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इनकम टैक्स: नए 26AS फॉर्म में क्या हुए हैं बदलाव, कौन-सी नई जानकारी होगी?

आइए जानते हैं कि नए 26AS फॉर्म में क्या नई जानकारी होगी.

आइए जानते हैं कि नए 26AS फॉर्म में क्या नई जानकारी होगी.

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The online filing format of ITR is known as e-filing, which is a convenient way to file income tax returns. Keep in mind to cross-check your details properly, as ITR 1 is now pre-filled.

income tax return what are the new changes in new 26AS form what new details to be given आइए जानते हैं कि नए 26AS फॉर्म में आपको क्या नई जानकारी देनी होगी.

ITR- New 26AS Form: हम सब फॉर्म 26AS के बारे में जानते हैं, जहां हम नियोक्ता द्वारा कटौती किए गए टैक्स की डिटेल्स को वेरिफाई करते हैं. इसी तरह इसमें रिटायर्ड और पेंशनधारकों के लिए बैंक द्वारा किए गए टैक्स डिडक्शन की डिटेल भी होती है. फॉर्म 26AS में हमारी आय से सभी कर की कटौती और संग्रह की डिटेल्स होती हैं. इसमें हमारे द्वारा भुगतान किए गए सभी टैक्स और रिफंड की भी जानकारी होती है. अब नया 26AS फॉर्म पेश किया गया है, जिसमें और ज्यादा डिटेल्स होंगी. आइए जानते हैं कि नए 26AS फॉर्म में क्या नई जानकारी होगी.

नई निजी जानकारी

अब तक फॉर्म में पैन, नाम और घर का पता जैसी निजी डिटेल्स दी गई थीं. आजकल इनकम टैक्स विभाग सभी सूचनाएं SMS और ईमेल के जरिए भेजता है. हम किसी सूचना से वंचित न रह जाएं, इसके लिए यह जरूरी है कि हम अपने ई-मेल एड्रेस और मोबाइल नंबर को अपडेट रखें. कई बार हम अपनी मोबाइल सिम को बदलते हैं या नए ईमेल को इस्तेमाल करने की शुरुआत करते हैं, तो हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि इसे टैक्स विभाग के साथ अपडेट करने की जरूरत है.

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आपको टैक्स विभाग के साथ रजिस्टर्ड ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर के बारे में अवगत करने के लिए  यह जानकारी नए 26AS फॉर्म में दी जाएगी. इससे आपको अपनी निजी जानकारी टैक्स विभाग के साथ अपडेट करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा आपकी जन्म की तारीख को भी उपलब्ध कराया जाएगा.

टैक्स के बारे में डिटेल्स

वर्तमान में फॉर्म 26AS में आप से डिडक्ट किए टैक्स और कलेक्ट किए गए टैक्स की जानकारी होती है. इसके साथ आपके द्वारा भुगतान किए गए टैक्स की डिटेल्स, एडवांस टैक्स या सेल्फ असेस्मेंट टैक्स भी आपको उपलब्ध कराया जाता है. इससे आपको यह वेरिफाई करने में मदद मिलती है कि आपके नियोक्ता, बैंक या टैक्स भुगतान करने वाले ने क्या सरकार को टैक्स डिपॉजिट किया है. अगर फॉर्म 26AS में यह नहीं उपलब्ध कराया जाता, तो आप इस मुद्दे को भुगतान करने वालों के साथ उठा सकते हैं.

इन डिटेल्स के साथ इनकम टैक्स विभाग डिमांड की डिटेल्स उपलब्ध कराएगा जो बकाया है. इससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि क्या कोई डिमांड वास्तव में बकाया है या विवादित है. विवादित डिमांड की स्थिति में, अगर अपील फाइल करने के लिए उपलब्ध समय गुजर चुका है, तो आप गलती के संशोधन के उपाय या अपील फाइल करना या देरी में माफी पर ऐप्लीकेशन दे सकते हैं.

डिमांड बकाया के अतिरिक्त नए फॉर्म में सभी अपूर्ण इनकम टैक्स कार्यवाही की डिटेल्स होंगी. डिटेल्स में वह कार्यवाही की जानकारी भी होगी जो साल में पूरी की गई हैं. ऐसी जानकारी से आपको अपील को लेकर अपडेट रहने आदि में मदद मिलेगी जो कई स्तरों पर अपूर्ण हैं और क्या किसी ऐसी कार्यवाही को पूरा किया गया है, जिसके बारे में आपको जानकारी नहीं है.

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फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के बारे में जानकारी

वर्तमान में कई इकाइयां जैसे बैंक, लिस्टेड कंपनियों, म्यूचुअल फंड्स, रजिस्टरार, स्टॉक एक्सचेंज आदि को सालाना आधार पर टैक्स विभाग को निश्चित सीमा से अधिक ट्रांजैक्शन होने पर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन की डिटेल्स प्रस्तुत करनी होती हैं. क्योंकि यह जानकारी सभी टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स विभाग के पास पहले से उपलब्ध है, टैक्स विभाग इन डिटेल्स को फॉर्म 26AS में उपलब्ध कराएगा.

जो जानकारी आपको दी जाएगी, वह बैंकों को डिमांड ड्राफ्ट प्राप्त करने के लिए किए गए भुगतान के संबंध में और पे-ऑर्डर, कुछ सीमा से पार कैश डिपॉजिट और विद्ड्रॉ को लेकर होंगी. सेविंग्स बैंक अकाउंट और फिक्स्ड/रिकरिंग डिपॉजिट के लिए, जानकारी उस स्थिति में देने की जरूरत होगी, जब साल के दौरान 10 लाख से ज्यादा जमा किए गए हैं. करंट अकाउंट के लिए सीमा 50 लाख रुपये है.

इसी तरह क्रेडिट कार्ड, फॉरेन एक्सचेंज, शेयरों की खरीद, बॉन्ड और डिबेंचर की खरीदारी के बारे में भी उपयुक्त इकाइयां बताती हैं जब ट्रांजैक्शन सीमा को पार कर जाता है.

प्रॉपर्टी को बेचने और खरीदारी की स्थिति में रजिस्टरार को जानकारी प्रस्तुत करनी होगी, जब प्रॉपर्टी की स्टैम्प ड्यूटी वैल्यू 30 लाख से ज्यादा होती है. अगर आपने प्रॉपर्टी खरीदी या बेची है, तो विक्रेता और खरीदार दोनों की डिटेल्स इनकम टैक्स विभाग को प्रस्तुत करनी होती है और वह ही फॉर्म 26AS में होती है.

(By Balwant Jain, Tax and Investment Expert)

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