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Investment Tips: स्टॉक्स या म्‍यूचुअल फंड या ईटीएफ? आर्थिक मंदी के दौरान ऐसे करें निवेश, होता रहेगा मुनाफा

Investment Tips: कई बैंकों की विफलताएं, बढ़ता इन्फ्लेशन, ब्याज दरों में वृद्धि, और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण आर्थिक मंदी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.

Investment Tips: कई बैंकों की विफलताएं, बढ़ता इन्फ्लेशन, ब्याज दरों में वृद्धि, और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण आर्थिक मंदी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है.

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rajiv.chaturvedi
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Stock Market

Investment Tips: आइये जानते हैं आर्थिक मंदी जैसी स्थितियों में आपको क्या और कैसे करना चाहिए. (Reuters)

Investment Tips during Economic Collapse: हाल ही में कई बैंकों की विफलताएं, बढ़ता इन्फ्लेशन, ब्याज दरों में वृद्धि, और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण आर्थिक मंदी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत का बाजार फिलहाल बढ़त पर है लेकिन विदेशों के बाजार में उठा-पठक जारी है, जिसका असर यहां भी देखने को मिल सकता है. ऐसे में यह वक्त निवेश के लिए काफी रिस्की साबित हो सकता है. हालांकि पैसे बनाने वाले इस दौर में भी मुनाफा कमा लेते हैं. अगर आप भी इस वक्त में निवेश करना चाहते हैं तो कई चीजें हैं जिसका आपको ध्यान रखने की जरूरत है. मंदी के दौरान निवेश करने से पहले यह सोचने की जरूरत है कि आप क्या हासिल करना चाहते हैं? क्या आप उथल-पुथल के स्थितियों में कम से कम जोखिम लेना चाहते हैं? या कीमतें के कम होने के कारण इस वक्त ज्यादा से ज्यादा स्टॉक अपने पोर्टफोलियो में रखना चाहते हैं ताकि तेजी के दौरान तगड़ा मुनाफा बनाया जा सके? आइये जानते हैं आर्थिक मंदी जैसी स्थितियों में आपको क्या और कैसे करना चाहिए.

म्‍यूचुअल फंड की ओर करें रुख

आर्थिक सुस्ती के दौरान आपको कई स्टॉक्स कम कीमत पर मिल सकते हैं. लेकिन अलग-अलग स्टॉक खरीदने के बजाय आप म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करना चुन सकते हैं. ये तरीका आपको शायद उतना रिटर्न न दे लेकिन आपको भारी-भरकम नुकसान होने से बचा सकता है. मंदी के बाद शेयर बाजार में आमतौर पर व्यापक उछाल देखने को मिलता है, इसलिए मार्केट में डायवर्सिफाइड इन्वेस्टमेंट करना सबसे अहम हो जाता है. ऐसा करने से आपके पोर्टफिलियो के सिक्योर होने के सबसे ज्यादा चांसेज हैं.

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बॉन्ड में लगाए पैसा

वित्तीय मंदी के दौरान, निवेश फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट (बॉन्ड) में निवेश कर सकते हैं. इसमें नियमित इनकम होता है और रिस्क भी नहीं होता है. इसके अलावा इन्वेस्टर्स डिविडेंड पेइंग सिक्योरिटीज में भी पैसा लगा सकते हैं. डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश स्टेबल इनकम का एक अच्छा स्रोत हो सकता है, भले ही बाजार की स्थिति प्रतिकूल हो. डिविडेंड स्टॉक उन कंपनियों के शेयर होते हैं जो अपने इनकम का एक हिस्सा शेयरधारकों को देती हैं.

ETF या गोल्ड में करें निवेश

डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो रखना आपने जोखिम को कम करने का एक शानदार तरीका है. यही वजह है कि डिविडेंड ईटीएफ का भी क्रेज आजकल बढ़ रहा है. डिविडेंड ईटीएफ में निवेश करके, आप बाजार की स्थितियों के कारण होने वाले नुकसान को कम कर करते है. दूसरी तरफ सोना निवेश के लिए हमेशा से सदाबहार विकल्प रहा है. हाल के वर्षों में, अस्थिरता के समय सोना एक लोकप्रिय निवेश ऑप्शन बन गया है क्योंकि इसकी कीमत आसमान छू रही है. वित्तीय सलाहकारों का सुझाव है कि मुद्रास्फीति और आर्थिक मंदी की अवधि के दौरान निवेशकों को अपने निवेश का 10 से 15 फीसदी हिस्सा सोने या चांदी में रखना चाहिए.

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फॉरेन इक्विटी भी बेहतर ऑप्शन

फॉरेन इक्विटी, विशेष रूप से अमेरिकी शेयरों में निवेश करना, किसी के पोर्टफोलियो में विविधता लाने का एक प्रभावी तरीका है. इसमें समय के साथ डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने पर फंड का एनएवी रिटर्न बढ़ जाता है. भारतीय परिवारों के लिए जो भविष्य में डॉलर खर्च करने की योजना बना रहे हैं, वो इसे एक निवेश का विकल्प चुन सकते हैं.

ब्लू-चिप स्टॉक में करें निवेश

लार्ज कैप स्टॉक जो टेक्निकली स्ट्रांग हैं वो आमतौर पर गिरावट के समय भी स्थिर रहते हैं. ब्लू-चिप स्टॉक निवेश के लिए हमेशा से बेस्ट रहे हैं. आर्थिक मंदी हो या तेजी, जानकर हमेशा से इनमें निवेश करने की सलाह देते रहे हैं. इसके अलावा बॉन्ड और डेट फंड में मिला-जुला निवेश करने से निवेशकों को स्थिर आय मिल सकती है, जिससे बाजार में गिरावट के दौरान नुकसान को कम करने में मदद मिलती है. इसके अलावा रियल एस्टेट और गोल्ड बॉन्ड भी बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकते हैं

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