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यह निवेश विकल्प उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए एडवांस में निवेश करना चाहते हैं. Image: Reuters
एकमुश्त पैसे के साथ फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) न कर सकने वालों के लिए रिकरिंग डिपॉजिट (RD) निवेश विकल्प को लाया गया. आरडी में मासिक किस्तों में निवेश किया जा सकता है. लेकिन कैसा हो अगर एक तय अवधि के बाद आरडी आपको मंथली इनकम कराए. ऐसी सुविधा उपलब्ध करा रहा है ICICI बैंक, जहां 'मंथली इनकम रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट' खुलवाया जा सकता है. यह निवेश विकल्प उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो लॉन्ग टर्म वित्तीय लक्ष्यों के लिए एडवांस में निवेश करना चाहते हैं.
ICICI बैंक का मंथली इनकम रिकरिंग डिपॉजिट, एक ऐसा टर्म डिपॉजिट है जो इन्वेस्टमेंट फेज में आरडी फीचर्स के साथ है और पेआउट फेज में एन्युइटी फिक्स्ड डिपॉजिट है. इसे कोई भी भारतीय नागरिक सिंगल या ज्वॉइंट में खुलवा सकता है. ICICI बैंक के मंथली इनकम रिकरिंग डिपॉजिट में निवेश की मिनिमम वैल्यू 2000 रुपये प्रतिमाह है. उसके बाद 100 रुपये के गुणक यानी मल्टीप्लाई में डिपॉजिट किया जा सकता है.
डिपॉजिट की अवधि
इस डिपॉजिट की पूरी अवधि/टेनर दो चरणों में बंटी है, पहला इन्वेस्टमेंट फेज और दूसरा पेआउट या बेनिफिट (रिपेमेंट) फेज. इन्वेस्टमेंट फेज मिनिमम 24 माह का होगा और 3 माह के मल्टीप्लाई में होगा. पेआउट फेज भी मिनिमम 24 माह का होगा और 12 माह के मल्टीप्लाई में होगा. ध्यान रहे इन्वेस्टमेंट व पेआउट दोनों फेज मिलाकर डिपॉजिट की कुल अवधि निर्धारित किए जाने के बाद इसे बदला नहीं जा सकता. अवधि जमाकर्ता तय करेगा.
इन्वेस्टमेंट फेज: इस फेज के दौरान ग्राहक को फंड खड़ा करने के लिए आरडी में नियमित रूप से पैसा डालना होगा.
पेआउट फेज: डिपॉजिट में इन्वेस्टमेंट का फेज पूरा होने के बाद आरडी इंस्टॉलमेंट्स+ ब्याज मिलाकर पूरा मैच्योरिटी अमाउंट पेआउट पीरियड के लिए एन्युइटी फिक्स्ड डिपॉजिट में लगा दिया जाएगा और ग्राहक को मंथली पेआउट हासिल होगा.
इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है...
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ब्याज दर
मंथली इनकम रिकरिंग डिपॉजिट पर पूरी जमा अवधि के दौरान तय ब्याज दर मिलेगी, यानी इन्वेस्टमेंट फेज व पेआउट फेज दोनों के दौरान समान ब्याज दर लागू होगी. अगर ब्याज दर घटती या बढ़ती है तो भी दोनों फेज के दौरान पहले तय ब्याज दर ही मिलती रहेगी. ICICI बैंक में इस वक्त आरडी पर ब्याज दरें अलग-अलग अवधि के हिसाब से 3.50 फीसदी से लेकर 5.50 फीसदी सालाना तक हैं. सीनियर सिटीजन को 0.50 फीसदी अधिक ब्याज की पेशकश की जा रही है.
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शर्तें
- डिपॉजिट पर हासिल होने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा.
- अगर इस आरडी में मासिक किस्त, महीने के आखिरी कामकाजी दिन तक नहीं गई तो किस्त में देरी का जुर्माना 12 रुपये प्रति 1000 रुपये के हिसाब से देना होगा.
- मं​थली इनकम रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट में किसी भी फेज में आंशिक निकासी की इजाजत नहीं है.
- इन्वेस्टमेंट फेज व पेआउट फेज दोनों के दौरान प्रीमैच्योर क्लोजर की इजाजत होगी, लेकिन जुर्माना देय होगा.
एकमुश्त राशि पाने का विकल्प भी
ICICI बैंक इसी आरडी अकाउंट के साथ एक अन्य विकल्प भी देता है, जिसमें ग्राहक इन्वेस्टमेंट फेज पूरा हो जाने पर पेआउट फेज में पूरे मैच्योरिटी अमाउंट का 30 फीसदी एकमुश्त पा सकता है. उसके बाद बचा हुआ मैच्योरिटी अमाउंट पेआउट पीरियड के लिए मंथली पेआउट विकल्प के साथ फिर से एफडी में लगा दिया जाता है. इस दौरान मंथली पेमेंट ग्राहक को उसके बचत खाते में मिलता है. इसका उदाहरण इस तरह है...
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