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Cashless Mode in Health Insurance : जारी रिलीज के मुताबिक 1 और 2 मार्च को आयोजित 'बीमा मंथन' (Bima Manthan) के लेटेस्ट एडिशन का आयोजन किया गया.
IRDAI Prefers Cashless Mode in Health Insurance : इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा (IRDAI) ने कहा है कि वह हेल्थ इंश्योरेंस के दोनों मोड - कैशलेस और रिम्बर्समेंट (प्रतिपूर्ति) मोड में से कैशलेस मोड को ज्यादा वरीयता (प्रिफरेंस) देता है. इरडा की ओर से शुक्रवार को जारी प्रेस रिलीज में ये बातें कहीं गई. जारी रिलीज के मुताबिक 1 और 2 मार्च को आयोजित 'बीमा मंथन' (Bima Manthan) के लेटेस्ट एडिशन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में हेल्थ इंश्योरेंस कंसल्टिंग कमिटी (health insurance consultative committee) ने स्वास्थ्य बीमा की बढ़ती पैठ और बेहतर इंश्योरेंस क्लेम सर्विस (insurance claim servicing ) से संबंधित रिजल्ट पेश किया.
बीमा मंथन में कई पहलुओं पर हुई चर्चा
पहली और दूसरी मार्च को आयोजित बीमा मंथन कार्यक्रम में शार्ट टर्म, मीडियम और लॉन्ग टर्म पहलुओं पर चर्चा हुई. हेल्थ इंश्योरेंस को बढ़ावा देने के लिए केयरफुल हेल्थ इकोसिस्टम कोलैबोरेशन की जरूरत पर प्रकाश डाला गया. जारी प्रेस रिलीज के अनुसार इरडा ने हेल्थ इंश्योरेंस में रिम्बर्समेंट मोड से ज्यादा कैशलेस मोड को वरीयता देने पर जोर देने की बात कही. इस कार्यक्रम के प्रमुख फोकस में हेल्थ इंश्योरेंस के क्लेम सेटलमेंट का तत्काल निपटान और इससे जुड़े मामलों की जल्द सुनावाई करना रहा. बीमा रेगुलेटर इरडा ने बैंकिंग सेक्टर की तरह बीमा सेवाओं को आसान बनाने पर जोर दिया. इसके लिए इरडा ईज (EASE) यानी इंहेंस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सिलेंस के तहत काम करने की बात कही.
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बीमा संबंधी सेवाएं आसान बनाने के लिए हुई चर्चा
बीमा मंथन कार्यक्रम के दौरान एक खास तरह का सिस्टम तैयार करने पर चर्चा हुई जो पॉलिसीहोल्डर को बीमा कंपनी से बीमा खरीदने, उससे जुड़े सेवाओं को लेने या इंश्योरेंस क्लेम सर्विस लेने या शिकायत दर्ज कराने के लिए संपर्क करने में सहुलियत मुहैया कराए. नई व्यवस्था के तहत बीमा कंपनियों को ऐसे तमाम मामलों का निपटारे में काफी सुविधा हो सकेगी. इरडा ने प्रेस रिलीज के जरिए कहा कि बीमा कंपनियों के साथ-साथ काउंसिल की भी जिम्मेदारी बढ़ गई है. ऐसे में बीमा कंपनियों और काउंसिल को बेस्ट मार्केट एक्सपीरियंस सुनिश्चित कराने के लिए और ग्राहकों की अधिकतम संतुष्टि देने के लिए नैतिकता अपनाने की जरूरत है.
इस कार्यक्रम में रिस्क आधारित कैपिटल, रिस्क आधारित सुरविजन फ्रेमवर्क और Ind AS/IFRS के कन्वर्जेंस पर इरडा मिशन मोड टीमों ने संबंधित क्षेत्रों में हुई प्रगति को प्रस्तुत किया. प्रेस रिलीज में के जरिए इरडा ने कहा कि RBC & RBSF के इंडिया मॉडल में बदलाव और Ind AS को अपनाना बीमा सेक्टर की एक्टिव भूमिका और भागीदारी से ही संभव है. इस तरह डेटा सबमिट करने, टेस्टिंग करने और पायलट स्कीम के तहत काम करने, तेजी से मामलों को निपटारा करने, बेहतर तालमेल जैसे तमाम एक्टिविटीज की भागीदारी उद्योग से अपेक्षा पर प्रकाश डाला गया.
(Article : Mithun Dasgupta)