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ITR 2025 Alert : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल के जरिए टैक्सपेयर्स से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट करता है. (AI Image)
ITR Filing 2025 : क्या आपने रिटर्न फाइल करने के पहले इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपनी जरूरी डिटेल यानी मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी या बैंक अकाउंट की डिटेल अपडेट की है. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR 2025) भरने से पहले कुछ ऐसे जरूरी काम हैं, जिन्हें समय रहते पूरा करना जरूरी है. लेकिन ध्यान रहे कि अगर आपने अपनी पर्सनल डिटेल इनकम टैक्सपोर्टल पर अपडेट की है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ आगे भी बिना किसी परेशानी कम्युनिकेशन जारी रखने के लिए इसकी ई-वेरिफिकेशन प्रक्रिया भी पूरी करनी होगी.
क्यों जरूरी है पर्सनल डिटेल अपडेट करना
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ई-फाइलिंग पोर्टल पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के जरिए टैक्सपेयर्स से डायरेक्ट और सेफ कॉन्टैक्ट करता है. रिफंड से लेकर नोटिस या किसी और अपडेट तक, सबकुछ इन्हीं के जरिये भेजा जाता है. अगर ये कॉन्टैक्ट डिटेल पुराने या गलत हुए, तो आईटी डिपार्टमेट की ओर से आपको जरूरी इन्फॉर्मेशन समय पर नहीं मिल पाएगी. इसके चलते आपका नुकसान हो सकता है. इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी कॉन्टैक्ट डिटेल्स सही और वैलिड हैं.
कैसे अपडेट करें जानकारी?
सबसे पहले incometax.gov.in पर जाकर लॉग इन करें.
ऊपर दाएं कोने में दिए गए प्रोफाइल फोटो या नाम पर क्लिक करके ‘My Profile’ चुनें.
‘पर्सनल डिटेल्स’ पेज पर ‘कांटेक्ट’ सेक्शन के नीचे दिए गए ‘एडिट’ बटन पर क्लिक करें.
यहां मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी या एड्रेस अपडेट करें और ‘सेव’ पर क्लिक करें.
इसके बाद ‘वेरिफाई योर कांटैक्ट डिटेल्स’ पेज खुलेगा, जहां मोबाइल और ईमेल पर भेजा गया OTP दर्ज कर ‘Submit’ करें.
अगले पेज पर पूछा जाएगा : ‘आप ई-वेरिफिकेशन कैसे करना चाहते हैं?’ यहां सही विकल्प चुनें.
ई-वेरिफिकेशन के सफल होने के बाद आपको एक मैसेज और ट्रांजैक्शन आईडी मिलेगा. इसे भविष्य के लिए संभालकर रखें. साथ ही आपकी ईमेल और मोबाइल पर भी कंफर्मेशन मैसेज आ जाएगा.
ई-वेरिफिकेशन क्यों जरूरी है?
ई-वेरिफिकेशन आपकी अपडेट की गई जानकारी को मान्य करता है और इसे सुरक्षित रूप से आपके टैक्स रिकॉर्ड से जोड़ता है. बिना ई-वेरिफिकेशन के, आपको इनकम इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax) से जरूरी सूचनाएं या रिफंड आपके बैंक अकाउंट में नहीं मिल सकता. यानी आपका रिफंड लटक सकता है या फिर उसमें जरूरत से ज्यादा देरी हो सकती है.
कब ई-वेरिफिकेशन है जरूरी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, कुछ व्यक्तिगत जानकारी बदलने या अपडेट पर ई-वेरिफिकेशन जरूरी है:
प्राइमरी मोबाइल नंबर
ईमेल एड्रेस
बैंक अकाउंट डिटेल्स
यह सुनिश्चित करता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे संपर्क कर सके और रिफंड बिना देरी के प्रोसेस हो सके.
कैसे कर सकते हैं ई-वेरिफिकेशन
1. आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP : यदि आपका आधार आपके मोबाइल नंबर से लिंक है, तो आप वन-टाइम पासवर्ड (OTP) के जरिए जल्दी वेरिफिकेशन कर सकते हैं.
2. नेट बैंकिंग : अपने बैंक खाते में नेट बैंकिंग के माध्यम से लॉगिन करें और ई-वेरिफिकेशन विकल्प चुनकर अपनी पहचान वेरीफाई करें.
3. डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) : जिनके पास DSC है, वे इसका उपयोग करके वेरिफिकेशन पूरा कर सकते हैं.
4. लिंक्ड बैंक अकाउंट : लिंक्ड बैंक अकाउंट के जरिए ई-वेरिफिकेशन की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
5. डिमैट अकाउंट: लिंक्ड डिमैट अकाउंट्स के माध्यम से भी वेरिफिकेशन किया जा सकता है.
6. बैंक ATM : कुछ बैंक अपने ATM सेवाओं के जरिए ई-वेरिफिकेशन की सुविधा देते हैं.
इनमें से कोई एक ऑप्शन सेलेक्ट करके आप अपने कॉन्टैक्ट डिटेल अपडेट को वेरिफाई कर सकते हैं.
किन बातों का रखें ध्यान
यह सुनिश्चित करें कि आपका आधार आपके वर्तमान मोबाइल नंबर से लिंक है. OTP आपके द्वारा दर्ज प्राइमरी नंबर और ईमेल पर ही भेजा जाएगा.
अगर अपडेट केवल आधार के अनुसार किया गया है और कोई अन्य बदलाव नहीं है, तो मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं, लेकिन ईमेल वेरिफिकेशन करना होगा.
अगर आप नेट बैंकिंग का उपयोग कर रहे हैं, तो आपका PAN बैंक खाते से लिंक होना चाहिए.
जानकारी बदलने के बाद जल्द से जल्द ई-वेरिफिकेशन पूरा करें ताकि ई-फाइलिंग सेवाओं में कोई रुकावट न आए.
अगर सिर्फ एड्रेस अपडेट करते हैं (PAN या आधार के अनुसार), तो OTP वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी. अपडेट के बाद आपकी ईमेल पर एक सूचना भेज दी जाएगी.
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