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NSC यानी नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के तहत खाता को देश की किसी भी पोस्ट ऑफिस ब्रांच से लिया जा सकता है. (PTI)
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हर कोई चाहता है कि उसके पास एक अच्छा-खासा फंड हो. ऐसे में कई लोग कम वक्त में पैसा जल्दी डबल करने वाले इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट खोजते हैं. साथ ही यह भी चाहते हैं कि जोखिम कम रहे. लिहाजा ज्यादातर लोग इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बैंक FD को चुनते हैं. लेकिन एक स्कीम बैंक FD से भी ज्यादा जल्दी आपका पैसा डबल करती है. यह स्कीम है पोस्ट ऑफिस की NSC.
NSC यानी नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के तहत खाता को देश की किसी भी पोस्ट ऑफिस ब्रांच से लिया जा सकता है. NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल होता है. इस पर इस वक्त 8 फीसदी सालाना का ब्याज मिल रहा है. NSC स्मॉल सेविंग्स में आती है और सरकार हर 3 महीने पर स्मॉल सेविंग्स के लिए ब्याज दर रिवाइज करती है.
8 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से अगर आप 1 लाख रुपये की NSC खरीदते हैं तो आपका पैसा 9 सालों में डबल होगा. वहीं अगर आप SBI, ICICI बैंक, HDFC बैंक, PNB जैसे बैंकों में FD कराते हैं तो यहां आपका पैसा डबल होने में 10.5 साल तक का वक्त लगेगा.
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प्रमुख बैंकों की FD में कितने वक्त में पैसा होगा डबल
वह ऐसे कि SBI और PNB में इस वक्त 1 साल रुपये अमाउंट वाली FD पर सबसे ज्यादा ब्याज दर 6.85 फीसदी है. ऐसे में इस दर से 1 लाख रुपये का अमाउंट डबल होने में 10.5 साल का वक्त लगेगा.
ICICI बैंक में FD पर 1 लाख रुपये से कम के अमाउंट की FD के लिए हाईएस्ट ब्याज दर 7.50 फीसदी और HDFC बैंक में 7.40 फीसदी सालाना है. इस लिहाज से आपका पैसा डबल होने में 9.6 साल और 9.7 साल का वक्त लगेगा.
कैसे ले सकते हैं NSC
एक सिंगल होल्डर टाइप सर्टिफिकेट कोई भी एडल्ट अपने नाम से या अपने बच्चे के नाम से खरीद सकता है. NSC में 100, 500, 1000, 5000, 10,000 या इससे ज्यादा के सर्टिफिकेट मिलते हैं. इसमें निवेश करने की कोई सीमा नहीं है. आप अपनी क्षमता के मुताबिक कितनी भी धनराशि का NSC खरीद सकते हैं.
फायदे
- NSC में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है.
- NSC के VIII इश्यू को किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर किया जा सकता है. हालांकि ऐसा इसके मैच्योर होने से पहले केवल एक ही बार किया जा सकता है.
- सर्टिफिकेट ट्रांसफर करने पर पुराने सर्टिफिकेट्स और इसकी परचेज एप्लीकेशन पर पर ही पुराने होल्डर का नाम काटकर नए होल्डर का नाम लिख दिया जाता है. इस दौरान ऑथराइज्ड पोस्टमास्टर के सिग्नेचर, उसकी डेजिग्नेशन यानी पोस्ट की स्टांप और पोस्ट ऑफिस की डेट स्टांप लगाई जाती है.
कैसे है पूरे पैसे की सेफ्टी की गारंटी
अगर कोई बैंक डिफॉल्ट कर जाता है या दिवालिया हो जाता है तो ऐसे में DICGC यानी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बैंक में कस्टमर्स के सिर्फ 1 लाख रुपये की सुरक्षा की गारंटी देता है. यह नियम बैंक की सभी ब्रांच पर लागू होता है. इसमें मूलधन और ब्याज दोनों को शामिल किया जाता है. यानी अगर किसी बैंक में आपका कुल जमा 4 लाख है तो बैंक के डिफॉल्ट करने पर आपके सिर्फ 1 लाख रुपये ही सुरक्षित माने जाएंगे. बाकी के पैसे मिलने की गारंटी नहीं होगी. अगर एक से ज्यादा अकाउंट हैं तो सभी अकाउंट का बैलेंस जोड़कर केवल 1 लाख तक जमा को ही सुरक्षित माना जाएगा.
पोस्ट ऑफिस कैसे 100% सुरक्षित
अगर पोस्टल डिपार्टमेंट रकम लौटाने में फेल हो तो पोस्ट ऑफिस के जमा पैसों पर सॉवरेन गारंटी होती है. यानी किसी परिस्थिति में अगर पोस्टल डिपार्टमेंट निवेशकों की रकम लौटाने में फेल हो जाए तो यहां सरकार आगे बढ़कर निवेशकों के पैसों की गारंटी लेती है. किसी स्थिति में आपका पैसा फंसने नहीं पाता है. पोस्ट ऑफिस स्कीम में जमा पैसों का इस्तेमाल सरकार अपने कामों के लिए करती है. इसी वजह से इन पैसों पर सरकार गारंटी भी देती है.