scorecardresearch

Mental Health Coverage: हेल्थ इंश्योरेंस में मेंटल हेल्थ कवरेज क्यों है अहम? कौन सी बीमारियां होंगी कवर?

डेलॉयट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. यह दुनिया भर में मेंटल हेल्थ के मामलों का लगभग 15 फीसदी है.

डेलॉयट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. यह दुनिया भर में मेंटल हेल्थ के मामलों का लगभग 15 फीसदी है.

author-image
FE Hindi Desk
एडिट
New Update
Mental Health Coverage

मेंटल हेल्थ एक ऐसा विषय है जिस पर समाज में आज भी खुलकर बात नहीं की जाती.

Mental Health Coverage: मेंटल हेल्थ एक ऐसा विषय है जिस पर समाज में आज भी खुलकर बात नहीं की जाती. जो लोग मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना कर रहे हैं उन्हें भी यह डर बना रहता है कि लोग उनकी इस समस्या के बारे में नहीं समझेंगे. हालांकि, कोरोना महामारी के साथ ही लोगों में मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ी है. डेलॉयट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. यह दुनिया भर में मेंटल हेल्थ के मामलों का लगभग 15 फीसदी है. इसका मुख्य कारण इलाज में अंतर और इस विषय पर बातचीत की कमी है. जिस तरह मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के लिए इलाज जरूरी है, वैसे ही कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के माध्यम से मेंटल हेल्थ कवरेज सुनिश्चित करना भी उतना ही अहम है.

भले ही कोरोना महामारी के बाद हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर आम लोगों में जागरूकता बढ़ी है. लेकिन इसके तहत मेंटल हेल्थ कवरेज को लेकर अब भी जागरूकता की कमी है. आज वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे है और इस मौके पर हम आपको हेल्थ इंश्योरेंस के तहत मेंटल हेल्थ कवरेज के बारे में बताने जा रहे हैं.

Advertisment

Adani Group: सीमेंट कारोबार में बढ़ रहा अडाणी ग्रुप का दबदबा, जयप्रकाश एसोसिएट्स की सीमेंट यूनिट को खरीदने की है तैयारी

मेंटल हेल्थ कवरेज के तहत क्या कवर होंगे?

आजकल उपलब्ध अधिकांश कंप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां पॉलिसीधारक को अस्पताल में भर्ती होने की लागत के लिए कवर करती हैं जो संभावित मानसिक विकार के परिणामस्वरूप हो सकती हैं. इस तरह की पॉलिसियों में मरीज के कमरे का किराया, दवाएं और डायग्नोस्टिक्स, एम्बुलेंस शुल्क और इलाज का खर्च शामिल होता है. मानसिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के ओपीडी (आउट-पेशेंट डिपार्टमेंट) के खर्च जैसे डेकेयर ट्रीटमेंट, दवाएं या डॉक्टर परामर्श में भी राशि खर्च होने की संभावना है. बीमा कंपनियां ऐसी योजनाएं लेकर आ रही हैं जो ऐसी ओपीडी लागतों को कवर करती हैं. ऐसी पॉलिसियों का चयन करना चाहिए जिसमें ओपीडी खर्च शामिल हो. कुछ रोग जो मानसिक स्वास्थ्य के अंतर्गत आते हैं और जिन्हें बीमा के अंतर्गत कवर किया जाता हैं:

  • घबराहट की बीमारियां
  • तीव्र डिप्रेशन
  • ट्रॉमैटिक के बाद का स्ट्रेस डिसऑर्डर
  • अटेंशन डेफिसिट/हाइपर एक्टिविटी कंडीशन
  • बाई-पोलर डिसऑर्डर
  • मूड अन-रेस्ट
  • एक प्रकार का मानसिक विकार (Schizophrenia)
  • ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर
  • मानसिक अशांति

किसे खरीदनी चाहिए मेंटल हेल्थ कवरेज पॉलिसी?

मेंटल हेल्थ की समस्या किसी विशेष उम्र या लोगों के समूह तक सीमित नहीं हैं. यह समस्या युवाओं से लेकर बड़ी आबादी तक समान रूप से फैले हुए हैं. यहां तक कि स्टूडेंट्स से लेकर युवाओं तक में यह आम बात हो गई है. हालांकि, फैमिली हिस्ट्री वाले या इस तरह के दर्दनाक अनुभव से पीड़ित लोगों को इस बीमा को खरीदने पर जरूर विचार करना चाहिए क्योंकि ऐसे मामले में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. अच्छी बात यह है कि ज्यादातर बीमाकर्ता अधिकांश मानसिक विकारों के लिए कवरेज प्रदान करने के लिए आगे आ रहे हैं.

कितना होगा प्रीमियम?

अभी मेंटल हेल्थ को इंश्योरेंस प्लान के हिस्से के रूप में शामिल करने की शुरुआत हुई है. वर्तमान में, इस कवरेज के लिए कोई अतिरिक्त प्रीमियम नहीं है; यह स्वाभाविक रूप से आपकी स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत शामिल है.

(By Amit Chhabra, Head – Health Insurance, Policybazaar.com)

World Mental Health Day 2021 Mental Illness Mental Health