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प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल एफडी की स्थिति में, अवधि खत्म होने से पहले जुर्माना देकर जमाकर्ता अपनी राशि को निकाल सकते हैं.
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जमा और बचत की बात करें तो बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम बेहद पॉपुलर है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि लोग इसे सुरक्षित मानते हैं और उन्हें तय रिटर्न मिलता है. सबसे अच्छी बात है कि मार्केट लिंक्ड स्कीम नहीं होती है, इसलिए बाजार के उतार चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं होता है. बैंक एफडी में अलग-अलग टेन्योर का विकल्प मिलता है. यह 7 दिन से लेकर 10 साल तक का होता है.
यह इमरजेंसी फंड की जरूरत होने पर बहुत मदद करता है. उदाहरण के लिए कोरोना वायरस जैसे संकट की स्थिति में जमाकर्ता अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट से प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल कर सकते हैं. लेकिन इसमें अक्सर जुर्माना देना पड़ता है. बैंक में एफडी खोलते समय जमाकर्ता के सामने दो तरह के अकाउंट चुनने का विकल्प रहता है - प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल सुविधा के साथ, प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल सुविधा के बिना. दूसरा विकल्प एक अनिवार्य लॉक-इन पीरियड के साथ आता है.
प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल एफडी की स्थिति में, अवधि खत्म होने से पहले जुर्माना देकर जमाकर्ता अपनी राशि को निकाल सकते हैं और अकाउंट को बंद कर सकते हैं. लेकिन ज्यादातर बड़े बैंकों ने अपनी नियम और शर्तों को तय कर रखा है. SBI, HDFC बैंक और ICICI बैंक के एफडी से मेच्योरिटी से पहले पैसे विद्ड्रॉ करने के अपने नियम हैं.
प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल पर जुर्माना
बैंक अक्सर टेन्योर पूरा होने से पहले फिक्स्ड डिपॉजिट को बंद करने या प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल करने पर जुर्माना लेते हैं. यह एफडी राशि के 0.55 फीसदी से लेकर 1 फीसदी तक होता है. उदाहरण के लिए एसबीआई की बैंक एफडी से प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल करने पर जमाकर्ता को सभी टेन्योर के लिए 5 लाख रुपये से कम राशि की स्थिति में 0.05 फीसदी का जुर्माना और 5 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ तक की राशि जमा पर 1 फीसदी का जुर्माना देना होगा. अगर बैंक में आपी एफडी 3 लाख रुपये की है, तो आपको जमा में से 1,500 रुपये का जुर्माना और 18 लाख रुपये की एफडी होने पर 18 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा.
ICICI बैंक की एफडी में प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल करने पर 5 करोड़ से कम जमा और 1 साल से कम टेन्योर पर जमाकर्ता को 0.50 फीसदी का जुर्माना और 1 साल और उससे ज्यादा अवधि पर 1 फीसदी का जुर्माना लगेगा. इसी तरह HDFC बैंक एफडी से प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल करने पर 1 फीसदी का जुर्माना लेता है जिसमें स्वीप इन और आंशिक विद्ड्रॉल शामिल हैं.
प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल पर ब्याज का भुगतान
इस बात का ध्यान रखें कि बैंक सामान्य तौर पर उस पूरी अवधि के लिए ब्याज का भुगतान करते हैं, जब जमा उसके पास रहती है. लेकिन यह अकाउंट खोलने के समय उपयुक्त रेट से 0.50 फीसदी या 1 फीसदी कम हो सकता है. उदाहरण के लिए HDFC बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट से प्रीमेच्योर विद्ड्रॉल करने पर ब्याज दर उस टेन्योर के लिए लागू होगी जिसके लिए एफडी को खोला गया था या जिसके लिए डिपॉजिट बैंक के साथ रहा है, उसका रेट, इन दोनों में जो भी कम हो.
(Story: Priyadarshini Maji)