/financial-express-hindi/media/post_banners/LpvpOSk5AxScHwtqjHgE.jpg)
बीमा नियामक IRDAI ने कोरोना संक्रमितों के अस्पताल के खर्चों को कवर करने के लिए एक्सक्लूसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लांच किया था जिसमें एक Corona Kavach है.
Corona Kavach: बीमा नियामक IRDAI ने कोरोना संक्रमितों के अस्पताल के खर्चों को कवर करने के लिए एक्सक्लूसिव हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लांच किया था जिसमें एक Corona Kavach है. हालांकि इस बार कोरोना महामारी की दूसरी लहर बहुत खतरनाक साबित हो रही है. जिसके चलते अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है. इसके अलावा संक्रमितों की संख्या इतनी अधिक है कि अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ रहे तो माइल्ड केसेज वाले मरीजों का घर पर ही इलाज चल रहा है. ऐसी परिस्थितियों में भी कोरोना कवच पॉलिसी के तहत कवर मिलता है लेकिन इसके लिए कुछ गाइडलाइंस हैं जिनका पालन होना जरूरी है तभी क्लेम सेटलमेंट प्रॉसेस आसानी से हो सकेगा. इन गाइडलाइंस में उन सभी खर्चों का भी जिक्र है जो क्लेम में कवर किए जाएंगे.
IRDAI के गाइडलाइंस के मुताबिक कैशलेस या रीइंबर्समेंट फैसिलिटी भी उपलब्ध है. हालांकि यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि इन सर्विसेज या ट्रीटमेंट से पहले ही बीमा कंपनी से अप्रूवल लेना होगा और इस प्रकार के रिक्वेस्ट पर 2 घंटे के भीतर एक्शन लेना होगा.
भारत में कोरोना का ट्रिपल म्यूटेंट पूरी दुनिया के लिए खतरा-WHO; क्या इस पर वैक्सीन है कारगर
14 दिनों तक होम केयर ट्रीटमेंट एक्सपेंसेज होगा कवर
घर पर ही कोरोना संक्रमण का इलाज कराने पर 14 दिनों तक का खर्च कोरोना कवच पॉलिसी के तहत कवर होगा. हालांकि यह इलाज किसी डॉक्टर की निगरानी में ही होना चाहिए. नीचे उन परिस्थितियां के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिसमें कोरोना कवच पॉलिसी के तहत कवरेज लिया जा सकता है.
- घर पर इलाज किसी मेडिकल प्रैक्टिशनर (डॉक्टर) की निगरानी में हो रहा हो)
- घर पर इलाज के दौरान हर दिन मेडिकल प्रैक्टिशनर कोरोना संक्रमित के स्वास्थ्य पर निगरानी करें.
- हर दिन की मॉनिटरिंग चार्ट में ट्रीटमेंट का रिकॉर्ड्स भी शामिल है जिस पर इलाज करने वाले डॉक्टर के हस्ताक्षर होने चाहिए.
Covid-19 Vaccine: अब बच्चों का भी होगा वैक्सीनेशन, Pfizer-BioNTech को अमेरिका ने दी मंजूरी
ये चीजें Corona Kavach में होती हैं कवर
कोरोना कवच के तहक पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलिंडर और नेबुलाइजर कवर होती हैं लेकिन उसे किसी मेडिकल प्रैक्टिशनर ने प्रेस्क्राइब किया हो. हालांकि यह बीमा कंपनी की तरफ से कंफर्म कर लेना चाहिए कि रिफिलिंग की लागत को कवर किया जाएगा या पूरे ऑक्सीजन सिलिंडर की लागत को. इसी प्रकार अगर इलाज कर रहे मेडिकल प्रैक्टिशनर ने नीचे दी गई चीजों को प्रेस्क्राइब किया हो तो इसे इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर होगा.
- घर या किसी डायग्नोस्टिक सेंटर पर डायग्नोस्टिक टेस्ट.
- लिखित में प्रेस्क्राइब की गई दवाइयां.
- मेडिकल प्रैक्टिशनर का कंसल्टेशन चार्जेज.
- मेडिकल स्टॉफ से संबंधित नर्सिंग चार्जज.
- मेडिकल प्रोसीजर, हालांकि यह दवाइयों के पैरेंटेरल एडमिनिस्ट्रेशन तक ही सीमित रहेगा.
- पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलिंडर और नेबुलाइजर.
(Article: Sunil Dhawan)