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Insurance Claim: क्यों रिजेक्ट हो जाता है इंश्योरेंस क्लेम, पॉलिसी खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान? यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब

Insurance Claim: अगर आप चाहते हैं कि आपका इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट न हो, तो आपको पॉलिसी खरीदते समय इससे जुड़े तमाम डिटेल्स को ठीक से समझना होगा और सावधानी बरतनी होगी.

Insurance Claim: अगर आप चाहते हैं कि आपका इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट न हो, तो आपको पॉलिसी खरीदते समय इससे जुड़े तमाम डिटेल्स को ठीक से समझना होगा और सावधानी बरतनी होगी.

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FE Online
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Insurance Claim

अक्सर देखा गया है कि बड़ी संख्या में लोगों का इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो जाता है.

Insurance Claim: लाइफ इंश्योरेंस हो या हेल्थ और कार इंश्योरेंस, किसी भी बीमा पॉलिसी को खरीदने का मकसद यही होता है कि जरूरत पड़ने पर क्लेम की रकम आसानी से मिल जाए. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि जरूरत के वक्त इंश्योरेंस का क्लेम रिजेक्ट हो जाता है. यह पॉलिसी खरीदने वाले के लिए बड़ा झटका होता है. लेकिन अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो इस परेशानी से बचा जा सकता है.

इंश्योरेंस समाधान के को-फाउंडर और CEO दीपक भुवनेश्वरी उनियाल ने FE ऑनलाइन से बातचीत में बताया कि कोई भी बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि जरूरत के वक्त क्लेम रिजेक्शन की समस्या का सामना न करना पड़े. आइए जानते हैं कि आप अपने इंश्योरेंस क्लेम को रिजेक्ट होने से कैसे बचा सकते हैं.

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क्लेम रिजेक्ट होने के आम कारण क्या हैं?

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लाइफ इंश्योरेंस की बात करें तो इसमें क्लेम रिजेक्ट होने के आम कारणों में शामिल हैं- पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं का खुलासा न करना, मौजूदा पॉलिसियों का खुलासा न करना, शराब/धूम्रपान जैसी आदतों का खुलासा न करना, बिजनेस की गलत जानकारी देना आदि. वहीं, जनरल इंश्योरेंस की बात करें तो इसमें क्लेम रिजेक्ट होने के आम कारण हैं- पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं का खुलासा न करना, ट्रीटमेंट की कोई एक्टिव लाइन नहीं आदि.

क्लेम रिजेक्ट होने पर फौरन क्या कदम उठाएं?

अगर कोई बीमा कंपनी आपका क्लेम रिजेक्ट कर देती है तो इस स्थिति में आप कंपनी के शिकायत प्रकोष्ठ (Grievance Cell) में लिखित शिकायत कर सकते हैं और उन्हें बता सकते हैं कि आपको दावे का भुगतान क्यों किया जाना चाहिए. इसके आलावा, इसे IRDAI पोर्टल और Ombudsman के पास भी शिकायत की जा सकती है.

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इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  • जरूरत के हिसाब से ही प्रोडक्ट खरीदना चाहिए.
  • ब्रोशर को ध्यान से पढ़ना चाहिए और सभी बातों को ठीक से समझ लेना चाहिए.
  • प्रपोज़ल फॉर्म भरें और सभी प्रश्नों के सही उत्तर दें.
  • यह एक बहुत ही जटिल प्रोडक्ट है इसलिए आम तौर पर लोग पॉलिसी के नियमों और शर्तों का डिटेल नहीं पढ़ते हैं. ज्यादातर बीमा सेलर्स को भी प्रोडक्ट की सही समझ नहीं होती है. अधिकांश बीमा पॉलिसी आपसी विश्वास पर ही खरीद ली जाती है.
  • हाई रिटर्न, बोनस, लोन, गोल्ड कॉइन जैसे अविश्वसनीय ऑफर्स के लालच में न आएं. अगर संदेह हो तो बीमा कंपनी की कस्टमर सर्विस को कॉल करें और चेक करें.
  • ब्रोशर का अध्ययन करने के बाद किसी ज्ञात स्रोत या ऑनलाइन माध्यम से बीमा पॉलिसी खरीदें.
  • प्रपोज़ल फॉर्म भरें और सभी तरह की जानकारी दें.
  • बीमाकर्ता द्वारा वेरिफिकेश कॉल को ध्यान से सुनें और सभी प्रश्नों का सही उत्तर दें.

(Article: Rajeev Kumar)

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