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Income Tax Saving: आयकर कानून का सेक्शन 80DDB चुनिंदा बीमारियों के इलाज पर टैक्स डिडक्शन का फायदा उपलब्ध कराता है. इसके तहत चुनिंदा बीमारियों के मामले में व्यक्ति अपने या खुद पर निर्भर परिवार के सदस्य के इलाज पर अधिकतम 40,000 रुपये की टैक्स कटौती क्लेम कर सकते है. HUF (हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली) भी इस कटौती का फायदा ले सकते हैं.
परिवार के निर्भर सदस्य से आशय पत्नी, बच्चों, माता-पिता और भाई-बहन या HUF के सदस्यों से होगा. जिन चुनिंदा बीमारियों के इलाज पर सेक्शन 80DDB के तहत डिडक्शन का फायदा मिलेगा, उनमें डिमेंशिया, अटैक्सिया, एफेसिया, डिस्टोनिया मस्क्युलरम डिफॉर्मन्स, हैमिबैलिस्मस, पार्किंसन्स, मोटर न्यूरॉन डिसीज, रीनल फेल्योर, कैंसर, हीमेटोलॉजिकल डिसऑर्डर्स, हीमोफीलिया, थैलेसेमिया और एड्स शामिल हैं.
सीनियर सिटीजन के मामले में अलग लिमिट
60 साल से ज्यादा के व्यक्ति यानी सीनियर सिटीजन और 80 साल से ज्यादा के व्यक्ति (सुपर सीनियर सिटीजन) के इलाज के मामले में 1 लाख रुपये तक के मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट का फायदा लिया जा सकता है. इसके लिए इलाज का बिल दिखाना होता है.
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अगर है इंश्योरेंस
अगर इलाज का खर्च बीमा कंपनी या इंप्लॉई के एंप्लॉयर की ओर से रिंबर्स किया गया है तो रिंबर्स की गई राशि को घटाने के बाद बचे खर्च पर टैक्स कटौती का फायदा मिलेगा. सेक्शन 80DDB के तहत डिडक्शन क्लेम करने के लिए सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में कार्यरत संबंधित बीमारी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर से बनवाया गया बीमारी का सर्टिफिकेट उपलब्ध कराना होगा.
(Input: www.incometaxindia.gov.in, Coverfox, paisabazaar)