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Home Loan EPF Rules: होम लोन के डाउनपेमेंट के लिए पीएफ खाते से इस परिस्थिति में ही निकालें पैसे, घर के लिए ईपीएफ विदड्रॉल की ये हैं शर्तें

Home Loan EPF Rules: ईपीएफ (EPF) खाते से आपको घर खरीदने के लिए पैसे निकालने की मंजूरी तो है लेकिन इसे निकालने से पहले इसके फायदे और नुकसान का आकलन जरूर कर लेना चाहिए.

Home Loan EPF Rules: ईपीएफ (EPF) खाते से आपको घर खरीदने के लिए पैसे निकालने की मंजूरी तो है लेकिन इसे निकालने से पहले इसके फायदे और नुकसान का आकलन जरूर कर लेना चाहिए.

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होम लोन के बकाए या डाउनपेमेंट राशि के लिए ईपीएफ खाते में जमा राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है. (Image- Pixabay)

Home Loan EPF Rules: हर किसी का एक सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो और इसके लिए वे जिंदगी भर पूंजी जुटाते हैं या इसके लिए किसी बैंकों से कर्ज लेते हैं. बैंकों से कर्ज लेकर इस सपने को पूरा करने का यह बेहतर समय है क्योंकि होम लोन की दरें ऐतिहासिक तौर पर न्यूनतम स्तर पर हैं. हालांकि बैंक से जब आप लोन लेते हैं तो आपको कुछ राशि डाउन पेमेंट के रूप में चुकानी होती है. इसके लिए कुछ लोग अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से मदद लेते हैं तो कुछ लोग प्रोविडेंट फंड से इसकी व्यवस्था करते हैं. इसके अलावा होम लोन के बकाए को चुकता करने के लिए भी ईपीएफ खाते से निकासी की जाती है. ईपीएफ (EPF) खाते से आपको घर खरीदने के लिए पैसे निकालने की मंजूरी तो है लेकिन इसे निकालने से पहले इसके फायदे और नुकसान का आकलन जरूर कर लेना चाहिए.

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इन परिस्थितयों में ही निकालें ईपीएफ खाते से पैसे

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बकाया होम लोन या डाउन पेमेंट चुकाने का फायदा यह है कि अगर प्रॉपर्टी की कीमत आने वाले समय में बढ़ती है तो पीएफ खाते में पैसे रखने की बजाय इसका इस्तेमाल प्रॉपर्टी के लिए प्रयोग करना फायदेमंद हो सकता है. हालांकि अगर आपको ईपीएफ खाते पर एफडी से अधिक रिटर्न मिल रहा हो तो इस खाते की बजाय अन्य निवेश योजनाओं जिन पर ब्याज दर कम है, उससे पैसे निकालकर बकाया होम लोन या डाउनपेमेंट चुकाना चाहिए.

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ईपीएफ खाते से घर के लिए पैसे निकालने से जुड़े ये हैं नियम

  • होम लोन के बकाए के भुगतान के लिए ईपीएफ की राशि का प्रयोग कर सकते हैं. हालांकि यह जरूरी है कि ये लोन राज्य सरकार, रजिस्टर्ड सहकारी समिति, राज्य आवास बोर्ड, राष्ट्रीय बैंक, सरकारी वित्तीय संस्थान, नगर निगम या डीडीए जैसे निकायों से लिया गए हों. पीएफ खाते से 90 फीसदी तक की राशि निकाल सकते हैं लेकिन कर्मचारी की कम से कम 10 साल की सर्विस जरूरी है. इसके अलावा ब्याज सहित कर्मचारी के पीएफ खाते (या पति / पत्नी) में फंड 20 हजार रुपये से अधिक होना चाहिए।
  • ईपीएफ स्कीम 1952 के तहत अगर आप घर बनाने के लिए प्लॉट खरीदना चाहते हैं तो 24 महीने का मूल वेतन व मंहगाई भत्ता या प्लॉट की वास्तविक लागत तक ही राशि निकाल सकते हैं. रेडी-टू-मूव-इन हाउस यानी तैयार घरों के मामले में पीएफ खाते से 36 महीने के मूल वेतन व महंगाई भत्ते या कुल जमा राशि का 90 फीसदी निकाल सकते हैं. हालांकि इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए जरूरी है कि कम से कम पांच साल तक की नौकरी पूरी हो चुकी हो.
  • घर की मरम्मत के लिए वेतन का 12 गुना निकाल सकते हैं लेकिन कम से कम 5 साल की सर्विस पूरी होनी जरूरी है. इसके तहत जरूरी है कि संपत्ति कर्मचारी या उसके पत्नी या दोनों के नाम होनी चाहिये और घर में कम से कम 5 साल पहले कोई निर्माण कार्य हुआ हो.

    (इनपुट: पैसाबाजारडॉटकॉम)

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