/financial-express-hindi/media/post_banners/5Znpi8ElBWWWsnLReAPt.jpg)
Health Insurance for Senior Citizens: बढ़ती उम्र के साथ हेल्थ इंश्योरेंस की अहमियत और बढ़ जाती है, लेकिन बुजुर्गों के लिए हेल्थ कवरेज लेना आसान नहीं होता.
Why it is difficult to get Health Insurance for senior citizens, how to tackle this problem: एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस होना वैसे तो सबके लिए ही जरूरी है, लेकिन बढ़ती उम्र अपने साथ स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं भी लेकर आती है. लिहाजा बुजुर्गों के लिए हेल्थ कवरेज प्लान इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है. लेकिन दिक्कत ये है कि सीनियर सिटिजन्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदना आसान नहीं होता. हालांकि तमाम मुश्किलों के बावजूद अगर कुछ उपायों पर अमल किया जाए तो बुजुर्गों के लिए हेल्थ कवरेज का इंतजाम किया जा सकता है.
बुजुर्गों के हेल्थ इंश्योरेंस में क्या हैं अड़चनें?
हाल में आए एक सर्वे के मुताबिक देश के 98 फीसदी से ज्यादा बुजुर्गों के पास स्वास्थ्य बीमा का कवरेज नहीं है. बुजुर्गों के लिए हेल्थ कवरेज लेने में आने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए पहले उन्हें अच्छी तरह समझना जरूरी है.
उम्र के साथ बढ़ता प्रीमियम
उम्र के साथ-साथ बढ़ता प्रीमियम का बोझ बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा लेते समय सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में शामिल है. बीमा कंपनियां अक्सर इंश्योर्ड व्यक्ति की उम्र के आधार पर ज्यादा प्रीमियम मांगती हैं. उम्र पर आधारित इस प्रीमियम की वजह से सीनियर सिटिजन्स के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज खरीदना काफी महंगा हो जाता है. इसकी वजह से बहुत से बुजुर्ग खुद या उनके बच्चे अपने माता-पिता के लिए चाहकर भी हेल्थ इंश्योरेंस नहीं ले पाते.
पहले से मौजूद बीमारियों के कवरेज में समस्या
उम्र बढ़ने के साथ-साथ बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है. लेकिन स्वास्थ्य बीमा देने वाली कंपनियां अक्सर पहले से मौजूद बीमारियों के लिए या तो कवरेज देने से साफ इनकार कर देती हैं या फिर उनके लिए इतना ज्यादा प्रीमियम मांगती हैं, जिसे देना सबके वश में नहीं होता. कई बार तो बीमा कंपनियां पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से बुजुर्गों को हेल्थ कवरेज देने से ही पूरी तरह इनकार कर देती हैं.
बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के विकल्पों की कमी
भारत में स्वास्थ्य बीमा के बाजार में वैसे तो ढेरों ऑप्शन मौजूद हैं, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के हेल्थ कवरेज के लिए अच्छे और अफोर्डेबल विकल्प आसानी से नहीं मिलते. विकल्पों की इस कमी की वजह से बुजुर्गों के लिए अपनी खास जरूरतों के हिसाब से हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदना मुश्किल हो जाता है.
कैसे करें इन दिक्कतों को दूर
बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना कितना भी मुश्किल हो, लेकिन उनकी सेहत की अच्छी देखभाल के लिए ऐसा करना बेहद जरूरी है. लिहाजा, उन उपायों को समझना होगा, जिन पर अमल करके हम सीनियर सिटिजन्स के लिए स्वास्थ्य बीमा की सुविधा हासिल कर सकते हैं. अगर आप खुद सीनियर सिटिजन हैं या अपने परिवार के बुजुर्गों के लिए हेल्थ कवरेज लेना चाहते हैं, तो ये उपाय आपके काफी काम आ सकते हैं.
सीनियर सिटिजन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान
कई बीमा कंपनियों ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास तौर पर सीनियर सिटिजन हेल्थ इंश्योरेंस प्लान भी लॉन्च किए हैं. इन स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को बुजुर्ग नागरिकों के लिए ही डिज़ाइन किया गया है. ऐसी तमाम योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल करके और उनकी विशेषताओं और प्रीमियम की तुलना करके आप अपने या अपने परिवार के बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीद सकते हैं.
फेमिली फ्लोटर प्लान
फेमिली फ्लोटर प्लान (Family floater plans) किसी एक व्यक्ति की बजाय पूरे परिवार को हेल्थ इंश्योरेंस मुहैया कराते हैं. कई बार बुजुर्गों को अलग से हेल्थ कवरेज देने से इनकार करने वाली कंपनियां भी उन्हें फेमिली फ्लोटर प्लान में कवर करने को तैयार हो जाती हैं. हालांकि बुजुर्गों को शामिल करने पर ऐसे प्लान का प्रीमियम अक्सर बढ़ जाता है, लेकिन सीनियर सिटिजन्स के लिए कोई हेल्थ इंश्योरेंस न होने से बेहतर है कि उन्हें फेमिली प्लान के जरिए कवर कर लिया जाए.
ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस
ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस (Group medical plans) आम तौर पर एंप्लॉयर की तरफ से कर्मचारियों को दिए जाते हैं. इनमें कर्मचारी के साथ ही साथ उनके पूरे परिवार को भी शामिल किया जाता है. हालांकि ग्रुप मेडिकल इंश्योरेंस की सबसे बड़ी कमी ये है कि इसका फायदा सिर्फ तभी तक मिलता है, जब तक नौकरी रहे. कई कंपनियों में ग्रुप मेडिकल प्लान के कवरेज को टॉप-अप के जरिए बढ़ाने की सुविधा भी रहती है. अगर आपके पास अपने परिवार के बुजुर्गों के लिए कोई और कवरेज नहीं है और कंपनी से मिलने वाला डिफॉल्ट कवरेज कम है, तो टॉप-अप के जरिए उसे बढ़ाने पर भी विचार कर सकते हैं. लेकिन अगर आप अपने बुजुर्गों के लिए अलग से हेल्थ इंश्योरेंस ले लेते हैं तो यह हर हाल में बेहतर होगा. अगर निजी तौर पर लिए गए प्लान में वेटिंग पीरियड शामिल है, तो उस दौरान आपका ग्रुप इंश्योरेंस काम आ जाएगा.
आयुष्मान भारत योजना जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ
अगर आप प्राइवेट सेक्टर के किसी हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ नहीं ले पा रहे, तो भी निराश होने की जरूरत नहीं है. भारत सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका मकसद गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती होकर कराए जाने वाले इलाज के लिए सालाना 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है. 5 लाख रुपये की यह सालाना लिमिट एक परिवार के लिए होती है. अगर कोई बुजुर्ग इस योजना के लिए जरूरी शर्तों को पूरा करते हैं, तो आयुष्मान कार्ड बनवाकर बिना कोई प्रीमियम दिए योजना का लाभ से सकते हैं. इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों उनके परिवारों को सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) का लाभ भी मिलता है. हेल्थ कवरेज की कई योजनाएं अलग-अलग राज्य सरकारें भी चलाती हैं. आप जिस राज्य में रहते हैं, वहां की योजना के बारे में पता करके उसका भी लाभ ले सकते हैं.