/financial-express-hindi/media/post_banners/r0Ttie9GTJuToaCTFAXb.jpg)
आज के दौर में फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय म्यूचुअल फंड लोगों की प्राथमिकता बनती जा रही है. (File)
SIP/SWP Option in Mutual Fund: आज के दौर में फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय म्यूचुअल फंड लोगों की प्राथमिकता बनती जा रही है. सीधे इक्विटी में पैसा न लगाने वालों के लिए म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प भी है. म्यूचुअल फंड में निवेश डाइवर्सिफाइड होने के चलते जोखिम कम होते हैं. फाइनेंशियल एडवाइजर्स भी टारगेट बेस्ड इन्वेस्टमेंट के लिए म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने की सलाह देते हैं. अगर आप रिटायरमेंट के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कर रहे हैं तो एक स्मार्ट तरीका यह भी है कि पहले SIP और बाद में SWP यानी सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान का विकल्प चुन सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में रिटर्न भी बेहतर मिल रहा है. लंबी अवधि या कह लें कि 10 साल के दौरान ऐसी कई स्कीम हैं, जिन्होंने 10 से 12 फीसदी सालाना के हिसाब से रिटर्न दिया है. हम यहां आपको बता रहे हैं कि किस तरह से 20 साल तक हर महीने म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए एक तय रकम निवेश करें तो अगले 20 साल के लिए अच्छे खासे पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं.
5000 मंथली SIP पर कैलकुलेशन
मंथली SIP: 5,000 रुपये
टेन्योर: 20 साल
अनुमानित रिटर्न: 12 फीसदी सालाना
कुल निवेश: 12 लाख रुपये
20 साल बाद SIP की वैल्यू: 50 लाख रुपये
कैलकुलेटर: अगले 20 साल SWP
अलग-अलग स्कीम में निवेश: 50 लाख रुपये
अनुमानित सालाना रिटर्न: 8.5 फीसदी
सालाना रिटर्न: 4.25 लाख रुपये
मंथली रिटर्न: 4.25 लाख/12= 35417 रुपये
10,000 मंथली SIP पर कैलकुलेशन
मंथली SIP: 10,000 रुपये
टेन्योर: 20 साल
अनुमानित रिटर्न: 12 फीसदी सालाना
कुल निवेश: 24 लाख रुपये
20 साल बाद SIP की वैल्यू: 1 करोड़ रुपये
कैलकुलेटर: अगले 20 साल SWP
अलग-अलग स्कीम में निवेश: 1 करोड़ रुपये
अनुमानित सालाना रिटर्न: 8.5 फीसदी
सालाना रिटर्न: 8.50 लाख रुपये
मंथली रिटर्न: 8.50 लाख/12= 70834 रुपये
SWP एक भरोसेमंद विकल्प
देखा गया है कि डिविडेंड के मुकाबले SWP अधिक भरोसेमंद विकल्प है. इसमें पूरा नियंत्रण निवेशक के हाथ में होता है. SWP रेगुलर निकासी है. इसके जरिये स्कीम से यूनिटों को भुनाया जाता है. वहीं अगर तय समय बाद सरप्लस पैसा होता है तो वह आपको मिल जाता है. जहां तक टैक्स की बात है, इसमें वैसे ही टैक्स लगेगा जैसा इक्विटी और डेट फंड के मामले में लगता है. जहां होल्डिंग की अवधि 12 महीने से ज्यादा नहीं है, वहां निवेशकों को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स देना होगा. अगर किसी स्कीम में निवेश कर रहे हैं तो आप उसमें एसडब्लूपी विकल्प को एक्टिवेट कर सकते हैं.
(BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम से बात-चीत पर आधारित)