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आसानी से चाहिए सस्ता लोन? तो अपने CIBIL स्कोर को सुधारने पर दें ध्यान, ये हैं कुछ आसान उपाय

CIBIL Score जितना अधिक होगा, कर्ज लेना उतना ही आसान होगा. अच्छी बात यह है कि कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने सिबिल स्कोर में सुधार भी कर सकते हैं.

CIBIL Score जितना अधिक होगा, कर्ज लेना उतना ही आसान होगा. अच्छी बात यह है कि कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने सिबिल स्कोर में सुधार भी कर सकते हैं.

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FE Hindi Desk
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How to improve your cibil score

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी, क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (CIBIL) लोगों की वित्तीय क्षमता का आकलन करके उन्हें सिबिल स्कोर देती है.

How to Improve Your CIBIL Score: अगर आपको होम लोन, कार लोन से लेकर पर्सनल लोन तक, किसी भी तरह का कर्ज सस्ती ब्याज दरों पर लेना हो, तो सिबिल (CIBIL) स्कोर का बेहतर होना जरूरी है. सिबिल स्कोर जितना अधिक होगा, कर्ज देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान कर्ज की अदायगी के मामले में आप पर उतना ही ज्यादा भरोसा करेंगे. आम तौर पर 700 से ज्यादा सिबिल स्कोर अच्छा माना जाता है. लेकिन क्या आप अपने सिबिल स्कोर में सुधार कर सकते हैं? ऐसा बिलकुल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा :

वक्त पर करें अपनी EMI का भुगतान

अगर आपने पहले से कोई लोन ले रखा है, तो उसकी ईएमआई का भुगतान हमेशा वक्त पर करें. सही समय पर ईएमआई का भुगतान करना सिबिल स्कोर को बेहतर बनाए रखने का सबसे अच्छा उपाय है. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपके सिबिल स्कोर में गिरावट आएगी और भविष्य में लोन लेने में मुश्किल होगी.

पुरानी देनदारी बकाया न रखें

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अगर आपको कोई नया लोन लेना है, तो उससे पहले पुराने कर्जों को चुकाने की कोशिश करें. इससे आपकी कुल आमदनी में कर्ज भुगतान की हिस्सेदारी भी घटेगी. अगर आपकी आमदनी का बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में खर्च हो रहा है, तो वित्तीय संस्थान आपको आसानी से नया कर्ज देना नहीं चाहेंगे. लेकिन अगर आप अपने पुराने सभी कर्जों को वक्त पर अदा कर देते हैं, तो आपकी क्रेडिट रेटिंग बेहतर रहेगी और नए कर्ज लेने में आसानी होगी.

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पूरी क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल न करें

अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो उसमें दी गई पूरी क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल न करें. आपको अपनी कुल क्रेडिट लिमिट के 30 फीसदी से ज्यादा उधार नहीं लेना चाहिए. इसके लिए आपको एक बजट बनाकर अपनी आमदनी और खर्चों में संतुलन बनाना चाहिए.

लंबे समय में री-पेमेंट का ऑप्शन

अगर आप लोन के री-पेमेंट के लिए लंबी अवधि का ऑप्शन चुनेंगे तो ईएमआई कम आएगी और आपके लिए उसका नियमित भुगतान करना आसान होगा. इसके अलावा आपकी आमदनी में क्रेडिट री-पेमेंट का शेयर भी कम रहेगा. इसलिए अगर आपकी आमदनी लोन की तुलना में बहुत ज्यादा नहीं है, तो कर्ज की अदायगी के लिए लंबी अवधि का ऑप्शन चुनकर अपनी सिबिल रेटिंग में सुधार कर सकते हैं.

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एक साथ कई लोन न लें

एक साथ कई लोन लेना आपकी क्रेडिट रेटिंग के लिए अच्छा नहीं है. कर्ज उतना ही लें, जितना आप आसानी से भुगतान कर सकें. अगर आप बहुत ज्यादा कर्ज लेंगे तो उनकी किस्तें समय पर चुकाना मुश्किल हो जाएगा, जिसका आपके सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ेगा.

क्रेडिट हिस्ट्री हो तो बेहतर

क्षमता से अधिक लोन लेना आपकी सिबिल रेटिंग के लिए अच्छा नहीं है. लेकिन अगर आपने पहले कभी कोई लोन नहीं लिया तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं होगी. ऐसे में सिबिल के पास आपकी रेटिंग तय करने का सही आधार ही नहीं होगा. इसलिए थोड़ी बहुत क्रेडिट हिस्ट्री होना सिबिल रेटिंग के लिए अच्छा होता है. यानी अगर आपको आने वाले दिनों में होम लोन या कार लोन जैसा कोई बड़ा कर्ज लेना है, तो उससे पहले एकाध छोटे लोन लेकर अपनी क्रेडिट हिस्ट्री बना लेना सिबिल स्कोर में सुधार करने का अच्छा तरीका हो सकता है. मिसाल के तौर पर अगर आप क्रेडिट कार्ड के जरिए कोई सामान खरीदते हैं और उस पर इंटरेस्ट फ्री लोन लेकर वक्त पर चुका देते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर अच्छा हो जाएगा. इसका फायदा आपको आने वाले दिनों में बड़ा लोन लेते समय मिलेगा.

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