC पर है. यह स्‍कीम दो वर्जनों में केंद्रीय बजट 2017-18 और 2018-19 में घोष‍ित की गई थी और 4 मई, 2017 को PMVVY को लॉन्‍च की गई थी. PMVVY में 60 साल या उससे ज्यादा का कोई भी नागरिक निवेश कर सकता है. निवेश की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये है.

इस स्कीम का टर्म 10 साल है यानी वरिष्ठ नागरिक को 10 साल तक पेंशन मिलती है. 10 साल बाद निवेशकर्ता के जीवित होने पर स्कीम में लगाया गया पैसा पेंशन की फाइनल किस्त के साथ वापस मिल जाता है. वहीं अगर किसी कारणवश 10 साल के टर्म के अंदर पेंशन पाने वाले की मौत हो जाती है तो PMVVY में लगाया गया पैसा पेंशनर के कानूनी उत्तराधिकारी/नॉमिनी को वापस कर दिया जाता है. यहां तक कि अगर पेंशनर खुदकुशी कर ले तो भी जमा रकम वापस मिल जाएगी. इस योजना को सर्विस टैक्स और GST से छूट है.

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से निवेश

PMVVY में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से निवेश किया जा सकता है. निवेश की रकम के आधार पर ही पेंशन की रकम तय होती है. निवेश के बाद सीनियर सिटीजन को तत्काल तौर पर पेंशन मिलने लगती है. इस स्कीम में पेंशनर के पास विकल्प रहता है कि वह मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक, किस आधार पर पेंशन की रकम लेगा. अभी तक इसी आधार पर उसके ब्याज की दर भिन्न-भिन्न रहती थी. उदाहरण के तौर पर अभी तक PMVVY में हर महीने पेंशन लेने वालों को 8 फीसदी, जबकि सालाना पेंशन लेने पर 8.3 फीसदी सालाना का ब्याज मिल रहा था. अब वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिटर्न मैक्सिमम 7.4 फीसदी सालाना कर दिया गया है.

15-30 दिन में स्कीम छोड़ने का विकल्प

अभी तक यह प्रावधान था कि अगर PMVVY लेने के बाद निवेशकर्ता इसके किसी नियम या शर्त से संतुष्ट नहीं है तो वह इसे तय अवधि के अंदर छोड़ भी सकता है. LIC कार्यालय से PMVVY लेने पर रसीद मिलने के 15 दिनों के अंदर और ऑनलाइन पॉलिसी लेने पर रसीद प्राप्त होने के 30 दिनों के अंदर कारण बताकर स्कीम से निकला जा सकता था. इस बीच अगर व्यक्ति को पेंशन मिल गई तो वह रकम और स्टांप ड्यूटी चार्ज काटकर व्यक्ति का जमा पैसा उसे वापस कर दिए जाने का प्रावधान था.

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प्रीमैच्योर एग्जिट और लोन 

  • अभी तक के नियमों के तहत PMVVY में प्रीमैच्योर एग्जिट यानी स्कीम का टर्म खत्म होने से पहले निकलने की भी सुविधा थी. पेंशनर या उसके पति/पत्नी को गंभीर बीमारी होने की स्थिति में इस स्कीम में लगाए गए पैसे का 98 फीसदी सरेंडर वैल्यू के तौर पर मिल जाता था.
  • वरिष्ठ नागरिक इस स्कीम पर लोन भी ले सकते थे. लोन की राशि निवेश किए गए अमाउंट का 75% थी. इसके लिए स्कीम के 3 साल पूरे होना जरूरी किया गया था. लोन की रकम पर ब्याज हर तिमाही तय होता था.
  • पेंशनर जब तक लोन की रकम वापस नहीं कर देता, तब तक हर छह महीने पर ब्याज का भुगतान करना होगा. दरअसल, ब्याज की रकम मिल रही पेंशन से ही काटी जाती है.

दिसंबर 2019 में आधार हुआ था अनिवार्य

वित्‍त मंत्रालय द्वारा 23 दिसंबर 2019 को जारी अधिसूचना के तहत PMVVY के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया गया था. स्‍कीम में निवेश करने वाले वरिष्‍ठ नागरिकों को आधार नंबर का प्रूफ जमा करने या आधार सत्‍यापन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया था. यह भी कहा गया था कि अगर किसी व्‍यक्ति के पास आधार नंबर नहीं है तो उसे स्‍कीम के फायदे पाने के लिए आधार इनरोलमेंट यानी आधार के लिए अप्लाई करने की जरूरत होगी.