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कोरोना संकट में सैलरी कट के बाद छोड़ रहे नौकरी या मिली पिंक स्लिप? ग्रेच्युटी पर क्या होगा असर, एक्सपर्ट से समझें

चूंकि ग्रेच्युटी आखिरी मिली सैलरी पर कैलकुलेट होती है तो सैलरी कट के मामले में आखिरी सैलरी किसे माना जाएगा?

चूंकि ग्रेच्युटी आखिरी मिली सैलरी पर कैलकुलेट होती है तो सैलरी कट के मामले में आखिरी सैलरी किसे माना जाएगा?

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Ritika Singh
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Impact of salary cut on grautity, After salary cut gratuity calculation would be based on the last drawn salary after the pay cut at the time of exit मौजूदा दौर में कोविड19 (COVID19) महामारी को देखते हुए लॉकडाउन के कारण कई कंपनियां वित्तीय दबाव झेल रही हैं.

मौजूदा दौर में कोविड-19 (COVID-19) महामारी को देखते हुए लॉकडाउन के कारण कई कंपनियां वित्तीय दबाव झेल रही हैं. कामकाज बंद रहने से पैदा हुए लिक्विडिटी संकट के चलते कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है. ऐसे में सवाल यह है कि अगर कोई कर्मचारी 5 साल की लगातार नौकरी के बाद सैलरी कट होने की स्थिति में इस्तीफा देता है या कंपनी उसे निकाल देती है तो उसकी ग्रेच्युटी पर क्या असर होगा? चूंकि ग्रेच्युटी आखिरी मिली सैलरी पर कैलकुलेट होती है तो सैलरी कट के मामले में आखिरी सैलरी किसे माना जाएगा?

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bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक, कर्मचारी की ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन नौकरी छोड़ने के वक्त आखिरी 15 दिन की सैलरी पर होती है. इसलिए अगर कोई 5 साल की लगातार नौकरी के बाद कंपनी छोड़ रहा है तो उसके एग्जिट डेट के वक्त की आखिरी सैलरी पर ग्रेच्युटी अमाउंट बेस्ड होगा. अगर किसी कारणवश कर्मचारी के वेतन में कटौती की गई है तो इस कटौती के बाद जो सैलरी बनी है और वही उसके नौकरी छोड़ने के टाइम पर आखिरी ली गई सैलरी है तो ग्रेच्युटी अमाउंट इस कम हो चुकी सैलरी पर बेस्ड होगा. ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला इस तरह है-

आखिरी सैलरी (बेसिक+DA) X नौकरी के वर्ष X 15/26

ग्रेच्युटी का क्या है नियम

बता दें कि 10 से ज्यादा इंप्लॉई वाली ऑर्गेनाइजेशन में अगर कोई कर्मचारी लगातार कम से कम 5 साल काम करता है तो वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार है. यह प्रावधान पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी ऑफ एक्ट, 1972 के तहत है. यह ग्रेच्युटी उसे तब भी मिलेगी, जब कंपनी ने कर्मचारी को निकाल दिया हो या फिर कर्मचारी ने अपनी ओर से इस्तीफा दिया हो. लेकिन शर्त यही है कि कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने का हकदार तभी होगा, जब उसने कंपनी में कम से कम 5 साल लगातार काम किया हो.

नियम यह भी कहता है कि 5 साल लगातार काम की शर्त उस मामले में लागू नहीं होगी अगर कर्मचारी की नौकरी उसकी मृत्यु या अक्षमता की वजह से छूटी हो. कानून साफ तौर पर कहता है कि एक्सीडेंट, बीमारी, बिना छुट्टी काम पर अनुपस्थिति, छंटनी, हड़ताल या लॉक आउट या काम की समाप्ति के चलते अगर कर्मचारी की लगातार नौकरी में व्यवधान आता है तो इसमें कर्मचारी की कोई गलती नहीं है. मृत्यु के मामले में ग्रेच्युटी अमाउंट कर्मचारी के नॉमिनी को मिलेगा, नॉमिनी न होने पर उसके उत्तराधिकारी को दिया जाएगा.

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