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Repo Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अप्रैल मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों पर पॉज बटन दबाकर आम आदमी को कुछ राहत दी है.
Best Way to Reduce Your Home Loan Burden: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अप्रैन मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों पर पॉज का बटन दबाकर आम आदमी को कुछ राहत दी है. लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि पॉज का बजट दबाने के पहले आरबीआई 6 बार में रेपो रेट में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है. मई 2022 के पहले रेपो रेट 4 फीसदी था, जो अब बढ़कर 6.5 फीसदी हो चुका है. इसका सीधा मतलब है कि अगर आप 1 साल पहले होमलोन के लिए 7 फीसदी सालाना ब्याज दे रहे थे, अब वह बढ़कर करीब 9.5 फीसदी हो चुका है. यह फिलहाल होमलोन ग्राहकों के लिए अच्छी खबर नहीं है.
इस दौरान बहुत से बैंकों ने मंथली ईएमआई को स्थिर रखा है, लेकिन लोन का टेन्योर बढ़ा दिया है. यह टेन्योर आगे 5 से 6 साल के लिए बढ़ गया है. वहीं जिन्होंने टेन्योर न बढ़ाने का विकल्प लिया है, उनकी ईएमआई में अच्छा खासा इजाफा हो चुका है. उदाहरण के तौर पर अगर किसी ने 15 साल के लिए 50 लाख को लोन लिया था जो 7 फीसदी की दर से उसे 44950 रुपये के आस पास ईएमआई देनी पड़ रही थी जो अब बढ़कर 52200 रुपये के करीब हो गई है. वहीं अगर आप ईएमआई स्थिर रखकर टेन्योर बए़ाने हैं तो ब्याज का खर्च कई लाख बढ़ जाएगा. ऐसे में ग्राहकों को यह समझने की जरूरत है कि वे अपना होमलोन का बर्डेन कैसे कम करें या समय से पहले किस तरह से अपना लोन अकाउंट बंद करवा सकें.
50 लाख के लोन प्रति लाख कितना बढ़ा EMI का दबाव
अगर 50 लाख का लोन 20 साल के लिए है तो ब्याज दर 7 फीसदी से 9.5 फीसदी बढ़ने पर हर लाख पर ईएमआई 775 रुपये से बढ़कर 932 रुपये यानी 157 रुपये या 20 फीसदी बढ़ गई है. वहीं 25 साल के लोन है तो ईएमआई 707 रुपये से बढ़कर 874 रुपये यानी 167 रुपये या 24 फीसदी बढ़ी है, जबकि 30 साल के टेन्योर पर हर लाख पर ईएमआई 665 रुपये से 841 रुपये यानी 176 रुपये या 27 फीसदी बढ़ गई है.
फिक्स्ड-रेट लोन चुनें
जब ब्याज दरें बढ़ रही हों, तो एडजेस्टेबल-रेट होम लोन की जगह फिक्स्ड-रेट होम लोन चुनना अक्सर एक अच्छा विकल्प होता है. फिक्स्ड रेट मोर्तगेज के साथ आपकी ब्याज दर लोन के पूरे टेन्योर में समान रहेगी, इसलिए आपको बढ़ती ब्याज दरों के साथ अपने मासिक भुगतानों में बढ़ोतरी के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी.
कम अवधि के लिए लोन लें
अपने होम लोन के स्ट्रक्चर का एक तरीका यह है कि लोन का टेन्योर कम रखें. अगर आप 15 साल की जगह 25 या 30 साल के लिए लोन लेते हें तो आपकी ईएमआई जरूर कुछ कम होगी, लेकिन ओवरआल लोन पर ब्याज डबल हो सकता है. कम टेन्योर के लोन का मतलब है कि कम ब्याज भुगतान.
डाउन पेमेंट ज्यादा करें
अगर आपके पास डाउन पेमेंट ज्यादा करने की क्षमता है, तो यह विकल्प जरूर चुनें. डाउन पेमेंट बढ़ाने से आपको बढ़ती ब्याज दरों का सामना करने के लिए अपने होम लोन को स्ट्रक्चर करने में मदद मिल सकती है. एडवांस के रूप में अधिक पैसा लगाने का फायदा यह है कि आपको होमलोन कम लेना होगा.
मौजूदा लोन को रीफाइनेंस करें
अगर आपके पास पहले से ही एक मोर्तगेज है और लोन लेने के बाद से ब्याज दरें बढ़ गई हैं, तो रीफाइनेंस एक अच्छा विकल्प हो सकता है. कम ब्याज दर पर रीफाइनेंस करने से आपको अपना मासिक भुगतान और ब्याज की कुल राशि जो आप पूरे लोन टेन्योर में भुगतान करते हें, उनको गकम करने में मदद मिलेगी.
ब्याज दरों पर रखें नजर
अंत में, यह महत्वपूर्ण है कि ब्याज दरों पर नजर रखी जाए और अगर वे बढ़ने लगें तो एक्शन लेने के लिए तैयार रहें. इसमें आपके लोन को रीफाइनेंस करना, हायर पेमेंट को एडजस्ट करने के लिए अपने मंथली बजट को एडजस्ट करने जैसे उाय शामिल हैं.