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Tax on Gold : गोल्ड खरीदकर 1 साल में 35% और 3 साल में 90% कमा लिया मुनाफा, अब कितना बनेगा टैक्स

Income Tax on Gold Return : गोल्ड में निवेश करते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि अलग अलग फॉर्मेट में सोने में निवेश पर इनकम टैक्स के नियम क्या हैं. ये टैक्‍स आपके असल रिटर्न को कम कर देते हैं.

Income Tax on Gold Return : गोल्ड में निवेश करते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि अलग अलग फॉर्मेट में सोने में निवेश पर इनकम टैक्स के नियम क्या हैं. ये टैक्‍स आपके असल रिटर्न को कम कर देते हैं.

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Sushil Tripathi
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Gold price jumps over 2% : इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, आपको सोना बेचते समय लांग टर्म कैपिटल गेंस पर 20% टैक्स और 4% सेस देना होगा. Photograph: (Image : Freepik)

Gold Tax : सोना निवेशकों के लिए वाकई गोल्‍डेन डील साबित हुआ है. हालांकि सोना अपने पीक से करीब 5,000 रुपये प्रति 10 ग्राम नीचे (Gold Rates Today) आ चुका है, लेकिन इसके बाद भी इसमें निवेशकों का मिड टर्म से लॉन्‍ग टर्म का रिटर्न हाई रहा है. एमसीएक्‍स पर गोल्‍ड की कीमतों में करीब 13 महीनों में 25,000 रुपये, 25 महीनों में 35,000 रुपये और 33 महीनों में 45,000 रुपये की तेजी आ चुकी है. वहीं 3 साल से कम समय में निवेशकों को इस एसेट क्‍लास में 100 फीसदी रिटर्न मिल चुका है. सोना खरीदकार आपने मुनाफा तो जमकर कमा लिया, लेकिन क्‍या इस पर लगने वाले टैक्‍स (Income Tax) के बारे में जानकारी है. क्‍या आप जानते हैं कि आपको गोल्‍ड में कमाए हुए रिटर्न पर कितना टैक्‍स देना है. 

सोने में 1,  3 और 5 साल का रिटर्न

सोना 5 अप्रैल 2024 को 70, हजार रुपये के भाव पर था. वहीं 20 मार्च 2023 को यह 60,000 रुपये पर था, जबकि 22 जुलाई 2022 को यह 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर पहुंचा. 3 जनवरी 2020 को सोने का भाव 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम था. इस लिहाज से देखें तो 5 साल से कुछ अधिक समय में सोना 100 फीसदी से ज्‍यादा बढ़ा है. 3 साल में इसका रिटर्न करीब करीब 95 फीसदी रहा. 2 साल से कुछ अधिक समय में इसमें 35,000 रुपये और 1 साल में 25 हजार रुपये की तेजी (Gold Return) आई है. 

फिजिकल गोल्ड पर इनकम टैक्स (Physical Gold)

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भारत में फिजिकल गोल्ड (ज्‍वैलरी, सोने का सिक्‍का, सोने का बिस्‍कुट) सोने में निवेश का सबसे पॉपुलर विकल्प है. 36 महीने या उससे अधिक समय तक रखे गए सोने से मिलने वाले रिटर्न को लांग टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है. 

भारत के इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, आपको सोना बेचते समय लांग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) पर 20 फीसदी टैक्स और 4 फीसदी सेस देना होगा. इस तरह से फिजिकल गोल्ड पर लगने वाला टैक्स 20.8 फीसदी है. इस अवधि से कम समय के लिए रखे गए सोने से मिलने वाले रिटर्न को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है. STCG के मामले में, टैक्स आपकी इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर लगाया जाता है.

पेपर गोल्ड (Paper Gold) पर इनकम टैक्स

पेपर गोल्ड में गोल्ड म्यूचुअल फंड, ईटीएफ, सॉवरेन बॉन्ड आदि शामिल हैं. ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की यूनिट बेचकर आप जो इनकम हासिल करते हैं, उसे आपका कैपिटल गेंस कहा जाता है. भारत में गोल्ड पर टैक्स के नियमों के अनुसार अगर आप 36 महीने बाद यूनिट बेचकर इनकम हासिल करते हैं तो यह लांग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) होता है और इस पर 20.8 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. वहीं 3 साल से कम समय तक रखे गए पेपर गोल्ड से मिलने वाले रिटर्न को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस कहा जाता है. STCG के मामले में, टैक्स आपकी इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर लगाया जाता है.

डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) पर टैक्स

डिजिटल गोल्ड का कॉन्सेप्ट फिजिकल गोल्ड जैसा ही है. इसे आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं, और इसे स्टोर करने की जिम्मेदारी जारी करने वालों की होती है. यह डिजिट वॉलेट में रखा जाता है. डिजिटल गोल्ड पर रेगुलेटर यानी RBI या SEBI का कंट्रोल नहीं होता, यह निवेश का एक अनरेगुलेटेड तरीका है. 

अगर आप डिजिटल गोल्ड 36 महीने या उससे अधिक समय तक रखते हैं, तो उस पर होने वाले मुनाफे को लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाता है. अगर गोल्ड 36 महीने से कम समय तक रखा जाता है, तो मुनाफे को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) कहा जाता है. 

डिजिटल गोल्ड की बिक्री पर 20.8% टैक्स (LTCG) लगता है, जो फिजिकल गोल्ड और पेपर गोल्ड की तरह ही है. अगर यह शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) है, तो टैक्स आपकी आयकर स्लैब के अनुसार लगता है.

गोल्ड गिफ्ट (Gold Gift) पर इनकम टैक्स

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2) के अनुसार, माता-पिता, पति-पत्नी या बच्चों को सोने की ज्वेलरी गिफ्ट में देने पर इनकम टैक्स नहीं लगता है. दूसरी ओर, अगर आप रिश्तेदारों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से 50,000 रुपये से अधिक वैल्यू का सोना गिफ्ट पाते हैं तो टैक्स देना होता है. ऐसी इनकम टैक्सेबल है क्योंकि इसे अन्य सोर्स से होने वाली इनकम माना जाता है.

इसके अलावा, आप अपनी शादी में मिले सोने के गहनों पर भी टैक्स छूट पा सकते हैं. लेकिन अगर आप इन गिफ्ट को बेचना चाहते हें तो सरकार कैपिटल गेंस की दर के अनुसार टैक्स लगाएगी.

NRIs के लिए टैक्स 

इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार, NRIs फिजिकल गोल्ड, डिजिटल गोल्ड, पेपर गोल्ड आदि में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, आरबीआई और फेमा नियमों के अनुसार, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश नहीं कर सकते हैं.

हालांकि सोने की बिक्री पर एनआरआई के लिए लागू टैक्स दर भारतीय निवासियों के समान है, लेकिन उन्हें गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड के रिडेम्पशन पर टीडीएस का भुगतान करना होगा.

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