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ITR Filing Deadline: क्या है देरी माफी विकल्प? डेडलाइन निकल जाने के बाद भी नहीं देनी होगी पेनाल्टी

ITR Filing 2025: आयकर विभाग की कंडोनेशन ऑफ डिले रिक्वेस्ट क्या है? किन हालात में टैक्सपेयर इस विकल्प का कर सकते हैं इस्तेमाल? समझिए पूरी डिटेल

ITR Filing 2025: आयकर विभाग की कंडोनेशन ऑफ डिले रिक्वेस्ट क्या है? किन हालात में टैक्सपेयर इस विकल्प का कर सकते हैं इस्तेमाल? समझिए पूरी डिटेल

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Mithilesh Kumar
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Income Tax Condonation Request

इमरजेंसी जैसी स्थिति में कैस करें कंडोनेशन ऑफ डिले के लिए रिक्वेस्ट, स्टेप बाय स्टेप प्रासेस. (Image: IT Dept Web)

घर में किसी की मृत्यु या अन्य कोई इमरजेंसी जैसी स्थिति आने पर कुछ टैक्सपेयर वक्त पर रिटर्न फाइल नहीं कर पाते. इन हालात में आयकर विभाग टैक्सपेयर को थोड़ी सहूलियत देता है. इस तरह के हालात से जूझ रहे टैक्सपेयर विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधा कंडोनेशन ऑफ डिले (condonation of delay option) यानी देरी माफ के विकल्प के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं.  

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने वित्तमंत्री को टैग कर कहा कि मैम अगर कोई सीनियर सिटीजन जो टैक्स तो भर दिया, लेकिन खराब तबीयत की वजह से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) समय पर नहीं भर सका और इस बीच असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आईटीआर भरन की डेडलाइन निकल गई तो क्या उस सीनियर सिटिजन के लिए कोई विकल्प है जिससे उसे मदद मिल सके?

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जवाब में इनकम टैक्स विभाग ने कहा -हां, अगर टैक्सपेयर सच में परेशानी में हैं, तो वे कंडोनेशन ऑफ डिले (Condonation of Delay) के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं. ये इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 119(2)(b) के तहत होता है. इसके लिए सर्कुलर 11/2024 के तहत टैक्सपेयर को  आयकर विभाग के पास कंडोनेशन रिक्वेस्ट देनी पड़ती है. अगर विभाग इस रिक्वेस्ट को स्वीकार लेता है, तो आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर ITR ऑनलाइन फाइल कर सकते हैं. 

क्या है कंडोनेशन ऑफ डिले रिक्वेस्ट?

आयकर विभाग के मुताबिक अक्सर लोग अस्पताल में भर्ती होने, घर में किसी की मृत्यु या अन्य गंभीर कारणों से समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाते. ऐसे मामलों में राहत देने के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर यह सुविधा शुरू कर दी गई है. इसके जरिए टैक्सपेयर देरी माफ करने की अपील यानी कंडोनेशन ऑफ डिले रिक्वेस्ट कर सकता है. अगर विभाग यह अनुरोध स्वीकार कर लेता है, तो टैक्सपेयर को एक्ट्रा टैक्स, पेनल्टी या ब्याज नहीं देना पड़ेगा.

कंडोनेशन ऑफ डिले रिक्वेस्ट एक्सेप्ट होने के बाद ध्यान देने वाली बात यह है कि ऐसे टैक्सपेयर को सबूत देना होगा. विभाग के अनुसार, आवेदक द्वारा बताया गया कारण वास्तविक होना चाहिए और अपने दावे को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत भी उपलब्ध कराने होंगे. इस सुविधा का लाभ असेसमेंट ईयर के अंत तक उठाया जा सकता है.

कंडोनेशन ऑफ डिले विकल्प के लिए कैसे करें रिक्वेस्ट

  • सबसे पहले विभाग की वेबसाइट (https://eportal.incometax.gov.in) पर लॉगिन करें.
  • डैशबोर्ड पर जाकर ‘सर्विस’ विकल्प में जाकर ‘Condonation Request’ लिंक पर क्लिक करें.
  • फिर ‘Application for Statutory Forms’ का चुनाव करें.
  • अंत में ‘Create Condonation Request’ बटन दबाकर प्रक्रिया पूरी करें.
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