scorecardresearch

Smart Investing: बाजार से मिल रहा निगेटिव रिटर्न? अपनाएं ये टिप्स, जेब में हमेशा रहेंगे पैसे

Smart investing: यह जानना बहुत जरूरी है कि ऐसे निवेश पर क्या रणनीति अपनानी चाहिए जो अंडरपरफॉर्म कर रहे हों.

Smart investing: यह जानना बहुत जरूरी है कि ऐसे निवेश पर क्या रणनीति अपनानी चाहिए जो अंडरपरफॉर्म कर रहे हों.

author-image
FE Online
New Update
best investment options

Take a look at best investment options for three years according to an expert.

अपने निवेश से रिस्क को खत्म करना आसान नहीं है. कभी-कभी बाजार उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करता है और कभी-कभी निवेश पर उम्मीद के मुताबिक रिटर्न नहीं मिलता है. ऐसी परिस्थिति में आप अपने वित्तीय लक्ष्य से चूक सकते हैं. संभव है कि आपने जो प्रोडक्ट चुना है, उस सेग्मेंट के अन्य प्रोडक्ट्स का प्रदर्शन बेहतर हो. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि ऐसे निवेश पर क्या रणनीति अपनानी चाहिए जो अंडरपरफॉर्म कर रहे हों. आइए सभी प्रकार के निवेश विकल्पों पर एक-एक करके समझते हैं कि ऐसी परिस्थिति में क्या रणनीति अपनाई जानी चाहिए.

फिक्स्ड डिपॉजिट्स

पिछले कुछ महीनों में एफडी की ब्याज दरों में गिरावट आने के कारण एफडी पर रिटर्न कम हुआ है. हालांकि इसके बावजूद एफडी से अन्य विकल्पों में निवेश स्विच करने पर उससे जुड़े रिस्क को भी ध्यान रखना चाहिए. मौजूदा समय में यह और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि इस समय निवेश के जरिए अपनी पूंजी बढ़ाने के साथ-साथ मूल पूंजी की सुरक्षा भी महत्वपूर्ण हो गई है.

Advertisment
  • अगर आपके रिस्क लेने की क्षमता बहुत कम है तो आप एफडी में निवेश जारी रख सकते हैं या अपने निवेश पूंजी को कई हिस्सों में बांटकर कई बैंकों में एफडी करा सकते हैं. इसके अलावा एक और विकल्प यह है कि अपनी निवेश पूंजी के कई हिस्सों में बांटकर कई हिस्सों को अलग-अलग बैंक में एफडी कराकर शेष बचे हिस्सों को लिक्विड फंड्स, डेट फंड्स या एएए रेटेड कॉर्पोरेट बांड्स जैसे स्माल सेविंग्स स्कीम्स में निवेश कर सकते हैं. इन स्माल सेविंग्स पर कम रिस्क पर अधिक रिटर्न मिल सकता है.
  • अगर आपके रिस्क लेने की क्षमता अधिक है तो अपनी निवेश पूंजी का एक हिस्सा इक्विटी फंड एसआईपी जैसे विकल्प का चयन कर सकते हैं.

इक्विटी फंड्स

डेट फंड्स की तुलना में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स अधिक वोलेटाइल होता है. आपको पोर्टफोलियो में कुछ ऐसे इक्विटी फंड्स हो सकते हैं जो बाजार में उपलब्ध लगभग समान फंड्स की तुलना में कमजोर प्रदर्शन कर रहे हों. कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी इक्विटी फंड का प्रदर्शन इसलिए कमजोर रहता है क्योंकि उस फंड के कुछ स्टॉक का प्रदर्शन कमजोर रहता है. अगर आपने अपनी स्टडी में पाया कि स्टॉक मैनेजर ने कमजोर स्टॉक सेलेक्ट किया है तो दूसरे इक्विटी फंड में स्विच कर सकते हैं. इसके लिए आप किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से बातचीत कर सकते हैं ताकि सही इक्विटी फंड का चयन किया जा सके.

डेट फंड्स

आमतौर पर इक्विटी फंड्स की तुलना में डेट फंड्स में कम रिस्क होता है. हालांकि इसके बावजूद अगर आपके पोर्टफोलियो के डेट फंड्स अन्य समान डेट फंड्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो फंड को पोर्टफोलियो को एनलाइज करिए कि इसके निवेश का ऑब्जेक्टिव क्या है और यह जानने की कोशिश करिए कि अंडरपरफॉर्मेंस अस्थाई है या आगे भी ऐसा ही प्रदर्शन जारी रहेगा. अगर हायर एक्सपेंस रेशियो की वजह से फंड का प्रदर्शन अच्छा नहीं है तो अपने निवेश स्ट्रेटजी में बदलाव करिए. आप फंड की बिक्री कर सकते हैं या किसी दूसरे बेहतर डेट फंड में स्विच कर सकते हैं. हालांकि एक बात यह जरूर सुनिश्चित कर लीजिए कि डेट फंड का अंडरपरफॉर्मेंस चक्रीय है या अस्थाई आर्थिक प्रभाव के कारण ऐसा हो रहा है.

इक्विटी में सीधे निवेश

स्टॉक मार्केट में सीधे निवेश बहुत रिस्की है क्योंकि स्टॉक मार्केट बहुत वोलेटाइल होता है. इसमें निवेश के लिए बहुत धैर्य की जरूरत होती है और अच्छे रिटर्न के लिए सही एप्रोच जरूरी है. अगर आपने जिन स्टॉक में निवेश किया है, वे बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं या निगेटिव रिटर्न मिल रहा है, तो सबसे पहले अपने पोर्टफोलियो को एनालाइज करिए. जो भी स्टॉक बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो इसके सेक्टर परफॉर्मंस से तुलना करिए. अगर सेक्टर परफॉर्मेंस भी बेहतर नहीं है तो निवेश जारी रख सकते हैं. हालांकि अगर इंडस्ट्री अंडरपरफॉर्मेंस कर रही है तो उसका कारण जानने की कोशिश करिए और अगर भविष्य में भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद न हो तो उसे बेच दीजिए.

अगर पूरा पोर्टफोलियो ही बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है तो किसी निवेश सलाहकार से संपर्क कर इसकी वजह जानने की कोशिश करिए और जरूरत पड़ने पर फिर से नया स्टॉक पोर्टफोलियो तैयार करिए.

(Article: Adhil Shetty, CEO, BankBazaar.com)