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मुद्रा स्कीम: 40 हजार मंथली मुनाफे की समझें प्रोजेक्ट रिपोर्ट, इस बिजनेस के लिए सरकार देती है 80% सपोर्ट

सरकार अपनी महात्वाकांक्षी मुद्रा स्कीम के जरिए लोगों को कारोबारी बनाने में मदद कर रही है. इसके तहत 10 लाख तक लोन मिल सकता है.

सरकार अपनी महात्वाकांक्षी मुद्रा स्कीम के जरिए लोगों को कारोबारी बनाने में मदद कर रही है. इसके तहत 10 लाख तक लोन मिल सकता है.

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Sushil Tripathi
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Mudra Scheme: सरकार अपनी महात्वाकांक्षी मुद्रा स्कीम के जरिए लोगों को कारोबारी बनाने में मदद कर रही है. इस स्कीम के तहत साल 2019 तक कुल 10 लाख करोड़ के आस पास लोन दिया जा चुका है. इसके तहत करीब 20 करोड़ खाते खुल चुके हैं. इस स्कीम के जरिए छोटे कारोबार धंधों के लिए सरकार 10 लाख रुपये तक का लोन देती है. अगर आप अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट दिखाकर किसी कारोबार के लिए योजना का लाभ उठाना चाहें तो इसके तहत आपको कारोबार पर खर्च होने वाली 80 फीसदी रकम लोन के रूप में मिल सकती है. हमने यहां बेकरी प्रोडक्ट मेन्युुैक्चरिंग यूनिट की जानकारी दी है. बेकरी प्रोडक्ट्स की हर सीजन में डिमांड रहती है.

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बेकरी इंडस्ट्री फूड प्रॉसेसिंग इंडस्ट्री के इंडस्ट्रियल एक्विविटी में बड़ा रोल अदा रकती है. मौजूदा समय में बेकरी इंडस्ट्री में कई तरह के प्रोडक्ट हैं, मसलन बिस्कुल, ब्रेड, केक, चिप्स आदि. इन प्रोडकट की डिमांड शहरों के अलावा टाउन एरिया और गांवों में भी खूब रहती है. इन प्रोडक्ट्स का होम कंजम्पशन बहुत ज्यादा है. अब फूड टेक्नोलॉजी मे जिस तरह से बदलाव आ रहे हैं, इस बिजनेस की डिमांड भी खूब बढ़ रही है. मार्केट में अच्छी प्रतियोगिता होने से सफलता के चांस ज्यादा रहते हैं. इनका मार्केट पोटेंशियल बेहतर है और क्वालिटी कंट्रोल आसान है.

प्रोजेक्ट रिपोर्ट (स्कीम के तहत अनुमानित खर्च व मुनाफा)

प्रोजेक्ट की कास्ट : 5.36 लाख

मयीनरी पर आने वाला खर्च 3.50 लाख रुपये होगा. वहीं वर्किंग कैपिटल के रूप में 1.86 लाख रुपये की जरूरत पड़ सकती है. अगर आपके पास खुद का लैंड हो तो उस पर कारोबार शुरू किया जा सकता है या लैंड किराए पर भी ले सकते हैं. वर्किंग कैपिटल में 25 दिनों के लिए रॉ मैटेरियल, फिनिश्ड गुड्स का स्टॉक, वर्किंग एक्सपेंस और रिसीवेबल शामिल होगा.

वर्किंग कैपिटल से प्रति माह कितना प्रोडक्शन

#100 KG चिप्स (75 रुपये प्रति KG)

#70 KG मिक्सचर (70 रुपये प्रति KG)

#150 KG केक (300 रुपये प्रति KG)

#15000 यूनिट पफ्स, कटलेट और सूखे समोसे (5 रुपये प्रति यूनिट)

#7500 यूनिट अन्य आइटम (5 रुपये प्रति यूनिट)

फाइनेंस

मुद्रा स्कीम के तहत अगर आप यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 80 फीसदी तक लोन की मदद मिल सकती है. सरकार ने जो प्रोजेक्ट रिपार्ट दी है, उसके अनुसार इसमें वर्किंग कैपिटल लोन 1.49 लाख और टर्म लोन 2.96 लाख रुपये तक मिलेगा. यानी आपको अपने पास से निवेश के लिए करीब 1 लाख रुपये की रकम ही लगानी होगी.

मुनाफे की गणित

अगर 60 फीसदी क्षमता का इस्तेमाल हो तो उपर लिखे गए प्रोडक्ट से सालाना बिक्री 20.38 लाख की हो सकती है. वहीं, इसमें प्रोडक्शन कास्ट 14.26 लाख रुपये आएगा. प्रोडक्शन कास्ट में रॉ मैटेरियल, पावर, सैलरी, टेलिफोन, मेंटिनेंस और इंश्योरेंस का खर्च शामिल है.

ग्रॉस प्रॉफिट: 6.12 लाख

टर्म लोन पर ब्याज : 39420 रुपये

वर्किंग कैपिटल लोन पर ब्याज : 20860 रुपये

इनकम टैक्स : 13000 रुपये

नेट प्रॉफिट : 4.69 लाख रुपये सालाना

महीने का प्रॉफिट : 35 से 40 हजार रुपये के बीच

कैसे करेंगे आवेदन

देश में 27 सरकारी बैंक, निजी क्षेत्र के 17 बैंक, 31 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, 4 सहकारी बैंक, 36 माइक्रो फाइनेंस संस्थान और 25 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को मुद्रा लोन बांटने के लिए अधिकृत किया गया है.

डॉक्युमेंट्स

2 फोटो

आईडी प्रूफ

निवास संबंधी प्रमाण

आरक्षित वर्ग का सर्टिफिकेट अगर आप अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग आदि से आते हैं तो उसके प्रमाणपत्र की फोटोकॉपी.

कारोबार की जानकारी

अपने कारोबार से संबंधित लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट या अन्य कोई दस्तावेज जमा करना होगा. यह इस बात का प्रमाण है कि आप उस बिजनेस के मालिक हैं.

Mudra Yojana