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India@75: Mutual Fund ने भारतीयों को बनाया करोड़पति, समझें कैसे निवेशकों के लिए बना यह शानदार विकल्प

India@75: म्यूचुअल फंड ने 1963 से लेकर कारोबारियों और भारतीय परिवारों के बीच में एक महत्वपूर्ण पुल का काम किया है.

India@75: म्यूचुअल फंड ने 1963 से लेकर कारोबारियों और भारतीय परिवारों के बीच में एक महत्वपूर्ण पुल का काम किया है.

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FE Hindi Desk
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India at 75 How have mutual funds helped Indians get rich post-independence read here full report

पिछले तीन दशकों में म्यूचुअल फंड ने महज एक हजार रुपये की एसआईपी पर निवेशकों को करोड़पति बनाया है.

India@75: भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश ने लंबी यात्रा तय की है और 1963 में यूटीआई (यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया) के लॉन्च होने के बाद से शानदार रिटर्न हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड बेहतर वित्तीय विकल्पों में बना हुआ है. 'Simply Mutual: The 1% Formula' के लेखक दीपक मुलिक का कहना है कि 1963 से लेकर म्यूचुअल फंड ने कारोबारियों और भारतीय परिवारों के बीच में एक महत्वपूर्ण पुल का काम किया है. पिछले तीन दशकों में इसने महज एक हजार रुपये की SIP पर निवेशकों को करोड़पति बनाया है.

मुलिक के मुताबिक भारतीय परिवारों ने म्यूचुअल फंड के रास्ते से कारोबारियों को अपने कारोबार के लिए पूंजी जुटाने में मदद की. जुलाई 2022 में म्यूचु्अल फंड इंडस्ट्री का टोटल नेट एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 37.74 लाख करोड़ रुपये था और म्यूचु्अल फंड फोलियो की संख्या ने 13.55 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया. ये एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़े हैं.

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म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने भारतीयों को बनाया अमीर

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मुलिक का कहना है 90 की दशक के शुरुआत में जब अधिकतर म्यूचुअल फंड कंपनियों ने शुरुआत की तो अगर उस समय किसी ने बैंक एफडी की बजाय किसी अच्छे म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसा लगाया होता तो तीस वर्षों में अब तक 18-20 फीसदी की सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से रिटर्न मिलता. इसकी तुलना में बैंक एफडी से महज 7.5-9 फीसदी का रिटर्न मिलता. आसान शब्दों में समझें तो एक हजार रुपये का निवेश एक लाख रुपये और एक हजार रुपये की एसआईपी 1 करोड़ रुपये बन जाता.

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म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में ऐसे आई तेजी

  • एक्सिस एएमसी के प्रमुख (प्रोडक्ट्स एंड अल्टरनेटिव्स) अश्विन पाटनी का कहना है कि बाजार नियामक सेबी और फंड हाउसों ने निवेश जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए म्यूचुअल फंड के लिए बेहतर माहौल बनाया.
  • एएमएफआई के 'म्यूचुअल फंड्स सही है' कैंपेन ने भी निवेश का माहौल तैयार किया जिससे निवेशकों की समझ बढ़ी.
  • सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) ने बचत को बढ़ावा दिया.

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  • सेबी रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर मार्केट्समोजो के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया के मुताबिक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की असली शुरुआत वर्ष 1993 से हुई जब निजी सेक्टर को भी इस इंडस्ट्री में प्रवेश की मंजूरी मिली. हालांकि नोटबंदी के बाद इसकी असली ग्रोथ दिखी. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बैंक लॉकरों और घरों में पड़ा पैसा अब म्यूचुअल फंड में आने लगा.

(आर्टिकल: राजीव कुमार)
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. इसमें निवेश से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.)

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