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अगर पीपीएफ अकाउंट धारक एक वित्त वर्ष में न्यूनतम राशि नहीं जमा कर पाता है, तो अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया जाता है.
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अगर पीपीएफ अकाउंट धारक एक वित्त वर्ष में न्यूनतम राशि नहीं जमा कर पाता है, तो अकाउंट को निष्क्रिय कर दिया जाता है. इस कंडीशन में सब्सक्राइबर को अपना पैसा ब्याज के साथ जोड़कर 15 साल का मेच्योरिटी पीरियड खत्म होने के बाद ही मिलता है. ऐसे अकाउंट को मेच्योरिटी की तारीख से पहले बंद नहीं किया जा सकता है. हालांकि, अगर कोई सब्सक्राइबर अकाउंट को रिवाइव करना चाहता है, तो वह मेच्योरिटी की तारीख से पहले कभी भी कर सकता है.
कितनी पेनल्टी देनी होगी?
अपने पीपीएफ अकाउंट को दोबारा चालू करने के लिये आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस की शाखा पर जाना होगा जहां आपका अकाउंट खोला गया था. वहां आपको एक लिखित में आवेदन देना होगा. इसके साथ ही जितने समय तक आपका अकाउंट चालू नहीं रहा है, उसके हिसाब से हर एक वित्त वर्ष के लिये 50 रुपये की पेनल्टी देनी होगी. इसके साथ ही हर साल के लिये 500 रुपये की न्यूनतम डिपॉजिट राशि का भुगतान करना होगा. जिस साल में आपका अकाउंट दोबारा चालू हो रहा है, उसके डिपॉजिट का भी भुगतान करना होगा.
क्यों चालू रखें PPF अकाउंट?
पीपीएफ अकाउंट का मेच्योरिटी पीरियड 15 साल का है, इसलिये इसमें बाद के सालों में कंपाउंडिंग का फायदा ज्यादा मिलता है. इसलिये अपने पीपीएफ अकाउंट को जारी रखना बेहतर विकल्प है. अगर खाता चालू नहीं रहा, तो उसे फौरन रिवाइव कर लें. पीपीएफ अकाउंट खोलने और इसे चालू रखने में कई फायदे हैं.
इसमें कुछ नियमों और शर्तों के अधीन, एक व्यक्ति PPF जमा पर कर्ज ले सकता है. 3 साल के 6 साल के बीच कर्ज लिया जा सकता है. दूसरे साल के अंत में बचे बैलेंस का अधिकतम 25 फीसदी कर्ज के तौर पर दिया जा सकता है, जिसे 24 महीने के भीतर चुकाना होगा. निष्क्रिय खाते या बंद किए गए खाते पर कर्ज नहीं लिया जा सकता है.