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बड़ा फाइनेंशियल स्कोर खड़ा करने के लिए बचत और निवेश की जल्दी शुरुआत जरूरी
Investment tips : क्या आपकी यह पहली जॉब है? अगर हां, तो पहली जॉब की पहली सैलरी के साथ ही फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होने का अहसास आपको बखूबी हुआ होगा. लेकिन इस खुशी के साथ एक जिम्मेदारी भी आती है और वह है खुद को आगे भी वित्तीय तौर पर आजाद बनाए रखने का. यह आपके पर्सनल फाइनेंस और भविष्य की खुशियों से जुड़ी है. लेकिन बहुत से युवा पहली जॉब से ही बचत और निवेश के महत्व को नहीं समझ पाते. यही वजह है कि वे अनाप-शनाप खर्च करते हैं और उनके पास अपनी वित्तीय आजादी को आगे बरकरार रखने का कोई रोडमैप नहीं होता. यह समस्या आगे तब और बढ़ जाती है जब उनकी वित्तीय जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. ऐसे में पहली जॉब से बचत और निवेश की ही सही रणनीति तैयार करनी चाहिए. आइए देखते हैं यह कैसे संभव है.
1. पहले बचत, फिर खर्च
अपनी सैलरी को खर्च करने से पहले आपको दो चीजों पर गौर करना चाहिए. बचत और निवेश. बचत का गोल्डन रूल यह है कि पहले बचत करें और फिर खर्च करें. पहले खर्च करने और बचे हुए पैसे को बचत में डालने की रणनीति सही नहीं है. इसलिए, पहले सैलरी का एक हिस्सा बचत के तौर पर अलग रख दें और फिर बचे हुए पैसे को खर्च करें.
2. जल्दी शुरुआत, बेहतर रिजल्ट
आप जितनी जल्दी निवेश की शुरुआत करेंगे, वित्तीय तौर पर उतने ही मजबूत होते जाएंगे. जल्दी निवेश से आपको कंपाउंडिंग की ताकत मिल जाती है . यानी आपका पैसा एक लंबी अवधि में काफी बढ़ जाता है क्योंकि आपके निवेश के ब्याज पर ब्याज मिलता है. आइंस्टीन ने कहा था कि कंपाउंड इंटरेस्ट दुनिया का आठवां आश्चर्य है. इसलिए एक छोटी सी बचत भी कंपाउंडिंग की ताकत से लंबी अवधि में बड़ी रकम बन जाती है.
3. अपने बैंक स्टेटमेंट पर नजर रखें
जब भी हमारे मेल पर बैंक स्टेटमेंट आता है, हम शायद ही इसे खोल कर यह देखने की कोशिश करते हैं कि हमारे खर्च का पैटर्न क्या है. इसलिए बैंक स्टेटमेंट जरूर देखें ताकि यह पता कर सकें कि आपने कहां अनावश्यक खर्च किया है. इससे आपको अपने खर्चों पर बेहतर तरीके से कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.
4. क्रेडिट कार्ड बिल वक्त पर चुकाएं
युवाओं के खर्च करने के पैटर्न पर गौर करने पर पता चलता है कि बहुत सारे लोग वक्त पर क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाते. क्रेडिट कार्ड के बकाये पर बहुत ज्यादा ब्याज लगता है. यह आपके खर्च को कई गुना बढ़ा देता है. इसलिए वक्त पर क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाना जरूर है.आप अपने बैंक अकाउंट से इसे ऑटो डेबिट करा सकते हैं.
5. जल्दी निवेश यानी बड़ा फंड
सिर्फ बचत करने से ही बात नहीं बनती. बचत को सही तरीके से निवेश भी करना पड़ता है. शुरुआत में आप पीपीएफ (PPF)और वीपीएफ (VPF) का सहारा ले सकते हैं. PPF लंबी अवधि का निवेश है और इसमें सालाना डेढ़ लाख तक निवेश कर टैक्स छूट ली जा सकती है. आपकी लंबी अवधि की वित्तीय जरूरत के लिए यह बेहतरीन इंस्ट्रूमेंट्स है. इस पर अन्य छोटी अवधि की बचत योजनाओं ( Small savings schemes) की तुलना में अच्छा ब्याज मिलता है. फिलहाल इस पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. वीपीएफ यानी Voluntary Provident fund. आप अपने ईपीएफ अकाउंट से अलग इसके जरिये पीएफ अकाउंट में ज्यादा योगदान कर सकते हैं. चूंकि पीएफ में 8.5 फीसदी का ब्याज मिलता है इसलिए वीपीएफ को भी इसका फायदा मिलता है. आप जितनी जल्दी निवेश करेंगे, आपका फंड उतना ही बड़ा होता जाएगा.
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6. म्यूचअल फंड और शेयर मार्केट
म्यूचुअल फंड और शेयर मार्केट में निवेश से भी आप बड़ा फंड बना सकते हैं. अगर शेयर मार्केट शुरू में आपको जटिल लगता है तो SIP के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश कर शेयर बाजार के बढ़ने का लाभ ले सकते हैं. आजकल कई ऐसी फिनटेक कंपनियां हैं, जो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश का बेहतरीन प्लेटफॉर्म मुहैया करा रही हैं. इसी तरह शेयर मार्केट में निवेश के लिए भी कई ऐप हैं.
7. निवेश का डाइवर्सिफिकेशन जरूरी
आपको अपने निवेश के डाइवर्सिफिकेशन पर ध्यान देना चाहिए. डाइवर्सिफिकेशन का मतलब यह है कि अपना सारा निवेश एक ही असेट में न करें. इसके बदले इसे बांट दें. आप रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड, शेयर और गोल्ड और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में अपने निवेश को डाइवर्सिफाई कर सकते हैं. इससे अलग-अलग सेक्टर के रिटर्न में आने वाले उतार-चढ़ाव से होने वाले घाटे से आप बच सकेंगे.