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होम लोन की मदद से घर खरीदने से न केवल आपको किराए पर घर लेने के झंझट से मुक्ति मिल सकती है, बल्कि आप टैक्स में भी बचत कर सकते हैं.
Home Loan: होम लोन टैक्स डिडक्शन: होम लोन की मदद से घर खरीदने के कई फायदे हैं. इसके ज़रिए न केवल आपको किराए पर घर लेने के झंझट से मुक्ति मिल सकती है, बल्कि आप टैक्स में भी बचत कर सकते हैं. अगर आप हाउसिंग लोन लेते हैं तो एक वित्तीय वर्ष में 3.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं. आइए जानते हैं कि आप किस तरह होम लोन में 3.5 लाख रुपये टैक्स की बचत कर सकते हैं.
कैसे बचा सकते हैं 3.5 लाख रुपये तक टैक्स
आयकर नियमों के अनुसार, धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट के लिए एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के होम लोन के मूल भुगतान की अनुमति है. होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर सेक्शन 24बी के तहत 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स छूट भी है. इसका मतलब है कि आप कुल मिलाकर 3.5 लाख रुपये तक टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं. 3.5 लाख रुपये का कुल होम लोन टैक्स बेनिफिट आपकी कुल टैक्सेबल इनकम से कम हो जाएगा और इस तरह आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाएगी. प्रॉपर्टी खरीद शुल्क जैसे स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेश भी धारा 80 सी के तहत डिडक्शन के लिए योग्य हैं.
यह ध्यान रखना भी अहम है कि धारा 80C के तहत, कई अन्य निवेश और भुगतान पर भी आप टैक्स बेनिफिट का फायदा उठा सकते हैं. इस सेक्शन के तहत एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये के टैक्स छूट की अनुमति है. जिनके पास 80C के तहत कोई अन्य निवेश योग्य नहीं है, वे होम लोन के मूल भुगतान के खिलाफ एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये की फुल डिडक्शन का दावा कर सकते हैं.
Fi Money इन्वेस्टमेंट रिसर्च से जुड़े प्रणीत बत्तिना ने बताया, “घर खरीदने से टैक्स बेनिफिट का दायरा बढ़ जाता है. आप कर कटौती के रूप में अपने होम लोन की मूल राशि के लिए भुगतान की गई राशि के लिए क्लेम कर सकते हैं. आप स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन जैसे शुल्कों को टैक्स छूट के रूप में क्लेम कर सकते हैं. ये दोनों छूट धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की कुल सीमा के अधीन हैं. आप सेक्शन 24बी के तहत होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर 2 लाख रुपये तक अतिरिक्त टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं.”
क्या आपको घर खरीदने के लिए होम लोन लेना चाहिए?
घर खरीदने के लिए कर्ज लेने में भी कोई हर्ज नहीं है, बशर्ते लोन की रकम इतनी हो, जिसकी ईएमआई आप आसानी से चुका सकें. इसका एक आम फॉर्मूला यह है कि होम लोन की ईएमआई आपकी नियमित आमदनी के 40 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर आप अपने रहने के लिए लोन लेकर घर खरीदते हैं, तो इसके कई लाभ हैं. सबसे पहले तो आपको किराया नहीं देना पड़ता. दूसरे, अगर आप नौकरी करते हैं तो होम लोन पर टैक्स छूट भी मिलती है. तीसरी और अहम बात यह कि कुछ बरस बाद अगर आपको किसी वजह से घर बेचना भी पड़ता है, तो आमतौर पर उसकी बढ़ी हुई मार्केट वैल्यू का फायदा भी मिलता है. आपके पास एक से ज्यादा घर हैं, तो आप एक घर को किराए पर देकर उसे नियमित आय का जरिया भी बना सकते हैं.
(Article: Rajeev Kumar)