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Home Loan: 1 साल में 2-2.5% महंगा हो चुका है कर्ज, EMI के दबाव से हैं परेशान तो उठाएं ये कदम, जल्द खत्म होगा होमलोन

Reduce EMI: जिन लोगों ने 1.5 साल या 2 साल पहले 7.5 या 8 फीसदी पर होम लोन लिया था, अब उन्हें इस पर 9.5 से 10 फीसदी ब्याज देना पड़ रहा है.

Reduce EMI: जिन लोगों ने 1.5 साल या 2 साल पहले 7.5 या 8 फीसदी पर होम लोन लिया था, अब उन्हें इस पर 9.5 से 10 फीसदी ब्याज देना पड़ रहा है.

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Sushil Tripathi
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Home Loan EMI

Home Loan: मई 2022 के बाद से रेपो रेट के साथ बैंक होमलोन भी 2 ये 2.5 फीसदी महंगा कर चुके हैं. (pixabay)

Smart Way to Reduce EMI Burden: जून 2023 की मॉनेटरी पॉलिसी में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और यह 6.50 फीसदी पर बरकरार है. इसका मतलब है कि लगातार रेट हाइक के बाद आम आदमी को लगातर दूसरी बार ब्याज दरों पर राहत मिली है. आरबीआई के इस कदम से होमलोन के लिए ब्याज दरें फिलहाल मौजूदा रेट पर स्थिर रहने का अनुमान है. लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि बीते 1 साल में लोन की दरों में 2 से 2.5 फीसदी इजाफा पहले ही हो चुका है. यानी जो लोग मई 2022 के पहले होमलोन पर 7.5 फीसदी ब्याज दे रहे थे, अब उनको 9.5 से 10 फीसदी के दर से ब्याज देना पड़ रहा है.

रेपो रेट के साथ ही महंगा हुआ होमलोन

आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच ब्‍याज दरों में लगातार 6 बार इजाफा किया था. 6 बार में रेपो रेट को 2.50 फीसदी बढ़ा दिया गया. मई 2022 के पहले रेपो रेट 4 फीसदी था, जो अब बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है. जैसे जैसे रेपो रेट में इजाफा हुआ तो बैंकों ने भी कर्ज महंगा करना शुरू कर दिया. असल में रेपो रेट वह दर है, जिस पर बैंक सेंट्रल बैंक से कर्ज लेते हैं. यही वजह है कि इसका बोझ बैंकों ने ग्राहकों पर पास आन कर दिया.

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ग्राहकों पर 2 तरह से बढ़ा बोझ

बीते 1 साल में ग्राहकों पर होमलोन का बोझ लगातार बढ़ा है. उन्हें 2 तरह से यह दबाव उठाना पड़ा हैऋ कुछ बैंकों ने हर महीने की ईएमआई में बदलाव नहीं किया, लेकिन उसके बाद लोन के साल या महीने बढ़ा दिए. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि मान लिया बैंक ने लोन की दर बढ़ा दी और इससे आपके महीने की ईएमआई पर 1000 रुपये हर महीने का दबाव बढ़ गया. जबकि अभी आपको 180 महीने की ईएमआई और चुकानी है. बैंकों ने इसे मंथली ईएमआई में जोड़ने की बजाए, इसे चुकाने के लिए टेन्यारे आगे बढ़ा दिए. यह टेन्‍योर आगे 5 से 6 साल के लिए बढ़ गया है.

दूसरा यह है कि जिन ग्राहकों ने टेन्‍योर न बढ़ाने का विकल्‍प लिया है, उनकी ईएमआई में अच्‍छा खासा इजाफा हो चुका है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी ने 15 साल के लिए 50 लाख को लोन लिया था जो 7 फीसदी की दर से उसे 44950 रुपये के आस पास ईएमआई देनी पड़ रही थी जो अब बढ़कर 52200 रुपये के करीब हो गई है. दोनों ही मामलों में ब्राहकों को अपने लोन पर लाखों का खर्च ब्याज के रूप में बढ़ गया.

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होमलोन: मूलधन पर कितना दे रहे हैं ब्‍याज

आप जब होमलोन लेते हैं तो क्‍या आप यह कैलकुलेट कर पाते हैं कि आपको मूलधन पर बैंकों को कितना ब्‍याज देना पड़ता है. मान लिया कि आप 50 लाख रुपये का लोन ले रहे हैं, वह भी 20 साल के लिए. बैंकों की होमलोन पर औसत ब्‍याज दर आजकल 9.5 फीसदी के आस पास है. ऐसे में अगर आप ईएमआई देखें तो हर महीने 47705 रुपये की बनेगी. इस लिहाज से आपका 20 साल के दौरान बैंकों को दिया जाने वाला ब्‍याज 63,49,280 रुपये होगा. इसमें मूलधन भी जोड़ दें तो बैंकों को देने वाली कुल रकम 1,14,49,280 रुपये होगी. यानी आपने लिया तो 50 लाख, लेकिन दिया करीब 1.15 करोड़ रुपये, जो डबल से ज्‍यादा है.

कुल होम लोन: 50 लाख रुपये
इंटरेस्ट रेट: 9.55%
लोन की अवधि: 20 साल
EMI: 47705 रुपये
कुल ब्‍याज: 63,49,280 रुपये
लोन के बदले बैंक को कुल पेमेंट: 1,14,49,280 रुपये

(SBI Interest Rates)

50 लाख के लोन प्रति लाख कितना बढ़ा EMI का दबाव

अगर 50 लाख का लोन 20 साल के लिए है तो ब्‍याज दर 7 फीसदी से 9.5 फीसदी बढ़ने पर हर लाख पर ईएमआई 775 रुपये से बढ़कर 932 रुपये यानी 157 रुपये या 20 फीसदी बढ़ गई है. वहीं 25 साल के लोन है तो ईएमआई 707 रुपये से बढ़कर 874 रुपये यानी 167 रुपये या 24 फीसदी बढ़ी है, जबकि 30 साल के टेन्‍योर पर हर लाख पर ईएमआई 665 रुपये से 841 रुपये यानी 176 रुपये या 27 फीसदी बढ़ गई है.

होमलोन अकाउंट जल्द क्लोज करने के लिए क्या करना चाहिए

Fixed Rate लोन चुनें: जब ब्याज दरें बढ़ रही हों, तो एडजेस्टेबल-रेट होम लोन की जगह फिक्स्ड-रेट होम लोन चुनना अक्सर एक अच्छा विकल्प होता है. फिक्स्ड रेट मोर्तगेज के साथ आपकी ब्याज दर लोन के पूरे टेन्योर में समान रहेगी.

टेन्योर कम रखें: लोन का टेन्योर कम रखें. अगर आप 20 साल की जगह 15 साल के लिए लोन लेते हैं तो ओवरआल लोन पर ब्याज बहुत कम हो सकता है.

डाउन पेमेंट ज्यादा करें: डाउन पेमेंट ज्यादा कर सकते हें तो यही विकल्प चुनें. डाउन पेमेंट बढ़ाने से आपको बढ़ती ब्याज दरों का सामना करने के लिए अपने होम लोन को स्ट्रक्चर करने में मदद मिल सकती है.

लोन रीफाइनेंस करें: लोन लेने के बाद से ब्याज दरें बढ़ गई हैं, तो रीफाइनेंस एक अच्छा विकल्प हो सकता है. कम ब्याज दर पर रीफाइनेंस करने से आपको मंथली ईएमआई कम करने में मदद मिलेगी.

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