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Income Tax: CBDT ने हाल ही में आकलन वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म 1 से फॉर्म 7 तक जारी किए हैं. हालांकि, इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग वर्तमान में केवल उन्हीं लोगों के लिए उपलब्ध है जो आईटीआर 1 और 4 भरना चाहते हैं. इनकम टैक्स विभाग ने सूचना दी है कि AY 2020-21 के लिए आईटीआर 1 और 4 ई-फाइलिंग के लिए उपलब्ध हैं. इन्हें एक्सल या जावा में डाउनलोड किया जा सकता है और दूसरे आईटीआर जल्द उपलब्ध होंगे.
आईटीआर 1 फॉर्म या सहज को मुख्य तौर पर सैलरी प्राप्त करने वाले लोग इस्तेमाल करते हैं. सहज उन लोगों के लिए हैं जो निवासी हैं और कुल आय 50 लाख रुपये तक है. यह आय सैलरी, वन हाउस प्रॉपर्टी, ब्याज आय और 5,000 रुपये तक कृषि आय है. हालांकि, यह उन लोगों के लिए नहीं है जो कंपनी में डायरेक्टर है या उसने अनलिस्टेड इक्विटी शेयर में निवेश किया है.
आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया कि आकलन वर्ष 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने के लिए आखिरी तारीख 31 जुलाई 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 तक कर दिया है. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए एडवांस टैक्स के भुगतान की तारीख को भी बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया है. इसके अलावा फॉर्म 16 जारी करने की आखिरी तारीख को भी 10 जून 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया गया है.
शेड्यूल DI
यह भी बात ध्यान देने वाली है कि सरकार द्वारा जनवरी 2020 में जारी किए गए आईटीआर 1 या सहज फॉर्म को अब दोबारा जारी किया गया है. आईटीआर 1 फॉर्म जो दोबारा जारी हुए हैं, उनमें 1 अप्रैल से लेकर 30 जून तक किए गए निवेश की जानकारी है. यह शेड्यूल DI में दिखता है जहां करदाता को 1 अप्रैल से 30 जून तक की गई टैक्स बचत से जुड़े निवेश के बारे में जानकारी देनी होगी. Nangia Andersen Consulting के डायरेक्टर शैलेश कुमार ने कहा कि नए आईटीआर फॉर्म में करदाता को उन टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स या डोनेशन की डिटेल्स देनी होंगी जो वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 तक किए गए हैं. ये सरकार द्वारा कोविड-19 और उसके बाद लागू लॉकडाउन को देखते हुए किया गया है.
करदाताओं के लिए राहत की बात यह है कि कुछ जानकारी अब देने की जरूरत नहीं होगी. Deloitte इंडिया के पार्टनर Saraswathi Kasturirangan ने बताया कि जनवरी में जारी किए गए आईटीआर 1 में सैलरी से संबंधित विस्तृत जानकारी और हाउस प्रॉपर्टी इनकम की जानकारी को मांगा गया था जैसे TAN, नियोक्ता का नाम और घर का पता, किरायेदार की डिटेल जैसे नाम, पैन और आधार. वर्तमान आईटीआर के मुताबिक, ये डिटेल अब नहीं मांगी गई हैं.
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आईटीआर 1 फॉर्म में नई जानकारी
हालांकि कुछ नई जानकारी जनवरी 2020 में ही आईटीआर 1 फॉर्म का हिस्सा बन गई थी. Kasturirangan ने कहा कि आईटीआर 1 में यह जानकारी मांगी गई है कि क्या टैक्सपेयर का कैश डिपॉजिट 1 करोड़ से ज्यादा हो सकता है, 2 लाख रुपये से ज्यादा विदेश सफर का खर्च या 1 लाख से ज्यादा बिजली खर्च टैक्स फाइलिंग की जरूरतों को बढ़ाते हैं, जहां टैक्स योग्य आय नहीं होती है, उस स्थिति में भी.