/financial-express-hindi/media/post_banners/D2O279d9evoqFAIcuMWJ.jpg)
क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से मुनाफे पर कोई डिडक्शन या अलाउंस नहीं मिलेगा और नुकसान को अन्य स्रोत से हुई आय से सेट ऑफ यानी एडजस्ट भी नहीं किया जा सकेगा. (Image- Pixabay)
ITR For Crypto Currency, NFT Income in FY 2022-23: वित्त वर्ष 2023 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल एसेट्स पर 30 फीसदी की दर से (सेस व सरचार्ज अतिरिक्त) टैक्स लगाने का प्रावधान किया है. रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज के मुताबिक अगले साल अब आईटीआर फॉर्म में एक अलग कॉलम होगा जिसमें टैक्सपेयर्स क्रिप्टो व अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से हुई कमाई का खुलासा कर सकेंगे. इस कमाई पर उसी तरीके से टैक्स कैलकुलेट किया जाएगा जैसे कि घुड़दौड़ जैसे अन्य स्पेक्यूलेटिव ट्रांजैक्शंस पर होता है. इन पर कोई डिडक्शन या अलाउंस नहीं मिलेगा और नुकसान को अन्य स्रोत से हुई आय से सेट ऑफ यानी एडजस्ट भी नहीं किया जा सकेगा. क्रिप्टो निवेशकों को इन पांच बातों को जानना चाहिए-
क्रिप्टो पर टैक्स प्रावधान नया नहीं
बजाज के मुताबिक क्रिप्टो व अन्य वर्चुअल डिजिटेल एसेट्स (VDAs) से हुई हमेशा से टैक्स के दायरे में थी और टैक्सपेयर्स को आईटीआर में इसे अन्य स्रोत से हुई आय के रूप में दिखाना होता था. अब नया यह हुआ है कि इस मुद्दे को लेकर बजट में निश्चितता लाई गई है. हालांकि बजाज के मुताबिक बजट के प्रावधान का इसकी वैधता से कोई लेना-देना नहीं है और इसे लेकर संसद में बिल आने पर ही स्थिति तय की जा सकती है.
क्रिप्टोकरेंसी बिल पर काम जारी
सरकार क्रिप्टो में लेन-देन के नियमन के लिए एक बिल तैयार कर रही है. हालांकि अभी तक इसे लेकर प्रस्तावित बिल का कोई मसौदा पब्लिक डोमेन में नहीं है.
टैक्स से 14% अधिक रेवेन्यू हो सकता है हासिल, क्रिप्टो के लिए रेवेन्यू सेक्रेटरी ने दी यह सलाह
क्रिप्टोकरेंसी अभी भारत में वैध नहीं
क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय पर 30 फीसदी का टैक्स रेट तय करने के चलते लोगों के मन में धारणा बनी कि इसे वैध कर दिया गया है. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट किया है कि अभी इसे देश में वैध नहीं किया गया है. ऐसे में निवेशकों को नहीं सोचना चाहिए कि क्रिप्टो भारत में एसेट क्लास के रूप में वैध है.
टीडीएस का प्रावधान
सरकार ने एक साल में 10 हजार रुपये से अधिक क्रिप्टो ट्रांसफर और वर्चुअल करेंसीज के लिए किए गए पेमेंट्स पर टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) का प्रस्ताव रखा है. हर साल किसी स्पेशिफाइड पर्सन के लिए टीडीएस के लिए 50 हजार रुपये का थ्रेसहोल्ड लिमिट रखा गया है. इनके खातों का इनकम टैक्स एक्ट के तहत ऑडिट होगा. टीडीएस का प्रावधान 1 जुलाई 2022 से प्रभावी हो जाएगा जबकि मुनाफे पर टैक्स 1 अप्रैल से.
New NFO: कल खुल रहा है निवेश का नया विकल्प, सिर्फ 5000 रुपये लगाकर कर सकते हैं अच्छी कमाई
आईटीआर फॉर्म में नया कॉलम
बजाज के मुताबिक अगले वित्त वर्ष में आईटीआर फॉर्म में एक नया कॉलम दिया जाएगा जिसमें टैक्सपेयर्स को क्रिप्टोकरेंसीज व अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से हुई आय को दिखाना होगा.
गिफ्ट में मिला है तो भी टैक्स देनदारी
बजाज के मुताबिक अगर क्रिप्टो या अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स गिफ्ट के रूप में मिला है तो भी टैक्स चुकाना होगा. इस पर 30 फीसदी की दर से टैक्स के अलावा 50 लाख से ऊपर क्रिप्टो इनकम होने पर 15 फीसदी का सरचार्ज भी चुकाना होगा.
(आर्टिकल: राजीव कुमार)