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पति-पत्नी हैं तो 68,400 रु सालाना करें कमाई; पोस्ट ऑफिस की स्कीम का उठाएं फायदा

अगर हस्बैंड वाइफ हैं तो पोस्ट ऑफिस की खास स्कीम से अच्छी इनकम कर सकती हैं.

अगर हस्बैंड वाइफ हैं तो पोस्ट ऑफिस की खास स्कीम से अच्छी इनकम कर सकती हैं.

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Sushil Tripathi
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अगर हस्बैंड वाइफ हैं तो पोस्ट ऑफिस की खास स्कीम से अच्छी इनकम कर सकती हैं.

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अगर आप जॉब या बिजनेस के अलावा किसी रेगुलर इनकम के विकल्प की तलाश में हैं तो पोस्ट ऑफिस की एक खास स्कीम आपकी मदद कर सकती है. अगर हस्बैंड वाइफ हैं तो यह स्कीम दोगुना फायदा दे सकती है. असल में पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (MIS) आपको हर महीने कमाई का मौका देती है. इसमें ज्वॉइंट अकाउंट भी खोलने की सुविधा है, जिसके जरिए आपका लाभ दोगुना हो सकता है. हम आपको आज इस खास स्कीम के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं कि कैसे इससे जुड़कर हस्बैंड वाइफ 68400 रुपये सालाना कमाई कर सकते हैं.

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क्या है MIS स्कीम

मंथली इनकम स्कीम पोस्ट ऑफिस की ऐसी योजना है जो किसी इनडिविजुअल या ज्वॉइंट अकाउंट के तहत मंथली कमाई का मौका देती है. इसके तहत कोई भी भारत का नागरिक 1000 रुपये के शुरूआती निवेश से पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकता है. अगर कोई सिंगल अकाउंट खोलता है तो इसमें अधिकतम निवेश 4.5 लाख करना होता है. ज्वॉइंट अकाउंट के तहत अधिकतम निवेश 9 लाख रुपये कर सकते हैं.

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कैसे काम करती है योजना

पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम के तहत मौजूदा समय में 7.6 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिल रहा है. स्कीम के तहत आपकी कुल जमा पर सालाना ब्याज के हिसाब से रिटर्न की गणना की जाती है. कुल रिटर्न सालाना आधार पर होता है, इसलिए इसे हर महीने के हिसाब से 12 हिस्सों में बांट दिया जाता है. यह एक हिस्सा आप हर महीने अपने खाते में मंगा सकते हैं. अगर आपको मंथली बेसिस पर इसकी जरूरत नहीं है तो मूलधन में यह रकम भी जोड़कर उसपर ब्याज मिलता है.

उदाहरण से समझें कैसे होगी इनकम

मान लिया की किसी पति-पत्नी ने इस स्कीम के तहत ज्वॉइंट अकाउंट में 9 लाख रुपये निवेश किया है. 9 लाख की जमा पर 7.6 फीसदी ब्याज दर से सालाना रिटर्न 68400 रुपये होगा. इसे अगर 12 हिस्सें में बांट दिया जाए तो यह मंथली 5700 रुपये होगा. यानी मंथनी 5700 रुपये आप हर महीने अपने खाते में मंगा सकते हैं. वहीं आपका मूलधन पूरी तरह से सुरक्षित पड़ा रहेगा. चाहें तो स्कीम को 5 साल बाद और 5-5 साल के लिए बढ़ा सकते हैं.

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