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वरिष्ठ नागरिकों को न सिर्फ टैक्स छूट का लाभ मिलता है बल्कि उन्हें निवेश और रिटर्न पर भी खास राहत मिलती है. (Image- Pixabay)
Income Tax Benefits for Senior Citizens: इनकम टैक्स की पुरानी स्लैब के तहत टैक्सपेयर्स को टैक्स बेनेफिट्स मिलता है. हालांकि बुजुर्गों को खास राहत दी जाती है. 60 वर्ष से अधिक की उम्र के लोगों को न सिर्फ टैक्स छूट का लाभ मिलता है बल्कि उन्हें निवेश और रिटर्न पर भी खास राहत मिलती है. पुरानी स्लैब के मुताबिक वरिष्ठ नागरिकों को 3 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है जबकि इससे कम उम्र के लोगों को 2.5 लाख रुपये तक की आय पर ही टैक्स छूट मिलती है. हालांकि सुपर सीनियर सिटीजंस के मामले में यह सीमा और अधिक है. 80 वर्ष से अधिक की उम्र के बुजुर्गों की 5 लाख रुपये तक की आय को आयकर के दायरे से बाहर रखा गया है. इसके अलावा भी आयकर अधिनियम के तहत बुजुर्गों को कई प्रकार की रियायतें दी जाती हैं.
वित्त वर्ष 2020-21 की टैक्स स्लैब के मुताबिक सीनियर सिटीजंस की 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है, 3-5 लाख की आय पर 5 फीसदी की दर से टैक्स व 4 फीसदी की दर से उपकर, 5-10 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी की दर से टैक्स व 4 फीसदी की दर से उपकर और 10 लाख से अधिक की आय पर 30 फीसदी की दर से टैक्स व 4 फीसदी की दर से उपकर लगता है.
रिटर्न से राहत
वित्त अधिनियम 2021 के तहत कुछ वरिष्ठ नागरिकों को खास रियायतें दी गई हैं. इसके तहत एक निश्चित क्राइटेरिया पूरा करने वाले नागरिकों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होती. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 194पी के तहत 75 वर्ष से अधिक उम्र के जिन बुजुर्गों को सिर्फ पेंशन और ब्याज से आय होती है, वे अपने बैंक में एक फॉर्म जमा कर रिटर्न भरने से छूट ले सकते हैं. ऐसी स्थिति में बैंक उनकी आय पर टैक्स कैलकुलेट कर सरकारी खजाने में जमा कर देगा.
ई-फाइलिंग जरूरी नहीं
80 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिक यानी सुपर सीनियर सिटीजंस आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म को ऑफलाइन तरीके से भी फाइल कर सकते हैं. ऐसे टैक्सपेयर्स को अपने रिटर्न को ऑनलाइन या पेपर मोड के जरिए भरने का विकल्प दिया गया है.
हेल्थ इंश्योरेंस पर 50 हजार की राहत
60 वर्ष से अधिक उम्र के टैक्सपेयर्स को हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम या मेडिकल खर्च के लिए इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के तहत सालाना 50 हजार रुपये तक की राहत मिलती है. इसके अलावा अगर सीनियर सिटीजन सीनियर सिटीजन पैरेंट्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो सेक्शन 80डी के तहत अतिरिक्त 50 हजार रुपये के डिडक्शन का दावा कर सकते हैं. इसके अलावा वे सेक्शन 80डीडीबी के तहत गंभीर बीमारियों के इलाज पर 1 लाख रुपये तक के खर्च के डिडक्शन का दावा कर सकते हैं.
एडवांस टैक्स भरने से राहत
आमतौर पर जिन टैक्सपेयर्स की सालाना टैक्स लायबिलिटी 10 हजार रुपये से अधिक होती है, उन्हें सेक्शन 211 के तहत एडवांस टैक्स चुकाना होता है. हालांकि जिन वरिष्ठ नागरिकों को सिर्फ वेतन, पेंशन, किराए और ब्याज से आय होती है, उन्हें एडवांस टैक्स भरने से राहत दी गई है.
ब्याज पर 50 हजार रुपये तक की छूट, टीडीएस से भी राहत
वरिष्ठ नागरिकों को बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा पूंजी से मिलने वाले ब्याज पर 50 हजार रुपये तक के डिडक्शन का फायदा मिलता है. इसके अलावा अगर बैंकों में जमा पूंजी पर सालाना 50 हजार रुपये से कम आय होती है तो बैंक टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) नहीं काटेंगे. खास बात यह है कि 50 हजार रुपये की यह सीमा प्रति बैंक की है.
50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन
बुजुर्गों की पेंशन भी आयकर के दायरे में आतती है और इनकम टैक्स एक्ट के तहत पेंशन पर सालाना 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. बुजुर्गों को यह रियायत इलाज व आने-जाने के खर्च के रूप में दिया जाता है जिसके क्लेम के लिए किसी कागजात की जरूरत नहीं पड़ती है.
(सोर्स: क्लियरटैक्स)