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Health Insurance : आज के दौर में कई निजी कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस ऑफर करती हैं. इसके अलावा सरकारी स्कीम भी है. Photograph: (ANI)
Health Insurance Tips : बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खाल पर हुए अटैक (Saif Ali Khan Attack) पर हाल ही में उनके घर में चाकू से हमला हुआ था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. अभी वह अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं लेकिन उनके इलाज के दौरान एक मामले में चर्चा तेज हुई, वह है मेडिकल इंश्योरेंस का मामला. शुरुआत में सैफ अलीखान की ओर से इंश्योरेंस कंपनी से 36 लाख रुपये का क्लेम पेश किया गया, जिसके कुछ ही देर बाद उन्हें 25 लाख रुपये की मंजूरी मिल गई. इस घटना ने सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस के महत्व के बारे में भी बताया है, बल्कि यह अलर्ट भी किया है कि हेल्थ इंश्योरेंस में किन बातों का ध्यान रखें कि क्लेम करने पर इसे जल्द से जल्द अप्रूवल मिल जाए.
बाकी राशि भी जल्द होगी जारी
इस मामले में इंश्योरेंस कंपनी निवा बूपा ने बायान जारी कर कहा था कि पॉलिसी की शर्तों के अनुसार अंतिम बिल जमा होने के बाद बाकी राशि भी जारी कर दी जाएगी. बयान में कहा गया कि हमारे पॉलिसी होल्डर्स में से एक के रूप में, उनके अस्पताल में भर्ती होने से उनकी ओर से कैशलेस प्री-ऑथराइजेशन के लिए प्रॉसेस हुआ, जिसे हमने ट्रीटमेंट शुरू करने के लिए मंजूरी दे दी.
हेल्थ इंश्योरेंस क्यों है जरूरी
सैफ अली खान के साथ जो घटना हुई, उससे साफ है कि मेडिकल इमरजेंसी किसी के साथ कभी भी आ सकती है, जिसके लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी हो जाता है. आप सोच सकते हैं कि सैफ अली खान जैसे लोग भी हेल्थ इंश्योरेंस रखते हैं, जिनके पास पहले से ही पैसे की कोई कमी नहीं है. लेकिन इसकी क्लेम प्रक्रिया के बारे में एक-एक डिटेल की पहले से जानकारी होना भी बेहद जरूरी है, जिससे आखिरी समय में होने वाले तनाव से बचा जा सकता है. फिर चाहे बात इमरजेंसी की हो या फिर प्लान्ड ट्रीटमेंट का मामला हो.
कहां से ले सकते हैं हेल्थ इंश्योरेंस
आज के दौर में कई निजी कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस ऑफर करती हैं. इसके अलावा सरकारी स्कीम भी है. अभी निवा बूपा, स्टार हेल्थ इंश्योरेंस, नारायना हेल्थ इंश्योरेंस लिमिटेड, केयर हेल्थ इंश्योरेंस, आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस इनमें प्रमुख हैं. इनके अलावा आयुष्मान भारत, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना, कर्मचारी राज्य बीमा योजना आदि सरकारी स्कीम प्रमुख हैं. साथ ही राज्य सरकारें भी हेल्थ इंश्योरेंस से जुड़ी योजनाएं देती हैं.
सबसे प्रमुख : कोई जानकारी न छिपाएं
हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय कंपनी से अपनी बीमारी के बारे में कोई भी जानकारी न छिपाएं. अगर शुगर, बीपी, थायराइड जैसी पहले से कोई गंभीर बीमारी रही हो या हो, तो इसके बारे में भी बताएं. अगर कोई ऑपरेशन हुआ है तो उसके बारे में भी जानकारी दें. पहले से कोई दवा चल रही तो इस बारे में भी उल्लेख करें. अगर आपने जानकारी छिपाई है तो हो सकता है कि तो इलाज के दौरान क्लेम रिजेक्ट हो जाए.
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो की तुलना करें
आप जिस भी कंपनी का हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहते हैं, उसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जरूर चेक करें. कंपनी से इस बारे में डिटेल जानकारी हासिल करें. इसके बाद उसकी दूसरी कंपनियों के क्लेम सेटलमेंट से तुलना करें. जिसका क्लेम सेटलमेंट ज्यादा हो, उसे प्राथमिकता देनी चाहिए.
क्या क्या होंगे कवर
आप अगर हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं तो पहले यह जरूर पता करें कि इनमें कौन सी बीमारियां व अन्य चीजें कवर होंगी. पॉलिसी के साथ कंपनियां कुछ एडिशनल कवर भी ऑफर करती हैं, जिसके बारे में जानकारी लें.
ये 12 टिप्स आएंगे काम
- स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुसार योजना का प्रकार चुनें
- पर्याप्त सम एश्योर्ड अमाउंट चुनें
- अपनी जरूरत को देखकर डिजायर्ड कवरेज के करीब की योजना चुनें
- बिना सब-लिमिट/को-पेमेंट वाली योजनाओं को प्राथमिकता दें
- कम पीईडी प्रवेटिंग पीरियड वाली योजनाएं चुनें
- रीस्टोरेशन बेनेफिट और एनुअल हेल्थ चेकअप वाली योजनाएं चुनें
- अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्चों के लिए व्यापक कवरेज वाली योजनाएं चुनें
- एक्सक्लूजंस की पॉलिसी लिस्ट देखें
- मनचाही राइडर्स और ऐड-ऑन वाली योजनाओं का चयन करें
- हाई क्लेम सेटलमेंट रेश्यो वाली इंश्योरेंस कंपनी चुनें
- इंश्योरेंस कंपनी की साख जरूर देखें
- कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की आपस में तुलना करें
(source : policybazaar, IRDAI)