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कोरोना महामारी के कारण सुरक्षित विकल्प के तौर पर गोल्ड में निवेश के प्रति निवेशकों का रूझान तेजी से बढ़ा है.
कोरोना महामारी के कारण सुरक्षित विकल्प के तौर पर गोल्ड में निवेश के प्रति निवेशकों का रूझान तेजी से बढ़ा है. दुनिया भर के निवेशक पिछले चार वर्षों में इस साल दुनिया भर के गोल्ड ज्वैलरी से अधिक निवेशेक Gold ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड), गोल्ड बार या गोल्ड कॉइन्स की तरफ आकर्षित हुए हैं. गोल्डहब की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक इस साल दुनिया भर में 572 टन गोल्ड ज्वैलरी के रूप में खरीदा गया और निवेशकों ने 1130 टन गोल्ड (ईटीएफ, बार, क्वाइन) में निवेश किया. केंद्रीय बैंकों ने 233 टन गोल्ड और इंडस्ट्रीज ने 139 टन गोल्ड की खरीदारी की. पिछले साल के मुकाबले इस साल ईटीएफ, बार या कॉइन के रूप में गोल्ड की खरीदारी लगभग दोगुनी बढ़ी है.
कोरोना महामारी के कारण ज्वैलरी की खरीदारी कम
ब्रोकरेज फर्म एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज एंड करेंसीज रिसर्च) अनुज गुप्ता के मुताबिक इस साल 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में बाजार लंबे समय तक बंद रहे. इसकी वजह से ज्वैलरी की खरीदारी पर प्रभाव पड़ा. पिछले छह साल की बात करें तो इस साल सबसे कम ज्वैलरी की खरीद हुई. इसके अलावा गोल्ड के ई-फॉर्म के प्रति निवेशकों का रूझान बढ़ रहा है क्योंकि इसके सुरक्षा की चिंता नहीं करनी पड़ती है और इसमें चार्जेज कम वहन करना होता है. इस साल दुनिया भर में सबसे कम करीब 572 टन गोल्ड ज्वैलरी की खरीद हुई. गोल्डहब के डेटा के मुताबिक पिछले साल 2019 में 1064 टन, 2018 में 1051 टन, 2017 में 1060 टन, 2016 में 953 टन और 2015 टन गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी हुई थी. इस दौरान ईटीएफ, कॉइन या बार में निवेशकों की बात करें तो 2015 में 485 टन, 2016 में 1072 टन, 2017 में 725 टन, 2018 में 572 टन, 2019 में 594 टन और 2020 में 1130 टन गोल्ड में निवेश हुआ.
2020 में केंद्रीय बैंकों की खरीद में गिरावट
सरकारी खरीद की बात करें तो इस साल केंद्रीय बैंकों ने गोल्ड में खरीदारी कम की है. गोल्डहब के मुताबिक इस साल दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने महज 233 टन गोल्ड खरीदे हैं जबकि पिछले साल 385 टन गोल्ड की खरीदारी की थी. भारतीय रिजर्व बैंक की बात करें तो आरबीआई ने पिछले कुछ समय से गोल्ड में खरीदारी बढ़ाई है. इससे पहले 2000 की पहली तिमाही में आरबीआई ने 357.76 टन गोल्ड की खरीदारी की थी. इसके बाद उसकी खरीदारी लगातार इसी के आस-पास 2009 की तीसरी तिमाही तक बनी रही. 2009 की चौथी तिमाही में आरबीआई ने 557.746 टन गोल्ड की खरीदारी की. इसके बाद एक बार फिर आरबीआई ने अपनी खरीद संयमित रखी. फिर आरबीआई ने 2018 की दूसरी तिमाही से खरीदारी बढ़ानी शुरू की. 2020 की तीसरी तिमाही में आरबीआई ने 668.246 टन गोल्ड की खरीद की है. नीचे एक टेबल दिया गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि पिछले कुछ साल से गोल्ड खरीदारी का ट्रेंड क्या रहा है.
गोल्ड ईटीएफ में बढ़ा है आकर्षण
दुनिया भर में निवेशकों का आकर्षण गोल्ड ईटीएफ की तरफ निवेश में बढ़ा है. भारत की बात करें तो एएमएफआई (एसोसिशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया) पर दिए गए डेटा के मुताबिक इस साल मार्च के बाद से लगातार गोल्ड ईटीएफ में निवेश जारी रहा. मार्च में 194.95 करोड़ का आउटफ्लो रहा और उसके बाद अप्रैल में 730.93 करोड़, मई में 815.03 करोड़, जून में 494.23 करोड़, जुलाई में 921.19 करोड़, अगस्त में 907.85 करोड़, सितंबर में 597.26 करोड़ और अक्टूबर में गोल्ड ईटीएफ में 384.21 करोड़ रुपये का इनफ्लो रहा. नवंबर में कुछ निवेशकों ने प्रॉफिट बुक किया और 141.09 करोड़ रुपये का आउटफ्लो रहा. हालांकि निवेशकों का रूझान अभी भी गोल्ड ईटीएफ की तरफ बना हुआ है.