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IRDAI introduced the relief of monthly/quarterly payment options for health insurance policyholders to ease the pressure on them at a time when the country is facing salary cuts and job losses.
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कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर पूरी दुनिया में धीरे-धीरे फैल गया है. अभी तक इसका कोई कारगर उपचार नहीं खोजा जा सका है. इसके बावजूद दुनियाभर की सरकारें और एजेंसियां रोकथाम और इलाज को आसान व हर प्रभावित तक पहुंचाने की दिशा में प्रयास कर रही हैं. भारत में बीमा नियामक IRDAI ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए बीमा कंपनियों को कोरोनोवायरस के इलाज की कवरेज के लिए प्रोडक्ट डिजाइन करने के निर्देश दिए हैं. ताकि, इसका इलाज भी हेल्थ पॉलिसी में कवर हो सके. बुधवार तक भारत में कोरोनावायरस के 29 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, दुनियाभर में कोरोना से मरने वालों का अधिकारिक आंकड़ा 3000 के पार जा चुका है. जबकि, पीड़ित लोगों कही संख्या 90 हजार से अधिक है.
COVID-19 केस का तेजी से हो निपटारा
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बयान जारी कर कहा, ''अलग-अलग सेक्शन की हेल्थ इंश्योरेंस की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से बीमा कंपनियों को निर्देश है कि वे ऐसे इंश्योरेंस प्रोडक्ट डिजाइन करें, जिसमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर हो जाए.'' इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि वे कोरोना वायरस के इलाज से जुड़े क्लेम का तेजी से निपटारा करें. उपचार के जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च कवर हो, बीमा कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि कोविड-19 के मामलों का क्लेम तेजी से निपटाया जाए. साथ ही इरडा ने कंपनियों से यह भी कहा है कि भर्ती मरीज के इलाज का खर्च का भी नियम एवं शर्तों के अनुरूप निपटान किया जाना चाहिए.
बीमा नियामक के सर्कुलर में कहा गया है कि COVID-19 के अंतर्गत आने वाले सभी क्लेम का निपटारे से पहले उनकी रिव्यू कमिटी द्वारा समीक्षा की जाएगी. बता दें, देशभर में 21 एयरपोर्ट पर 6 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. जबकि नेपाल, भूटान और म्यांमार सीमा पर 10 लाख से अधिक की स्क्रीनिंग हुई है.
हॉस्पिटलाइजेशन पॉलिसी में कवर्ड: बीमा कंपनियां
बीमा नियामक इरडा के सर्कुलर पर एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के हेड (अंडरराइटिंग एंड रीइंश्योरेंस) सुब्रमण्यम ब्रह्मजायसुला ने कहा कि कोरोना वायरस के क्लेम का सेटलमेंट तब संभव है जब मरीज 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रहा हो. अधिकांश हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में ओपीडी के इजाल कवर नहीं होता है.
मैक्स बुपा हेल्थ इंश्योरेंस के एमडी एवं सीईओ आशीष मेहरोत्रा का कहना है कि कोरोनावायरस की स्थिति में अस्पताल में भर्ती कोई भी मरीज हमारी हॉस्पिटलाइजेशन पॉलिसी के अंतर्गत कवर्ड है और कंपनी इलाज के क्लेम का निपटारा तेजी से करेगी.