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Insurance Ombudsman: सरकार ने बीमा लोकपाल के बदले नियम, पॉलिसी होल्डर्स को क्या होंगे फायदे?

Insurance Ombudsman Rules: शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए सरकार ने बीमा लोकपाल के नियमों में बदलाव किया है.

Insurance Ombudsman Rules: शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए सरकार ने बीमा लोकपाल के नियमों में बदलाव किया है.

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PTI
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Insurance Ombudsman Rules

Insurance Ombudsman Rules: शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए सरकार ने बीमा लोकपाल के नियमों में बदलाव किया है.

Insurance Ombudsman Rules: बीमा सेवाओं में कमियों के बारे में शिकायतों के तुरंत और प्रभावी तरीके से समाधान के लिए केंद्र सरकार ने बीमा लोकपाल के नियमों में संशोधन को अधिसूचित कर दिया है. नए नियम के तहत बीमा कंपनियों, एजेंट, दलाल और अन्य बिचौलियों की ओर से सेवा में कमियों के बीच विवादों को लोकपाल तक शिकायत पहुंचाने के दायरे में लाया गया है. इससे बीमा सेवाओं में किसी तरह की खामी के बारे में श‍िकायतों का जल्द समाधान हासिल हो सकेगा. माना जा रहा है कि इससे पॉलिसी होल्डर्स यानी बीमा धारकों को फायदा होगा.

क्या हुए हैं नियम में बदलाव

सरकार ने बीमा लोकपाल नियम, 2017 में व्यापक संशोधन को अधिसूचित किया है. जिसका उद्देश्य है कि बीमा लोकपाल तंत्र के कामकाज में सुधार के साथ-साथ बीमा सेवाओं में कमियों के बारे में शिकायतों के समाधान निष्पक्ष, किफायती और समय से हो सके. नए नियमों के तहत, बीमा लोकपाल परिषद बीमा कंपनियों के कार्यकारी परिषद के कर्तव्यों को संभालेगी.

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अब लोकपाल सिर्फ विवाद की हालत में नहीं बल्कि किसी बीमा कंपनी द्वारा सेवाओं में खामी के बारे में भी श‍िकायतों को सुनेगा और उन पर विचार करेगा. यह श‍िकायतें इश्योरेंस एक्ट 1938 या IRDAI रेगुलेशन 2017 के नियमों या प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन के बारे में हो सकती हैं. वित्त मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में इन बदलावों का प्रारूप जारी किया था. यानी अब बीमा ब्रोकर भी लोकपाल के दायरे में आएंगे.

लोकपाल के लिए चयन समिति में अब उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने या बीमा क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण के कारण को आगे बढ़ाने के ट्रैक रिकॉर्ड वाला एक व्यक्ति शामिल होगा.

बीमा धारकों को क्या होगा फायदा

नियमों में हुए बदलाव के बाद अब बीमा कंपनी,एजेंट, ब्रोकर और अन्य सभी तरह के मध्यस्थों की तरफ से हुई खामी या गड़बड़ी की श‍िकायत भी लोकपाल में की जा सकेगी. पहले सिर्फ बीमा कंपनी और बीमाधारक के बीच किसी विवाद की श‍िकायत ही लोकपाल से की जा सकती थी.

फाइनेंस मिनिस्ट्री के अनुसार नए नियमों के तहत, बीमा पॉलिसी खरीदने वालों को अगर कोई शिकायत है तो उसका समाधान कम खर्च में समय से हो सकेगा. पॉलिसीधारक अब लोकपाल के साथ डिजिटल रूप से शिकायतें दर्ज कर सकते हैं. एक शिकायत प्रबंधन प्रणाली बनाई जाएगी, ताकि वे अपनी शिकायतों की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक भी कर सकें. इसके अलावा, लोकपाल सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग कर सकता है.

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