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Income Tax Return filing: आय टैक्सेबल न हो, तो भी भर सकते हैं ITR, जानिए ऐसा करने के क्या हैं फायदे

अगर आप भारत से बाहर नौकरी करने या बिजनेस विजिट करने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए पहले वीज़ा की जरूरत होगी. वीज़ा के लिए अप्लाई करते समय आईटीआर से संबंधित दस्तावेज मांगा जाता है.

अगर आप भारत से बाहर नौकरी करने या बिजनेस विजिट करने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए पहले वीज़ा की जरूरत होगी. वीज़ा के लिए अप्लाई करते समय आईटीआर से संबंधित दस्तावेज मांगा जाता है.

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Income Tax Return filing

अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं और फिर भी रिटर्न दाखिल करते हैं तो इसके कई फायदे हैं.

Income Tax Return filing: अगर आप एक भारतीय नागरिक हैं और आपकी ग्रॉस टोटल इनकम, टैक्स छूट की सीमा से ज्यादा है, तो आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा. यदि आपकी ग्रॉस टोटल इनकम, छूट की सीमा से कम है, तो आपके लिए अपना आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य नहीं है. अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 250,000 रुपये से ज्यादा है तो आपको ITR फाइल करना होगा. इसके अलावा, अगर आपका बिजली खपत बिल सालाना आधार पर 1,00,000 रुपये से ज्यादा है या आप 200,000 रुपये से ज्यादा की विदेश यात्रा करते हैं तो आपके लिए भी आईटीआर फाइल करना जरूरी है. यदि आपकी ग्रॉस टोटल इनकम, छूट की सीमा से कम है, यानी आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं और फिर भी रिटर्न दाखिल करते हैं तो इसके कई फायदे भी हैं. यहां हम इन्हीं फायदों के बारे में आपको बताएंगे.

  1. टैक्स रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं

अगर आप टैक्स रिफंड के लिए क्लेम करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको आईटीआर फाइल करना होगा. अगर आप इनकम स्लैब टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं, फिर भी कई बार टीडीएस कट जाता है. अगर आप चाहते हैं कि टीडीएस का कटा हुआ पैसा आपको रिफंड हो जाए तो इसके लिए आईटीआर फाइल करना जरूरी है. आईटीआर फाइल करने के बाद अगर आपका रिफंड बन रहा है तो आयकर विभाग इसे आपके बैंक अकाउंट में डाल देता है. Deloitte India के पार्टनर सुधाकर सेथुरमन कहते हैं, “ऑनलाइन आईटीआर दाखिल करके, केवाईसी-कंप्लायंट वाले व्यक्तियों के बैंक खाते में टैक्स के रिफंड का दावा किया जा सकता है.”

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  1. ITR के दस्तावेज कई जगह आते हैं काम

अलग-अलग जरूरतों के लिए आवेदन करते समय आयकर रिटर्न से संबंधित दस्तावेज काफी काम आते हैं. उदाहरण के लिए, लोन के लिए आवेदन करते समय बैंकर आपकी आय के स्रोतों को सत्यापित करने के लिए टैक्स रिटर्न की प्रतियां मांगते हैं. लोन हासिल करने के अलावा, आयकर रिटर्न क्रेडिट कार्ड, बीमा पॉलिसी आदि प्राप्त करने की प्रक्रिया में मदद करता है. इस तरह यह आपकी इनकम के प्रुफ के तौर पर काम आता है.

  1. वीज़ा के लिए आवेदन

अगर आप भारत से बाहर नौकरी करने या बिजनेस विजिट करने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए पहले वीज़ा की जरूरत होगी. वीज़ा के लिए अप्लाई करते समय आईटीआर से संबंधित दस्तावेज मांगा जाता है. यह देखा गया है कि अमेरिका, कनाडा, यूके आदि के कुछ दूतावास वीज़ा के लिए आवेदन करने वालों का टैक्स रिटर्न रिकॉर्ड देखते हैं. आईटीआर के ज़रिए यह देखा जाता है कि जो व्यक्ति उनके देश में आ रहा है उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्या है.

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  1. इनकम प्रुफ के तौर पर काम आता है.

जिन लोगों का खुद का व्यवसाय है उनके पास वेतनभोगी व्यक्तियों की तरह इनकम का कोई प्रुफ नहीं होता है. ऐसे लोगों के लिए आईटीआर आय और व्यय के विस्तृत विवरण के साथ इनकम प्रुफ का काम करता है. जिन लोगों का खुद का व्यवसाय है वे इन दस्तावेजों को अपने इनकम प्रुफ के तौर पर प्रस्तुत कर सकते हैं. सैलरीड क्लास को फॉर्म 16 का फायदा मिलता है, जो उनके एंप्लॉयर द्वारा जारी किया जाता है. यह व्यक्ति के लिए इनकम प्रुफ के रूप में काम करता है.

  1. नुकसान का दावा

ड्यू डेट के भीतर कर रिटर्न दाखिल करना एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर के लिए नुकसान का दावा (पूंजीगत लाभ से नुकसान, व्यवसाय या पेशे से नुकसान आदि) करने के लिए जरूरी है.  इनकम टैक्स के नियम कैरी-फॉरवर्ड लॉस को केवल उन्हीं लोगों को कैपिटल गेन के खिलाफ सेट करने की इजाजत देते हैं जो संबंधित असेसमेंट ईयर में आईटीआर फाइल करते हैं. सेथुरमन ने बताया, “कर रिटर्न दाखिल करने से न केवल व्यक्ति नुकसान के लिए दावा कर सकता है, बल्कि यह भविष्य में दावा किए जा सकने वाले नुकसान को ट्रैक करने के लिए एक दस्तावेज के रूप में भी काम आता है. उदाहरण के लिए, एक इंडिविजुअल टैक्सपेयर जो म्यूचुअल फंड या इक्विटी शेयरों को बेचकर लाभ कमाता है, इन लाभों को समय पर कर रिटर्न दाखिल करके अतीत में हुए नुकसान के साथ एडजस्ट कर सकता है.”

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