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Save Capital Gain Tax on Property Sale: प्रॉपर्टी बेचने से हुआ है मोटा मुनाफा, तो जानिए उस पर कैसे कम कर सकते हैं टैक्स का बोझ?

Save Capital Gain Tax on Property Sale: आप किसी संपत्ति को बेचने की योजना बना रहे हैं तो पहले ही कैपिटल गेन पर टैक्स देनदारी का आकलन करना सही रहेगा.

Save Capital Gain Tax on Property Sale: आप किसी संपत्ति को बेचने की योजना बना रहे हैं तो पहले ही कैपिटल गेन पर टैक्स देनदारी का आकलन करना सही रहेगा.

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Jeevan Deep Vishawakarma
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how to save Capital Gain Tax on Sale of Property know here in details

संपत्ति की बिक्री से हुए कैपिटल गैन पर होल्डिंग पीरियड के हिसाब से टैक्स देनदारी बनती है.

Save Capital Gain Tax on Property Sale: आप किसी संपत्ति को बेचने की योजना बना रहे हैं तो पहले ही कैपिटल गेन पर टैक्स देनदारी का आकलन करना सही रहेगा. जब आप कोई संपत्ति बेचते हैं तो इससे हुए कैपिटल गेन टैक्स पर इंफ्लेशन और इंडेक्सेशन को ध्यान में रखते हुए टैक्स चुकाना होता है लेकिन आप इसमें राहत भी पा सकते हैं. प्रॉपर्टी के बेचने पर हुए मुनाफे को कैपिटल गेन कहते हैं. इसे संपत्ति को बेचकर हुए मुनाफे में संपत्ति को खरीदने में खर्च की गई राशि व इसके रिपेयर इत्यादि पर खर्च को निकालकर प्राप्त किया जाता है.

होल्डिंग पीरियड के हिसाब से टैक्स देनदारी तय

संपत्ति की बिक्री से हुए कैपिटल गैन पर होल्डिंग पीरियड के हिसाब से टैक्स देनदारी बनती है. जैसे कि अगर आप तीन साल (36 महीने) से कम की होल्डिंग पीरियड में प्रॉपर्टी की बिक्री करते हैं तो मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल मानते हुए इस पर टैक्स चुकाना होगा. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स चुकाना होता है. अगर आप संपत्ति के अधिग्रहण के 36 महीने बाद इसकी बिक्री करते हैं तो इस पर मुनाफे पर लांग टर्न कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा. इंडेक्सेशन के बेनेफिट के साथ रीयल एस्टेट पर 3 फीसदी के सेस के साथ 20 फीसदी की दर से लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होता है. ध्यान रहे कि आपको उपहार या उत्तराधिकार में में मिली संपत्ति की बिक्री से भी मुनाफे पर टैक्स चुकाना होगा.

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संपत्ति की बिक्री पर कैपिटल गेन पर ऐसे बचा सकते हैं टैक्स

इंडिविजुअल्स और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) को इनकम टैक्स अधिनियम 1961 के तहत हाउस प्रॉपर्टी की बिक्री पर हुए लांग टर्म कैपिटल गेन पर इन परिस्थितियों में एग्जेंप्शन का फायदा मिलता है-

  • अगर इस कैपिटल गेन का इस्तेमाल अन्य घर को खरीदने या निर्माण में किया गया जाए.
  • नए घर की खरीदारी पुराने घर की बिक्री से एक साल पहले या दो साल बाद तक हो.
  • नए घर का निर्माण पुराने घर की बिक्री से तीन साल की भीतर हो.
  • सिर्फ एक अतिरिक्त हाउस प्रॉपर्टी की खरीदारी या निर्माण हो.
  • खरीदी गई निर्माण की गई संपत्ति देश में ही हो.
  • नया घर खरीदने के बाद तीन साल तक इसकी बिक्री न हो.
  • अगर नई संपत्ति का मूल्य पुराने घर की बिक्री राशि से कम है तो बचे हुए पैसे को सेक्शन 54ईसी के तहत 6 महीने के भीतर फिर से निवेश किया जा सकता है.

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टैक्स बचाने के ये भी हैं तरीके

  • अगर किसी प्रॉपर्टी की बिक्री के बाद आप तुरंत नया घर नहीं खरीद पा रहे हैं लेकिन आगे लेने की योजना है तो मुनाफे को किसी पब्लिक सेक्टर बैंक में कैपिटल गेन्स अकाउंट स्कीम (सीजीएएस) के तहत रख सकते हैं. इससे आपको घर का निर्माण शुरू करने के लिए तीन साल का समय मिल जाता है.
  • संपत्ति की बिक्री से हुए मुनाफे पर टैक्स बचाने के लिए छह महीने के भीतर नोटिफाइड बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं. ये बॉन्ड रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन और एनएचएआई (नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा जारी किए जाते हैं. हालांकि अगर तीन वर्ष के दौरान इन बॉन्डों को ट्रांसफर या गिरवी रखकर लोन लेते हैं तो इस पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा. ध्यान रहे कि एक वित्त वर्ष में इन बॉन्डों में 50 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं और इनमें कम से कम 3 साल तक निवेश बनाए रखना होगा.

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  • खेती की जमीन की बिक्री पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता है, अगर यह किसी म्यूनिसिपॉलिटी, म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन, टाउन कमेटी, कैंटोनमेंट बोर्ड या अन्य सिविक बॉडी से 8 किमी दूर है जिसकी जनसंख्या 10 हजार या इससे अधिक हो.
  • कैपिटल गेन प्रॉफिट को कैपिटल गेन लॉस के साथ सेट ऑफ कर सकते हैं. हालांकि यह लॉस प्रीवियर डेट में होना चाहिए. यहां यह ध्यान रहे कि शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस को सिर्फ शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के साथ सेट ऑफ कर सकते हैं. वहीं लांग टर्म कैपिटल लॉस को लांग टर्म कैपिटल गेन के साथ सेट ऑफ कर सकते हैं और इसे 8 साल तक कैरी फारवर्ड कर सकते हैं. हालांकि यह फायदा लेने के लिए आपको समय से पहले ही आईटीआर फाइनल करना अनिवार्य है.

    (इनपुट : बैंकबाजारडॉटकॉम)

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