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Stock Market Tips: शेयर बाजार में हाई रिटर्न की चर्चा अक्सर होती रहती है.
How to Pick Good Stocks: शेयर बाजार में अगर आप रूचि रखते होंगे तो अक्सर यह सुना होगा कि किसी शेयर ने बेहद कम समय में दोगुना या 3 गुना कर दिया है. या किसी शेयर ने महज 5 साल में निवेशकों को 5 गुना या 10 गुना रिटर्न दिया है. कहने का मतलब है कि शेयर बाजार में हाई रिटर्न की चर्चा अक्सर होती रहती है. निजी कंपनी में काम करने वाले गौरव ने भी जब स्टॉक मार्केट में निवेश करने का मन बनाया तो बिना कुछ सोचे समझे ऐसे ही कुछ हाई रिटर्न देने वाले शेयरों में 2 लाख रुपये लगा दिए. उन्होंने सिर्फ शेयर का प्रदर्शन देखकर ही बिना रिसर्च किए खुद ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में ऐसा किया. यही नादानी उनपर भारी पड़ गई और 14-15 महीनों में उनका 70 से 80 फीसदी पैसा डूब गया.
सिर्फ पुराना प्रदर्शन देखकर न करें निवेश
अगर आप भी गौरव की तरह ही सिर्फ पुराने रिटर्न के आधार पर शेयर चुनते हैं तो घाटा हो सकता है. निवेश के पहले देखें लेंकि शेयर कितना महंगा हो चुका है और उसके फंडामेंटल कैसे हैं. उन शेयरों की पहचान करें, जिनमें मजबूत ग्रोथ की क्षमता हो. जिनमें आपके लिए मल्टीबैगर बनने की क्षमता हो. इसके लिए कुछ टिप्स बहुत जरूरी हैं.
कंपनी का आउटलुक जरूर देखें
किसी भी कंपनी का शेयर खरीदते समय देखें कि भविष्य में उसकी ग्रोथ कैसी दिख रही है. कंपनी का बिजनेस मॉडल उसे लंबे समय तक दमखम के साथ बाजार में लीडर बनाए रखेगा या नहीं. कंपनी सेक्टर की दूसरी कंपनियों की तुलना में इनोवेशन कर रही है या नहीं.
कंपनी मुनाफा हासिल कर रही है या नहीं
शेयर में पैसे लगाने के पहले देखें ले कि कंपनी मुनाफा ला रही है या मुनाफे के ट्रैक से उतरी है. अगर कंपनी लगातार मुनाफे में है तो वह निवेश के जरिए बिजनेस बढ़ाने की सोचेगी. हाई रिटर्न स्टॉक बनने में यह जरूरी है कि समय के साथ कंपनी का मुनाफा बना रहे. मसलन RIL, Infosys जैसी कंपनियां सामान्य माहौल में ज्यादातर समय मुनाफा दर्शाती हैं. इन कंपनियों में आप लगातार इनोवेशन देख सकते हैं. जबकि Paytm, Zomato को अभी भी मुनाफे की तलाश है.
शेयर की वैल्यू देखें, कीमत नहीं
किसी शेयर की कीमत नहीं बल्कि यह देखे कि उसका वैल्युएशन कैसा है. कीमत में सस्ता लगने वाला शेयर किसी ज्यादा भाव वाले शेयर की तुलना में ज्यादा मूल्यवान हो सकता है. P/E यानी प्राइस/अर्निंग रेश्यो बताता है कि मौजूदा कीमत पर कोई शेयर महंगा या सस्ता है. P/E जितना ज्यादा होगा, शेयर उतना महंगा है.
प्रति शेयर आय चेक करें
कंपनी का EPS देखने से यह पता चलता है कि कंपनी के रेवेन्यू, मार्जिन और मार्केट शेयर में बढ़ोतरी हो रही है या नहीं. जिस कंपनी के फाइनेंशियल में ग्रोथ है, उसके शेयर में हाई रिटर्न की गुंजाइश होती है.
कंपनी पर कर्ज
शेयर चुनने के पहले देखें कि कंपनी पर ज्यादा कर्ज तो नहीं है. कंपनी पर बहुत ज्यादा कर्ज है तो आगे उसके कामकाज पर असर पड़ सकता है. वह बिजनेस बढ़ाने के लिए ज्यादा निवेश की स्थिति में नहीं होती है.
फ्री कैश फ्लो
अगर कंपनी फ्री कैश फ्लो जेनरेट कर रही है तो इसका मतलब यह हुआ कि आगे ग्रोथ करने के मौके अच्छे हैं. कैश फ्लो जनरेट करने वाली कंपनी आसानी से अपना कर्ज खत्म कर सकती है.
मजबूत ग्रुप की नई लिस्टिंग
बाजार में पहले से मजबूती से टिके किसी अच्छे ग्रुप की नई कंपनी बाजार में लिस्ट हो तो उस पर नजर रख सकते हैं. ग्रुप का मजबूत सपोर्ट नई कंपनी को कामयाब कर सकती है. जैसे आगे अगर Reliance Jio का शेयर बाजार में लिस्ट हो तो उसे RIL का सपोर्ट मिलेगा.
मैनेजमेंट का कैसा है ट्रैक रिकॉर्ड
शेयर की तलाश के समय कंपनी के मैनेजमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड भी देखें. जिन कंपनियों के ऑपरेशन में उनके ओनर खुद शामिल होते हैं, उनकी सफलता की संभावना ज्यादा मानी जाती है. उदाहरण: RIL, टाटा ग्रुप की कंपनियां, Wipro, Bajaj Finance और Dabur जैसी कई कंपनियां इस बात की मिसाल हैं.
लीडर कंपनियां
अगर किसी कंपनी में कोई ऐसी खास बात है, जो उसे प्रतियोगिता में आगे रखे तो उसके शेयर में ग्रोथ की उम्मीद काफी बढ़ जाती है.