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EPFO के नियम बदले! 15,000 रु से ज्यादा सैलरी पर PF बचत में कितना नुकसान? बढ़ेगा कैश इन हैंड

सरकार ने कोविड19 से उपजे हालातों में संगठित क्षेत्र की कं​पनियों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए आर्थिक पैकेज के हिस्से के तौर पर एक बड़ा एलान किया.

सरकार ने कोविड19 से उपजे हालातों में संगठित क्षेत्र की कं​पनियों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए आर्थिक पैकेज के हिस्से के तौर पर एक बड़ा एलान किया.

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Ritika Singh
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impact of reduced 10 percent EPF contribution on take home salary of the employee and employee provident fund

Image: Reuters

impact of reduced 10 percent EPF contribution on take home salary of the employee and employee provident fund Image: Reuters

सरकार ने COVID-19 से उपजे हालातों में संगठित क्षेत्र की कं​पनियों और कर्मचारियों को राहत पहुंचाने के लिए आर्थिक पैकेज के हिस्से के तौर पर एक बड़ा एलान किया. घोषणा की गई है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में आने वाली ऐसी कंपनियां और उनके कर्मचारी, जिन्हें पीएम गरीब कल्याण पैकेज के ​तहत सरकार की ओर से योगदान का लाभ नहीं मिल रहा है, उनके मामले में तीन माह मई,  जून, जुलाई तक एंप्लॉयर व इंप्लॉई के लिए EPF योगदान 10-10 फीसदी रहेगा.

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नए एलान के पीछे सरकार का मकसद कर्मचारियों की टेक होम सैलरी में इजाफा करना है. हालांकि सरकारी संस्थान यानी CPSE और स्टेट पीएसयू व उनमें काम करने वाले कर्मचारी इस घटे पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन के दायरे में नहीं आएंगे. उनके लिए योगदान 12-12 फीसदी ही रहेगा. बता दें कि आम तौर पर EPF में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है, यानी कुल 24 फीसदी. नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में जाता है.

इनहैंड सैलरी और बचत पर क्या असर

EPF में कर्मचारी की ओर से 2 फीसदी कम योगदान से 15000 रुपये से ज्यादा बेसिक सैलरी+डीए पाने वाले कर्मचारी की इनहैंड सैलरी पर क्या असर होगा, इसे कुछ उदाहरणों से समझ सकते हैं. मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA 20000 रुपये है. ऐसे में 12 फीसदी के हिसाब से कर्मचारी की ओर से EPF में हर माह 2400 रुपये जाते हैं, जो अब अगले तीन महीनों तक 10 फीसदी योगदान के आधार पर 2000 रुपये प्रतिमाह होंगे. कर्मचारी की ओर से कॉन्ट्रीब्यूशन में 2 फीसदी कमी का फायदा इनहैंड सैलरी में जुड़ने पर कर्मचारी के हाथ में 400 रुपये/माह ज्यादा आएंगे. यानी तीन महीनों में 1200 रुपये ज्यादा. साथ ही कर्मचारी के पीएफ में उसका योगदान तीन महीनों में 1200 रुपये कम रहेगा.

इसी तरह अगर किसी की बेसिक सैलरी+डीए 30,000 रुपये है तो 12 फीसदी के हिसाब से उसकी ओर से EPF में हर माह 3600 रुपये जाते हैं. यह अमाउंट अब अगले तीन माह तक 10 फीसदी के आधार पर 3000 रुपये प्रतिमाह रहेगा. कर्मचारी की ओर से कॉन्ट्रीब्यूशन में 2 फीसदी कमी का फायदा इनहैंड सैलरी में जुड़ने पर कर्मचारी के हाथ में 600 रुपये/माह ज्यादा आएंगे. यानी तीन महीनों में 1800 रुपये ज्यादा. साथ ही कर्मचारी के पीएफ में उसका योगदान तीन महीनों में 1800 रुपये कम रहेगा.

ज्यादा कॉन्ट्रीब्यूशन के लिए VPF विकल्प

आमतौर पर PF में कर्मचारी का योगदान बेसिक+डीए का 12 फीसदी मंथली है लेकिन अगर वह चाहे तो इस योगदान को बढ़ा भी सकता है. इसके लिए वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) का विकल्प है, जो कि 12 फीसदी से ऊपर के योगदान को कहा जाता है. VPF के तहत कर्मचारी चाहे तो पीएफ में अपनी बेसिक सैलरी का 100 फीसदी तक कान्ट्रीब्यूट कर सकता है. VPF के योगदान को हर साल संशोधित किया जा सकता है. हालांकि VPF के तहत एंप्लॉयर पर यह बंदिश नहीं है कि वह भी इंप्लॉई के बराबर ही EPF में उच्च योगदान करे.

इन लोगों के लिए सरकार दे रही है योगदान

पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत जिन कंपनियों में 100 कर्मचारी तक मौजूद हैं और इनमें से 90 फीसदी कर्मचारी 15 हजार रुपये से कम महीने में कमाते हैं, ऐसी कंपनियों और उनके कर्मचारियों की ओर से EPF में योगदान मार्च से लेकर अगस्त 2020 तक के लिए सरकार की ओर से दिया जा रहा है.

Epfo Epf Employees Provident Fund