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It has been clarified by the CBDT that intimation to employer declaring intention to opt for concessional tax regime shall only be for the purpose of TDS, which cannot be modified during the year.
Income Tax Return: नियत तारीख से पहले इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं करना कुछ टैक्सपेयर्स को महंगा पड़ने वाला है! दरअसल, धारा 206AB और 206CCAA के तहत एक नए नियम के अनुसार, अगर आप AY 2021-2022 (FY 2020-2021) के लिए ITR दाखिल करने से चूक गए हैं, तो मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान आपके कुछ इनकम पर हायर TDS लागू होगा. यह नया नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू हो गया है, जिसे केंद्रीय बजट 2022 में पेश किया गया.
ITR फाइल नहीं करने वालों पर हायर TDS लगाने का प्रावधान पहली बार फाइनेंस एक्ट 2021 में पेश किया गया था. हालांकि, पिछले नियम के अनुसार ITR फाइल नहीं करने वालों को दो साल के बाद कुछ इनकम पर हायर टीडीएस का भुगतान करना होता था. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 17 मई 2022 के एक नए सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि इस टाइम लिमिट को अब 1 साल कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2021 थी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
नए सर्कुलर पर टिप्पणी करते हुए डेलॉयट इंडिया के पार्टनर संजय कुमार ने कहा, “यह सर्कुलर टैक्सपेयर्स को ITR फाइल नहीं करने वालों (या स्पेसिफाइड पर्सन) का निर्धारण करने और कंप्लायंस प्रोविजन्स की व्याख्या में मुश्किल को दूर करने में मदद करने वाला है. इस तरह के सर्कुलर उन करदाताओं के लिए फायदेमंद होते हैं जो अपना टैक्स रिटर्न सही समय पर दाखिल करते हैं.”
सर्कुलर में आगे कहा गया है कि "स्पेसिफाइड पर्सन" की परिभाषा में कोई ऐसा व्यक्ति शामिल नहीं है जिसका 2021-2022 में टीडीएस और टीसीएस का कुल योग 50,000 रुपये से कम है. "स्पेसिफाइड पर्सन" की परिभाषा में एक नॉन-रेसिडेंट भी शामिल नहीं है जिसका भारत में कोई परमानेंट इस्टैब्लिशमेंट नहीं है. सर्कुलर में आगे कहा गया है, "वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान दायर संबंधित वित्तीय वर्ष के बिलेटेड और रिवाइज्ड TCS और TDS रिटर्न पर भी नियमित आधार पर स्पेसिफाइड पर्सन की लिस्ट से व्यक्तियों को हटाने पर विचार किया जाएगा."
(Rajeev Kumar)