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Insurance Rule Change: बिना KYC नहीं खरीद पाएंगे इंश्योरेंस, IRDAI ने लागू किया ये नया नियम

Insurance Rule Change: इंश्योरेंस इंडस्ट्री के रेगुलेटरी आउटलुक में एक बदलाव देखने को मिल रहा है. ऐसे कई नियम है जिसे IRDAI ने बदल दिया है. अब 1 जनवरी से इंश्योरेंस खरीदने के लिए KYC कराना अनिवार्य हो गया है.

Insurance Rule Change: इंश्योरेंस इंडस्ट्री के रेगुलेटरी आउटलुक में एक बदलाव देखने को मिल रहा है. ऐसे कई नियम है जिसे IRDAI ने बदल दिया है. अब 1 जनवरी से इंश्योरेंस खरीदने के लिए KYC कराना अनिवार्य हो गया है.

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FE Hindi Desk
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New KYC Norms: इंश्योरेंस इंडस्ट्री के रेगुलेटरी आउटलुक में एक बदलाव देखने को मिल रहा है. ऐसे कई नियम है जिसे IRDAI ने बदल दिया है. अब 1 जनवरी से इंश्योरेंस खरीदने के लिए KYC कराना अनिवार्य हो गया है.

New KYC Norms: Insurance Industry के रेगुलेटरी आउटलुक में एक बदलाव देखने को मिल रहा है. ऐसे कई नियम है जिसे IRDAI ने बदल दिया है. अब 1 जनवरी से इंश्योरेंस खरीदने के लिए KYC कराना अनिवार्य हो गया है. जाहिर है कि इंश्योरेंस आम तौर पर भरोसे से काम करता है इसलिए इसमें ट्रान्सपैरेंसी सबसे ज्याद महत्वपूर्ण है. IRDAI के हालिया कुछ उपायों को देखें तो इसने इंश्योरेंस इकोसिस्टम को और ट्रांसपेरेंट बना दिया है. कई ऐसे नॉर्म्स हैं जिसके वजह से बिमा उद्योग में और स्पष्ठता आई है. उम्मीद है कि IRDAI के नए बदलावों के बाद ग्राहकों की शिकायतों में कमी आएगी और क्लेम सेटलमेंट भी बेहतर तरीके से होगा.  

क्या हुआ है बदलाव?

IRDAI के रेगुलेशन के अनुसार, 1 जनवरी, 2023 से इंश्योरेंस कंपनियों के लिए किसी भी जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी को जारी करने के लिए कस्टमर्स से KYC डाक्यूमेंट्स मांगना अनिवार्य हो गया है. यह नया नियम हेल्थ, ट्रेवल, टू व्हीलर्स, कार-इंश्योरेंस या अन्य इश्योरेंस पॉलिसी के ऊपर भी लागू होंगे. हालांकि पहले यह नियम पॉलिसी खरीदने के लिए अनिवार्य नहीं था. 

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बता दें कि पहले कस्टमर बिना केवाईसी के पॉलिसी खरीद सकते थे और सिर्फ क्लेम के समय केवाईसी डाक्यूमेंट्स दिखाना होता था, वो भी तब जब क्लेम अमाउंट 1 लाख रुपये से अधिक हो. लेकिन अब कस्टमर्स को अपनी पॉलिसी की खरीद या रिनिवल के समय केवाईसी डॉक्यूमेंट देना होगा.

गौरतलब है कि केवाईसी करना काफी आसान है और पहले से ही अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स जैसे लोन, बैंक एकाउंट, डीमैट, म्यूचुअल फंड आदि के लिए यह होता आ रहा है. आइए जानते हैं पॉलिसी धारकों के लिए KYC-Complaint के तरीके क्या हैं.

C-KYC

C-KYC या केंद्रीय केवाईसी करना बहुत आसान है. जिसने भी  कभी स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश किया है उसके पास पहले से ही एक सी-केवाईसी नंबर होगा. जिसके पास यह नंबर है वो बीमाकर्ता को पॉलिसी खरीदते वक्त दिखा सकता है. अगर किसी के पास यह नहीं है, तो वह अपना पैनकार्ड दिखाकर भी बीमाकर्ता से सी-केवाईसी नंबर प्राप्त कर सकता है.

E-KYC

E-Insurance नॉन-इंश्योरेंस खरीद के लिए काफी जरूरी है. उदाहरण के लिए, यदि आप प्रीपेड या पोस्टपेड मोबाइल नंबर प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए ई-केवाईसी अनिवार्य है. यह आधार आधारित वेरिफिकेशन प्रोसेस है और इसे आसानी से ऑनलाइन किया जा सकता है. अगर पॉलिसीधारक के पास इनमें में से कोई भी दस्तावेज नहीं है, तो वे बीमाकर्ता को पहचान-पत्र और पते का प्रमाण भी दिखा सकते हैं. यही नहीं,  पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस दिखाकर भी केवाईसी नंबर प्राप्त किया जा सकता है. 

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KYC Compliance के बाद जारी होगी Insurance Policy

रेगुलेटरी नॉर्म्स बदल जाने के बाद अब कस्टमर्स को नई पॉलिसी KYC कंप्लाइन्स के बाद ही जारी की जाएगी. हालांकि, मौजूदा कस्टमर के पास इसके लिए अभी एक साल का समय होगा. मौजूदा कस्टमर जिनकी पॉलिसी रिन्यूअल करनी है, उन्हें जनवरी 2023 तक केवाईसी दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी.

Article by: Ashwini Dubey, Head, Motor Insurance Renewals, Policybazaar.com

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