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टेलीमेडिसिन को भी दावा निपटान की नीति में शामिल करने का निर्देश दिया है.
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बीमित लोगों को राहत देते हुए बीमा नियामक IRDAI ने स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को टेलीमेडिसिन को भी दावा निपटान की नीति में शामिल करने का निर्देश दिया है. भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने 25 मार्च को ‘टेलीमेडिसिन’ को लेकर दिशानिर्देश जारी किया था ताकि पंजीकृत डॉक्टर टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल कर स्वास्थ्य सेवाएं दे सके.
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सभी स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को सर्कुलर जारी कर कहा कि टेलीमेडिसिन की अनुमति का प्रावधान बीमा कंपनियों की दावा निपटान नीति का हिस्सा होगा. इसके लिए किसी तरह के सुधार को लेकर अलग से प्राधिकरण के पास कुछ भी देने की जरूरत नहीं है. हालांकि उत्पाद की मासिक/सालाना सीमा आदि के नियम बिना किसी छूट के लागू होंगे.
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डॉक्टरों को टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल की सलाह
नियामक ने कहा कि पॉलिसी अनुबंध की शर्तों के तहत जहां भी डॉक्टर या चिकित्साकर्मियों के साथ परामर्श की अनुमति है, बीमा कंपनियों को टेलीमेडिसिन की इजाजत देनी चाहिए. कोरोना वायरस महामारी के बीच एमसीआई ने डॉक्टरों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल की सलाह दी है. उसका कहना है कि इससे संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी और साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों दोनों के लिए जोखिम कम होगा.